【आर.बी.सिंह राज】एफआईआर के बावजूद 2 माह तक पुलिस ने क्यों दबाए रखा मामला,डॉ. शिवम आत्महत्या काण्ड में आया नया खुलासा

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【आर.बी.सिंह राज】एफआईआर के बावजूद 2 माह तक पुलिस ने क्यों दबाए रखा मामला,डॉ. शिवम आत्महत्या काण्ड में आया नया खुलासा



【आर.बी.सिंह, राज】एफआईआर के बावजूद 2 माह तक पुलिस ने क्यों दबाए रखा मामला,डॉ. शिवम आत्महत्या काण्ड में आया नया खुलासा


आखिर ऐसी कौन सी मजबूरियां थी पुलिस के पास...?

डॉ. शिवम आत्महत्या काण्ड में आया नया खुलासा..


सीधी।

*चुरहट सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ रहे डा. शिवम मिश्रा के आत्महत्या काण्ड मामले में आये दिन नये खुलासे सामने आ रहे हैं। इस आत्महत्या कांड की जांच रिपोर्ट आने के उपरांत जहां 4 लोगों को इसका दोषी करार दिया गया है तो वहीं इस पूरे मामले में एफआईआर दर्ज करने के बावजूद पूरे मामले को 2 माह से अधिक समय तक छुपाए रहने से पुलिस पर भी सवालिया निशान खड़े हो गए हैं ?*

♦️ *पुलिस के जारी प्रेस नोट पर सवाल*

*डॉ शिवम मिश्रा हत्याकांड को लेकर चुरहट थाना पुलिस द्वारा बीते माह 24 मई को विधिवत एक प्रेस नोट जारी करके इस आत्महत्या कांड में दोषी करार दिए गए 4 लोगों के नामों का खुलासा किया गया था और पूरे घटना का विवरण बताया गया था परंतु उस वक्त भी एक सवाल अखबारनवीशों के जेहन में बाकी था कि उस प्रेस नोट में पुलिस ने एफआईआर क्रमांक एवं उसके दिनांक का कहीं पर भी उल्लेख नहीं किया था।*
*'स्टार समाचार' ने उसी दिन से इस बात को लेकर अपनी खोजी पत्रकारिता की पड़ताल प्रारंभ की थी परंतु संबंधित थाने चुरहट द्वारा इस पूरे मामले में अपराध क्रमांक और दिनांक की जानकारी देने को लेकर हीलाहवाली की जाती रही।*
*अंततः 'स्टार समाचार' ने अपने न्यायालयीन सूत्रों के मार्फत जब इस पूरे मामले का विवरण प्राप्त किया तो पुलिस द्वारा 4 लोगों पर एफआईआर करने वाले अपराध क्रमांक से लेकर दिनांक तक का खुलासा हुआ जिसके उपरांत अब खुद चुरहट पुलिस की भूमिका पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं ?*

♦️ एसडीएम चुरहट ने की थी मामले की जांच*

डॉ शिवम मिश्रा आत्महत्या कांड को लेकर भारी दबाव के बीच जिला प्रशासन द्वारा एसडीएम चुरहट को इस पूरे मामले की जांचकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। जिस पर उन्होंने अपनी जांच उपरांत जो रिपोर्ट प्रस्तुत की उसमें 4 लोगों को इस पूरे मामले का दोषी करार दिया गया।
*एसडीएम की जांच रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरे मामले में प्रमुख अभियुक्त नर्स अंजना मर्सकोले एवं सह अभियुक्त के रूप में तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. आरएल वर्मा, चुरहट के स्टाफ एएच सिद्दीकी तथा केके पांडे को दोषी पाया गया है।*

♦️ कब हुई थी एफआईआर...?

*एसडीएम चुरहट की जांच रिपोर्ट के उपरांत मामले की प्रमुख अभियुक्त नर्स अंजना मर्सकोले तथा तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. आरएल वर्मा, चुरहट स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ एएच सिद्दीकी तथा केके पांडे के खिलाफ अपराध क्रमांक- 219 के तहत दिनांक- 20 अप्रैल 2020 को ही चुरहट थाने में धारा 306, 120बी के तहत मामला दर्ज कर लिया गया था।*

♦️ 2 माह 4 दिन बाद किया मीडिया में खुलासा

*इस पूरे मामले पर पुलिस जिस बात को लेकर कठघरे में है वो ये है कि जब डॉ. शिवम मिश्रा आत्महत्या कांड में धारा 306, 120बी जैसी गंभीर धाराओं के तहत मामला 20 अप्रैल 20 को चुरहट थाने में दर्ज किया गया था तो पुलिस ने उसे 24 मई 20 तक मीडिया से क्यों छुपाए रखा ?

