जिला चिकित्सालय में ब्लड स्मगलिंग का खुलासा,कलेक्टर ने दिए एफआईआर दर्ज करने के आदेश

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जिला चिकित्सालय में ब्लड स्मगलिंग का खुलासा,कलेक्टर ने दिए एफआईआर दर्ज करने के आदेश




जिला चिकित्सालय में ब्लड स्मगलिंग का खुलासा,कलेक्टर ने दिए एफआईआर दर्ज करने के आदेश



सीधी।

जिला चिकित्सालय बिना मालिक की फौज हो गया है जहां जिला चिकित्सालय के सिक्योरिटी गार्ड अपनी ड्यूटी  कम और जरूरतमंदों के साथ ब्लड स्मगलिंग के गोरखधंधे में पूरा नेटवर्क चला रहे हैं। ऐसे ही एक मामले की बतौर बानगी घटना तो कल रविवार को सामने आई है परंतु जाने ऐसी कितनी घटनाएं अतीत में सुनने को मिलती रही हैं जिनका पूरी तरह खुलासा नहीं हो सका था।
बीते रविवार को उजागर हुआ पूरा मामला कैमरे में कैद हो गया। पीड़ित ने बताया कि सिक्योरिटी गार्ड सौ रुपए भी लेकर गायब हो गया है जो ब्लड मिलने तक लौट कर नहीं आया था। बाद में वापस आया और पांच सौ रुपए और मांगने लगा, यही नहीं पैसा नहीं देने पर गाली गलौज तथा मारपीट भी करने लगा था। 
वहीं पीड़ित ने सिक्योरिटी गार्ड के उपर कार्रवाई करने के लिए कलेक्टर से गुहार लगाई थी जहां कलेक्टर ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए हैं।

*क्या है पूरा मामला:-

पीड़ित प्रभु रावत पिता बुध्दसेन रावत 25 साल ने कलेक्टर से गुहार लगाते हुए बताया कि 3 दिन पहले डिलीवरी के लिए अपने परिजन को रात के समय चिकित्सालय में भर्ती कराया था जहां दूसरे दिन डॉक्टर ने खून की कमी बताया तथा खून की व्यवस्था करने के लिए कहा। 
पूरे मामले की जानकारी डिलीवरी वार्ड में तैनात गार्ड ने तत्काल बाहर गेट पर तैनात गार्ड को दी कि इस नाम के मरीज को डॉक्टर द्वारा ब्लड की मांग की गई है। जैसे ही पीड़ित के परिजन डिलीवरी वार्ड के बाहर मेन गेट के पास आए तभी उसको दूसरा सिक्योरिटी गार्ड अपने पास बुलाकर ब्लड देने की बात कहने लगा।

ऐसे होती है सौदेबाजी:-

पीड़ित के अनुसार गेट पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड ने पीड़ित को अपनी बातों में फंसाकर बैठा लिया तथा दस हजार रुपए लेकर ब्लड बैंक से ब्लड देने की बात कहने लगा। उक्त सिक्योरिटी गार्ड ने यह भी कहा कि अगर ब्लड बैंक में इस ग्रुप का ब्लड नहीं होगा तब हम बाहर से आदमी लाकर आपको ब्लड उपलब्ध कराएंगे। पीड़ित ने बताया कि इसके बाद सौदेबाजी होने लगी जहां सात हजार में ब्लड देने का सौदा तय हुआ। पीड़ित द्वारा बताया गया कि उक्त सिक्योरिटी गार्ड ने सौ रुपए रुपए एडवांस भी ले लिया। पीड़ित ने बाकी पैसा ब्लड मिलने के बाद देने को कहा।

*पैसा लेकर हुआ छूमंतर:-

मरीज के परिजनों ने बताया कि सिक्योरिटी गार्ड सौ रुपए लेने के बाद बोला कि आधे घंटे में आपको पूरा ब्लड मिल जाएगा आप अपना पैसा तैयार रखना तथा इतना बोलकर जिला चिकित्सालय से गायब हो गया जहां काफी देर तक पीड़ित सिक्योरिटी गार्ड को ढूंढता नजर आया।

*परिजनों ने दिया ब्लड:-

पीड़ित ने बताया कि सिक्योरिटी गार्ड के गायब होने के बाद अपने रिश्तेदारों को मोबाइल के माध्यम से पूरी बात बताई जहां रिश्ते में लगने वाली एक महिला ने ब्लड बैंक में आकर ब्लड दान किया तब जाकर मरीज को ब्लड चढ़ा। ब्लड चढ़ने के बाद उक्त सिक्योरिटी गार्ड भी दिख गया जिससे मरीज के परिजन द्वारा अपना पैसा वापस मांगने पर वो गाली गलौज कर मारपीट करने लगा। पीड़ित द्वारा बताया गया कि सिक्योरिटी गार्ड बोला की ब्लड देने वाले व्यक्ति को हम बुला कर लाए थे इसलिए तुम अभी पाँच सो और दो क्योंकि तुम ब्लड लो या ना लो लेकिन आने जाने का खर्चा तो देना ही पड़ेगा। इसी बात को लेकर सिक्योरिटी गार्ड ने पीड़ित के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए गाली गलौज भी की। वहीं पूरे मामले को कलेक्टर ने सिक्योरिटी गार्ड के ऊपर एफ आईआरदर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

*इनका कहना है

मामला बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है  ऐसा किसी भी गरीब के साथ नहीं होना चाहिए। मामले की जानकारी प्राप्त हुई है दोषी सिक्योरिटी गार्ड के ऊपर एफ आईआरदर्ज कर जेल भेजने का आदेश दिया गया है।

*रवींद्र चौधरी
*कलेक्टर, सीधी

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