【आर.बी.सिंह, राज】मौत बांट रहा जिला चिकित्सालय, अस्पताल की लापरवाही से फिर युवक की मौत

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【आर.बी.सिंह, राज】मौत बांट रहा जिला चिकित्सालय, अस्पताल की लापरवाही से फिर युवक की मौत



मौत बांट रहा जिला चिकित्सालय, अस्पताल की लापरवाही से फिर युवक की मौत

अस्पताल प्रबंधक पर कार्रवाई नहीं होने पर उठे सवाल



 सीधी।

सीधी जिला चिकित्सालय नवागत सिविल सर्जन के फिर से जोइनिंग करते ही सुर्खियों में बना हुआ है। हफ्ते भर पहले सिविल सर्जन की लापरवाही से एक गरीब युवती की मौत का मामला अभी ठंडा हुआ भी नहीं था कि कल शुक्रवार को फिर से अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से एक युवक की मौत का मामला गर्मा गया है। जिला अस्पताल में होने वाली मौतों के मामले में प्रबंधन के दोषी अधिकारीयों के ऊपर कार्यवाही नहीं होने से सवाल भी उठने  लगे हैं।


👉क्या है पूरा मामला:-

कमर्जी थाना अंतर्गत हिनौती निवासी संदीप चतुर्वेदी को बीते 16 जून को 5:30 बजे के लगभग छोटा हाथी एमपी 53 सीए 2070 ने ठोकर मार दी थी जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गया था। परिजनों के बयान के अनुसार आनन-फानन में उसे जिला चिकित्सालय लाया गया था। जिसमें शुरुआती उपचार चालू हो गया था वहीं मृतक के परिजनों का अस्पताल प्रबंधन पर आरोप है कि ज्यादा चोंट लगने के बाद भी सही उपचार नहीं किया गया, परिजनों द्वारा बताया गया कि एक हाथ फटा हुआ था जिसमें अस्पताल के द्वारा लापरवाही बरतने का नतीजा यह निकला कि हाथ में सड़न फैल गई। आरोप है कि मृतक के परिजन सही उपचार करने के लिए गुहार लगाते रहे लेकिन किसी ने नहीं सुना। बताया गया कि बीते शुक्रवार को शाम 4 बजे के लगभग भर्ती घायल की हालत बिगड़ने लगी तब आनन-फानन में जिला अस्पताल प्रबंधन के लोग रेफर का कागज बनाकर इसके से अपनी जान छुड़ाने की कोशिश करने लगे इसी दौरान जिला चिकित्सालय परिसर में ही युवक की मौत हो गई है।


👉एक हफ्ते में है दूसरी मौत:-

जिला चिकित्सालय में मौत का सिलसिला नहीं थम रहा है। आरोप है कि सिविल सर्जन की लापरवाही से ब्लड नहीं मिलने के कारण एक हफ्ता पहले शशि नाम की युवती की मौत हो गई थी। जिसका मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा कि बीते शुक्रवार को 4 बजे के लगभग अस्पताल की लापरवाही से यह दूसरी मौत का मामला सामने आया है।


👉कब रुकेगा मौत का सिलसिला:-

जिला चिकित्सालय में लापरवाह रवैया से मौत का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है जिसमें अब अस्पताल चर्चा का विषय बन गया है कि आखिर यह मौत का सिलसिला कब रुकेगा ? आखिर जिम्मेदार पर कार्रवाई कब होगी ? वहीं सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अस्पताल प्रबंधक के ऊपर राजनीतिक संरक्षण होने के चलते कोई भी उच्च अधिकारी मौत ऐसे मामलों में भी आंख मूंद कर बैठे रहते हैं।

इनका कहना है:-👇

अस्पताल की लापरवाही से मेरे भतीजे की मौत हो गई है। एक हाथ एक्सीडेंट होने के कारण फट गया था जिसमें अस्पताल में उपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों को बार-बार बताया कि हाथ से ब्लड गिर रहा है। वहीं लापरवाही पूर्वक हाथ में उल्टा टाका लगाया गया था जिसमें ज्यादा ब्लीडिंग हो रही थी तथा धीरे-धीरे हाथ सड़ गया जिसमें मेरे भतीजे की मौत हो गई है जिसका जिम्मेदार अस्पताल प्रशासन एवं यहां के डॉक्टर हैं।

राकेश उपाध्याय*
मृतक के परिजन

हमारे जीजाजी का 16 जून को एक्सीडेंट हो गया था जिसमें हम लोग जिला चिकित्सालय लेकर आए थे। अस्पताल में सही उपचार नहीं हुआ न ही उपचार के लिए कोई सामान है। पूरा हाथ सड़ गया था जब मृत्यु होने लगी तब डॉक्टरों ने रेफर कर दिया जहां अस्पताल परिसर में ही मौत हो गई है जिसका जिम्मेदार अस्पताल है।

*राजेश पाठक*
एडवोकेट
मृतक के परिजन


👉दोषियों पर कार्यवाही होगी:-

मुझे आपके द्वारा मामले की जानकारी हुई है मैं इस मामले की जांच करता हूं जो भी दोषी होगा इसमें निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।

रवींद्र चौधरी
कलेक्टर, सीधी

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