बजरंग दल ने किया मंत्रोचारण के साथ शस्त्र पूजन,श्रीफल एवं अंगवस्त्र भेंटकर किया पूर्व सैनिकों का सम्मान

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बजरंग दल ने किया मंत्रोचारण के साथ शस्त्र पूजन,श्रीफल एवं अंगवस्त्र भेंटकर किया पूर्व सैनिकों का सम्मान



बजरंग दल ने किया मंत्रोचारण के साथ शस्त्र पूजन,श्रीफल एवं अंगवस्त्र भेंटकर किया पूर्व सैनिकों का सम्मान
 
 सीधी।
बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद सीधी नगर द्वारा आयोजित शस्त्र पूजन तथा पूर्व सैनिकों का सम्मान समारोह स्थानीय गायत्री मंदिर परिसर सीधी में कर शायं 6 बजे आयोजित किया गया। 
कार्यक्रम कैप्टन वी.पी. सिंह मुख्य अतिथि, सुरेश गुप्ता संरक्षक विहिप व प्रधुम्न विशष्ट अतिथि, गणेश सिंह परिहार कार्यकारी जिलाअध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद् की अध्यक्षता एवं सोहिल सोनी सह जिला संयोजक, पुजेरीलाल मिश्रा जिला मंत्री, अजीत सिंह सह मंत्री, रोहित राठौर नगर सयोंजक के विशेष उपस्थिति में सम्पन हुआ। 
कार्यक्रम में पूर्व सैनिकों का श्रीफल एवं अंगवस्त्र भेंटकर कैप्टन वी.पी. सिंह, डी.एस. सिंह, अवध किशोर तिवारी, बी.एम. वर्मा, सुबेदार मेजर गणेश पटेल, जानकी प्रसाद तिवारी, सुबेदार योग्य सेन गुप्ता, श्रीमान पांडेय, बी.पी.तिवारी, तुलसीदास पटेल, शिव पति दीक्षित, सिया सरन पटेल, शिव कुमार सोनी, छोटेलाल नामदेव, राजपाल गहरवार, श्याम लाल विश्वकर्मा, नरेश सिंह, दफेदार परिगन सिंह चौहान, हबलदार हनुमान सिंह चौहान, जालेम सिंह चौहान, अजय द्विवेदी, राधाकान्त द्विवेदी, ब्रिजराज सिंह, नायक श्याम सुंदर सिंह चौहान, सिंघनाथ चतुर्वेदी, एस.के. मिश्रा, राजेंद्र सिंह बघेल, सिधनाथ पटेल, राम सुंदर शर्मा का सम्मान किया गया। 
मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में कहा कि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयादशमी मनाई जाती है। इस दिन देवी अपराजिता की पूजा की जाती है। इस पूजा में मां रणचंडी के साथ रहने वाली योगनियों जया और विजया को पूजा जाता है। इनकी पूजा में अस्त्र-शस्त्रों को सामने रखकर पूजा करने की परंपरा रामायण और महाभारत काल से चली आ रही है। हमारी सेना आज भी इस परंपरा को निभाती है और विजयादशमी के दिन अस्त्र-शस्त्र की पूजा करती है। 
वहीं गणेश सिंह जिलाअध्यक्ष ने कहा कि शस्त्र पूजन की परंपरा आदिकाल से चली आ रही है। प्राचीन समय में राजा-महाराजा विशाल शस्त्र पूजन करते रहे हैं। आज भी इ‍स दिन सम्पूर्ण हिन्दू समाज घर घर शस्त्र पूजा करते हैं। हालांकि अब यह परंपरा समाप्त हो चुकी है, लेकिन शास्त्रीय आदेश के अनुसार यह प्रगति का प्रतीक है यह मानव को एक परिधि से संतुष्ट न होकर सदा आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। छत्रपति शिवाजी ने भी इसी दिन मां दुर्गा को प्रसन्न करके भवानी तलवार प्राप्त की थी। इस अवसर पर मुख्य रूप से यादवेंद्र गिरी, अरविन्द सिंह बंजारी, गगन अवधिया, माखन मिश्रा, अजीत सिंह मंटू, अनिल मिश्रा, शेखर भारती, सुभाष सोनी, हिमांशु गुप्ता, प्रितेन्द्र गौतम, नरेंद्र सिंह, अतुल शर्मा, विपिन परिहार, अशोक गुप्ता, संजय गिरी, पूनम सोनी समेत मातृशक्तिया एवं सैकड़ो की संख्या गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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