आधुनिक मशीनों से कचरे से बन रहा है कम्पोस्ट, 36 टन प्रतिदिन कचरे से बनाया जा रहा खाद

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आधुनिक मशीनों से कचरे से बन रहा है कम्पोस्ट, 36 टन प्रतिदिन कचरे से बनाया जा रहा खाद




आधुनिक मशीनों से कचरे से बन रहा है कम्पोस्ट, 36 टन प्रतिदिन कचरे से बनाया जा रहा खाद

उज्जैन 03 दिसम्बर  
उज्जैन नगर निगम द्वारा गोंदिया ट्रेंचिंग ग्राउण्ड पर आधुनिक मशीनों से कचरे का निपटान किया जा रहा है। 36 एकड़ क्षेत्रफल मे फैले इस ट्रेंचिंग ग्राउण्ड पर 350 टन कचरे के निपटान की क्षमता स्थापित की गई है। उज्जैन नगर निगम द्वारा यहा पर प्रतिदिन 250 टन कचरे की रिसायकलिंग की जा रही है तथा 36 टन उर्वरक बनाया जा रहा है। 
नगर निगम आयुक्त  श्री क्षितिज सिंघल ने जानकारी देते हुए बताया कि वेस्ट मैनेजमेंट के तहत उज्जैन शहर के कचरे का संग्रहण, रख-रखाव, परिवहन, रिसायकलिंग किया जा रहा है। शहर में उत्पन्न होने वाले गीले एवं सूखे कचरे का पृथक-पृथक संकलन कर छटाई की जाती है। इसके बाद इसका परिवहन कर ट्रेंचिंग ग्राउण्ड पर पहुँचाया जाता है। नगरीय क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले कचरे का निपटान करने के लिए सम्पूर्ण कचरे का पृथकीकरण 03 अलग-अलग भागों में किया जाता है। प्रथम भाग में आर्गेनिक कचरा जिसमें किचन वेस्ट, एग्रो वेस्ट, वेजिटेबल वेस्ट एवं गार्डन वेस्ट शामिल किए जाते हैं। द्वितीय भाग में री-साईकलेबल कचरा जिसमें प्लास्टिक, पेपस, सिरिंज, टीन केन, मैटल एवं ग्लास शामिल है। अन्य कचरे में रेती, गिट्टी, मिट्टी को शामिल किया जाता है।  गोंदिया ट्रेंचिंग ग्राउण्ड पर स्थापित किए गए संयत्र में ट्रांसफर स्टेशन से प्राप्त होने वाले कचरे को प्री-सार्टिंग शेड में डंप किया जाता है। इसके बाद इसे ऑटो फीडर में लोड किया जाता है। यहां पर 100 मिलीमीटर का कचरा अलग होकर ट्रैक्टर ट्रॉली के माध्यम से अलग-अलग प्रोसेसिंग यूनिट  में भेजा जाता है। छंटनी  में 100 मिलीमीटर से बड़ी साइज का कचरा अलग ट्रॉली में संकलित होता है। कचरे में प्लास्टिक, रबर, मेटल, कांच आदि शामिल होते हैं, इनको भी अलग करके रखा जाता है। ऑर्गेनिक कचरे  का  नियंत्रित विधि से 30 दिन तक  विघटीकरण किया  जाता है । इस तरह  आर्गेनिक  कम्पोस्ट बनने  की प्रक्रिया पूरी होती है। इस पूरे आर्गेनिक मैटेरियल को 30 दिन बाद कंपोस्ट प्लांट में शिफ्ट करके फिर से 35 मिलीमीटर स्क्रीन से गुजारा जाता है। 32 मिली मीटर और 16 मिली मीटर के रिजेक्टेड टुकड़े जिनमें प्लास्टिक के कण होते हैं अलग हो जाते हैं। इस प्रक्रिया से प्राप्त फिनिश्ड प्रोडक्ट को फिर से 21 दिन तक उपचार  पर रखा जाता है । 21 दिन बाद अंतिम उत्पाद को डिस्टोन मशीन से गुजार कर रेत आदि  की अशुद्धियां दूर की जाती है । इसके बाद कंपोस्ट को बोरी में रखकर बाजार में भेजा जाता है। इस विधि से 30 दिन में शहर में एकत्रित होने वाला कचरा उपयोगी खाद बन रहा है ।

5 एकड़ ग्रीन एरिया विकसित

       नगरनिगम  के निर्देशन में उज्जैन वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी ने  ट्रेन्चिंग ग्राउंड की तस्वीर बदल दी है ।जहां  कभी कचरे के  पहाड़  दिखाई  पड़ते  थे   वहां पर लगभग 5000 से अधिक पौधे लगाकर बगीचा विकसित कर दिया गया है ।साथ ही 100 मीटर में   बांस की  क्यारी  बनाई गई है । बगीचे को और अधिक विस्तार दिया जा रहा है। अब यहां आने पर लगता ही नहीं कि यहां  कभी कचरे के पहाड़ हुआ करते थे।

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