तथा जब यह बात मीडिया के सामने आई भी तो मीडिया को इस पूरे मामले में अपराध क्रमांक तथा धाराएं बताने से पुलिस क्यों बचती रही ?

♦️ गिरफ्तारी न करने पर सवाल ?

*इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर ये भी सवाल उठ रहे हैं कि पुलिस द्वारा इस मामले के चारों आरोपियों को इतने गंभीर धाराओं के मामले में एफआईआर दर्ज होने के उपरांत उन्हें गिरफ्तार करने के वजाए आरोपियों को कानूनी बचाव में प्रयास करने के लिए उन्हें मोहलत क्यों दी गई ?
जबकि एफआईआर दर्ज होने के उपरांत ये सभी शासकीय अधिकारी और कर्मचारी सीधी जिले में ही अपनी-अपनी ड्यूटी करते रहे।

♦️ क्यों की थी डॉ शिवम मिश्रा ने आत्महत्या

चुरहट अस्पताल में अपनी पदस्थगी के उपरांत डॉक्टर शिवम मिश्रा द्वारा ड्यूटी में लापरवाही करने पर नर्स अंजना मर्सकोले को जब हिदायतें दी जाने लगी तो उसने डॉक्टर शिवम के खिलाफ साजिश रचना प्रारंभ कर दिया।
नर्स ने डॉक्टर शिवम मिश्रा के खिलाफ चुरहट थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उन्होंने उसके साथ छेड़छाड़ की है जिस पर नर्स ने अपनी तरफ से दो गवाह एएच सिद्दीकी और केके पांडे के बयान भी दर्ज करवाए थे।* *डॉक्टर शिवम मिश्रा के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत भी मामले दर्ज करवाए गए थे जिससे अपनी मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर के डॉ शिवम मिश्रा ने 27 जनवरी 2019 को सीलिंग फैन में फांसी पर लटक कर आत्महत्या कर ली थी।*

♦️ नर्स ड्यूटी के दौरान भोपाल में कर रही थी कोर्स...

स्टाफ नर्स अंजना मर्सकोले जहां एक ओर चुरहट के अस्पताल में शासकीय सेवारत थी वहीं दूसरी ओर वो भोपाल में रहकर पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई सैम कॉलेज ऑफ नर्सिंग भोपाल से बिना शासन की अनुमति के नियमित रूप से कर रही थी। जिस हेतु स्टाफ नर्स द्वारा 15 अगस्त 2017 को नर्सिंग कॉलेज में प्रवेश लिया गया और नियमित उपस्थिति भी दर्ज कराई गई और गरीब बनकर शासन से पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति भी ऑनलाइन आवेदन क्रमांक 2973505 द्वारा 13 अप्रैल 2018 को 29, 240 रुपए अपने पंजाब नेशनल बैंक की शाखा नेहरू नगर भोपाल में स्थित खाते में ली गई। यही नहीं उसको भोपाल के कॉलेज द्वारा 75 प्रतिशत वार्षिक उपस्थिति का प्रमाण पत्र भी छात्रवृत्ति विभाग को जारी किया गया। तब जाकर विभाग द्वारा उनको उनके खाते में छात्रवृत्ति की राशि दी गई।

 *किसे किस मामले का बनाया गया दोषी ?*

*सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक डॉक्टर शिवम मिश्रा आत्महत्या कांड में जहां नर्स अंजना मर्सकोले को प्रमुख अभियुक्त बनाया गया है वहीं तत्कालीन सीएमएचओ डॉ आरएल वर्मा को इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग के जिले के सर्वोच्च पद पर रहते हुए लापरवाही और अनदेखी के लिए दोषी पाने पर आरोपी बनाया गया है जबकि चुरहट अस्पताल में पदस्थ अन्य दो लोगों एएच सिद्दीकी तथा केके पांडे को फर्जी गवाही देने के मामले में दोषी करार दिया गया है।

♦️ *सभी आरोपी चल रहे हैं फरार...*



डॉ शिवम मिश्रा हत्याकांड के चारों अभियुक्तों द्वारा सीधी जिला न्यायालय के एडीजे कोर्ट में अपनी अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई गई थी जिसे खारिज कर दिया गया है और अब इन चारों आरोपियों द्वारा उच्च न्यायालय में अपनी अर्जी लगाने का प्रयास किया जा रहा है परंतु हाल फिलहाल ये चारों आरोपी पुलिस की नजर में फरार बताए जा रहे हैं।

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