निजी नर्सिग होम, क्लीनिक आदि को आनलाइन पंजीयन कराने के निर्देश, नहीं कराने पर होगी वैधानिक कार्यवाही

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निजी नर्सिग होम, क्लीनिक आदि को आनलाइन पंजीयन कराने के निर्देश, नहीं कराने पर होगी वैधानिक कार्यवाही



निजी नर्सिग होम, क्लीनिक आदि को आनलाइन पंजीयन कराने के निर्देश, नहीं कराने पर होगी वैधानिक कार्यवाही

सीधी।

              मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी. एल. मिश्रा ने बताया कि म.प्र. उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 तथा नियम 1997 के अन्तर्गत निजी उपचर्या गृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाओं का पंजीकरण एवं नवीनीकरण की प्रक्रिया को सरल करने की दृष्टि से 01 अप्रैल 2015 से आनलाइन कर दिया गया है। इसके अन्तर्गत जिलान्तर्गत सीमा में चिकित्सा उपचार कर रहे समस्त निजी नर्सिग होम/क्लीनिक/पैथालाजी/निजी अस्पताल/सोनोग्राफी केन्द्र/एक्सरे केन्द्र, को इन नियमों के अधीन आनलाइन पंजीयन कराना आवश्यक है।
                 मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि ऐसे निजी नर्सिग होम/क्लीनिक/पैथालाजी/निजी अस्पताल/सोनोग्राफी केन्द्र/एक्सरे केन्द्र के संचालक, जिनके द्वारा अभी तक पंजीयन नहीं कराया गया है, आगामी 10 दिवस के भीतर अनिवार्य रूप से पंजीयन हेतु आनलाइन आवेदन प्रस्तुत कर पंजीयन की कार्यवाही करवाना सुनिश्चित करें। निरीक्षण के दौरान बिना पंजीयन के संचालित हो रहे निजी नर्सिग होम/क्लीनिक/पैथालाजी/निजी अस्पताल/सोनोग्राफी केन्द्र/एक्सरे केन्द्र के संचालक के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही करते हुये संस्था को सील करने की कार्यवाही की जावेगी। 
                  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जिलान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में फीवर क्लीनिक संचालित हैं। समस्त निजी नर्सिग होम/क्लीनिक/पैथालाजी जांच केन्द्र संचालको द्वारा सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार, सांस में तकलीफ एवं गले में दर्द जैसे लक्षण के रोगियों को नजदीकी फीवर क्लीनिक में जांच हेतु रेफर किया जाना सुनिश्चित किया जाय ताकि रोगियों का निःशुल्क जांच व समुचित उपचार कराया जा सके। निजी नर्सिग होम/क्लीनिक/पैथालाजी जांच केन्द्र के संचालको द्वारा जानकारी नहीं दिये जाने की स्थिति में सम्बन्धित के विरुद्ध कड़ी वैधानिक की जावेगी। उन्होंने समस्त जनमानस से अपील की है कि झोलाछाप चिकित्सा व्यवसायियों से चिकित्सा उपचार न करायें, कोई भी समस्या होने पर पंजीकृत चिकित्सकों से ही उपचार करायें।

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