ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों के मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी पर लिए किए बदलाव

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ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों के मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी पर लिए किए बदलाव




ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों के मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी(MNP) पर किए बदलाव

नई दिल्ली।

 टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने हाल ही में संशोधित मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी ​(MNP) की प्रक्रिया के संबंध में सार्वजनिक नोटिस जारी किया था। TRAI के मुताबिक, 16 दिसंबर से मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी  की प्रक्रिया पहले की अपेक्षा अब और आसान हो जाएगी। इसके बाद कोई भी यूजर अपने ऑपरेटर को आसानी से बदल सकता है. इसके लिए उन्हें मोबाइल नंबर नहीं बदलना होगा।

 पोर्टिंग प्रक्रिया की अवधि होगी कम

ट्राई ने इस नई प्रक्रिया में यूनिक पोर्टिंग कोड (UPC) के क्रिएशन का शर्त लेकर आया है। नए नियम के तहत अब सर्विस एरिया के अंदर अगर कोई पोर्ट कराने का आग्रह करता है, तो उसे 3 वर्किंग डे में पूरा करना होगा। वहीं, एक सर्किल से दूसरे सर्किल में पोर्ट के आग्रह को 5 वर्किंग डे में पूरा करना होगा।


आपको बता दें कि , ट्राई ने स्पष्ट किया है कि कॉरपोरेट मोबाइल कनेक्शनों की पोर्टिंग की समयसीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। नई प्रक्रिया 16 दिसंबर से लागू कर दी गई है। मोबाइल उपभोक्ता यूपीसी को क्रिएट कर सकेंगे और मोबाइल नंबर पोर्टिंग प्रक्रिया का लाभ उठा सकते हैं।

 नियम में यह भी शामिल

नई प्रक्रिया के नियम तय करते हुए ट्राई (TRAI) ने कहा कि अलग अलग शर्तों के पॉज़िटिव अनुमोदन से ही यूपीसी का क्रिएट किया जा सकेगा। उदाहरण के लिए पोस्ट पेड मोबाइल कनेक्शनों के मामले में ग्राहक को अपने बकाया के बारे में संबंधित आपरेटर से प्रमाणन लेना होगा।
इसके अलावा मौजूदा आपरेटर के नेटवर्क पर उसे कम से कम 90 दिन तक एक्टिव भी रहना होगा।लाइसेंस वाले सेवा क्षेत्रों में यूपीसी चार दिन के लिए वैलिड होगा. वहीं जम्मू-कश्मीर, असम और पूर्वोत्तर सर्किलों में यह 30 दिन तक वैलिड रहेगा।

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