त्रिदिवसीय अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारम्भ हुआ

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त्रिदिवसीय अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारम्भ हुआ



त्रिदिवसीय अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारम्भ हुआ
 

उज्जैन ।
 त्रिदिवसीय अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारम्भ 25 नवम्बर बुधवार सायं पं.सूर्यनारायण व्यास सांस्कृतिक संकुल में किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि म.प्र. शासन की पर्यटन, संस्कृति एवं आध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर थीं तथा अध्यक्षता म.प्र. शासन के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव द्वारा की गई। सारस्वत अतिथि वरिष्ठ संस्कृत विद्वान् प्रो.मिथिलाप्रसाद त्रिपाठी इंदौर थे। इसके पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव द्वारा कवि कालिदास की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया।

 मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि शासन ने कोरोनाकाल के बावजूद यह तय किया कि कालिदास समारोह की परम्परा टूटने न पाये। इसलिये त्रिदिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि संस्कृति विभाग प्रत्येक आदमी को और क्या दे सकता है, इस पर सुझाव लिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि कवि कुलगुरू कालिदास पर व्याख्यान दिया जाये तो शब्द कम पड़ेंगे। संस्कृति मंत्री ने कहा कि देवभाषा संस्कृत के लोकव्यापीकरण के लिये प्रयास किये जाना चाहिये। संस्कृति मंत्री ने कार्यक्रम में शिवतांडव स्त्रोत की गाकर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि महाकवि कालिदास ने अपने साहित्य में प्रकृति से लेकर परमात्मा तक का चित्रण किया है। उन्होंने कहा कि कालिदास ऐसे विद्वान थे, जिनकी टक्कर का कोई दूसरा विद्वान बाद में विश्व में नहीं हुआ। उच्च शिक्षा मंत्री ने विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति को कहा कि संस्कृति की इस नगरी में नाट्य पर विक्रम विश्वविद्यालय कोर्स प्रारम्भ करे। उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य शोधपीठ के लिये बिड़ला शोध संस्थान का भवन आवंटित हो गया है। डॉ.यादव ने संस्कृति मंत्री से आग्रह किया कि उज्जैन संभाग को धर्मस्व का संभाग भी बनाया जाये। साथ ही उन्होंने कालिदास अकादमी परिसर स्थित मुक्ताकाशी मंच को कवर्ड नाट्यशाला में बदलने के प्रयास का आग्रह भी किया। डॉ.यादव ने कहा कि वर्तमान में देश में जिस तरह का अनुकूल वातावरण चल रहा है, इस समय शक संवत के स्थान पर विक्रम संवत को प्रचलन में लाने के प्रयास किये जाना चाहिये।

 सारस्वत अतिथि डॉ.मिथिलाप्रसाद त्रिपाठी ने कवि कालिदास के साहित्य पर प्रकाश डाला। विधायक डॉ.बहादुरसिंह चौहान ने कहा कि कालिदास समारोह के कारण विश्व में उज्जैन की पहचान स्थापित हुई है। कार्यक्रम में कालिदास की सात महत्वपूर्ण कृतियों पर केन्द्रित ग्रंथ कालिदास कलश सुषमा का विमोचन किया गया। विमोचन डॉ.योगेश्वरी फिरोजिया द्वारा करवाया गया। इस ग्रंथ में 500 से अधिक चित्रकृतियों का प्रकाशन किया गया है। कार्यक्रम के आरम्भ में अतिथियों का स्वागत कालिदास संस्कृत अकादमी की निदेशक सुश्री प्रतिभा दवे द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पाण्डेय ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में संभागायुक्त श्री आनन्द कुमार शर्मा, कलेक्टर श्री आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री सत्येंद्र शुक्ला, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री करण कुमारिया, श्री रूप पमनानी, श्री विवेक जोशी, संस्कृति विभाग के उप संचालक श्री पीके झा, पूर्व विधायक श्री राजेन्द्र भारती, श्री आनन्दशंकर व्यास सहित गणमान्य अतिथि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन प्रो.शैलेंद्र कुमार शर्मा ने किया तथा आभार प्रदर्शन डॉ.संतोष पण्ड्या ने किया।

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