अर्जुन सिंह की संवेदनशीलता उनके कर्म का मूल मंत्र था, कुंवर अर्जुन सिंह को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

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अर्जुन सिंह की संवेदनशीलता उनके कर्म का मूल मंत्र था, कुंवर अर्जुन सिंह को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि



अर्जुन सिंह की संवेदनशीलता उनके कर्म का मूल मंत्र था, कुंवर अर्जुन सिंह को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि


समाधि स्थल में पूर्व नेता प्रतिपक्ष समेत अन्य ने की पुष्पांजलि

 सीधी

वरिष्ठ नेता कुंअर स्व. अर्जुन सिंह के आज 91 वे जन्म दिवस पर उनकी समाधि स्थल राव सागर चुरहट एवं अस्पताल चौक सीधी में स्थापित प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर पुण्य स्मरण किया गया। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह “राहुल” सहित रीवा, सतना, शहडोल, सिंगरौली के कांग्रेस नेताओं सहित आमजनों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया। 

*मानस भवन में आयोजित हुई व्याख्यान माला* 

इस अवसर पर उनकी याद में सीधी शहर के मानस भवन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेंद्र सिंह भदोरिया के संयोजकत्व में आयोजित चित्र प्रदर्शनी एवं 'हमारी विरासत: अर्जुन सिंह' व्याख्यान माला कार्यक्रम में अजय सिंह ने कहा कि आज हम उस शख्सियत की याद में एकत्र हुये हैं जिन्होंने अपनी उदारता से न केवल मध्यप्रदेश बल्कि देश में अपनी पहचान बनाई। राजनीति में संवेदनशीलता उनके कर्म का मूल मंत्र था। उनके इसी व्यक्तित्व की वजह से आज भी लोग उन्हें इज्जत के साथ मन से याद करते हैं। इसकी झलक मैंने अभी हाल ही में अपने चुनावी दौरे के दौरान महसूस की। हर जगह उनके समकालीन नेता आज भी उनकी बात करते हैं। उनसे मिलने वाले हर व्यक्ति के पास दाऊ साहब द्वारा मदद करने की एक न एक याददाश्त जरूर रहती है। उन्होंने कहा कि दाऊ साहब के लंबे राजनीतिक जीवन में उन्होंने अपनी कार्यशैली से हमेशा लोगों को यह संदेश दिया कि जीवन एक संघर्ष है जिसमें आत्मविश्वास के सहारे रास्ता बनाया जा सकता है। वे कितने ही बड़े पद पर क्यों न पहुँच जाएं लेकिन उनके पैर हमेशा जमीन पर रहते थे। इसलिए वे अपने आपको कांग्रेस के सिपाही के रूप में संबोधित करते थे। राजनीति में उन्होंने हमेशा धैर्य रखा। गरीब लोगों के लिए काम करना उनकी राजनीतिक यात्रा के प्राथमिकता क्रम में था। यही कारण है कि बड़े-बड़े निर्णयों में स्व. इंदिरा जी और राजीव जी उनकी सलाह को काफी गंभीरता से सुनते थे। उनके वक्तव्य भी सदन में बड़ी गंभीरता से सुने जाते थे। 
अजय सिंह ने कहा कि वे प्रतिपक्ष को पूरा सम्मान देते थे। भले ही विचार धारा कुछ भी हो लेकिन मन में राजनीतिक कटुता बिलकुल भी नहीं थी। जनहित के कामों में वे विपक्षी पार्टी के नेताओं से मशविरा करने में कभी गुरेज नहीं करते थे। लेकिन आज की राजनीति में अब वह बात नहीं रह गई है। आज स्व. अर्जुन सिंह हमारे बीच नहीं है लेकिन उनके आदर्श हम सभी को हमेशा रास्ता दिखाते रहेंगे। 

व्याख्यान माला में प्रो. यू. पी. सिंह, प्रो. डॉ. लहरी सिंह व प्रो. डॉ. महेश शुक्ला “दीवाना” एवं श्री राहुल ने अपने विचार, संस्मरण व देश-समाज को दी गई विरासत पर प्रकाश डाला। 
 व्याख्यान माला का सार रहा कि- वह ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने अपनी उदारता से न केवल मध्यप्रदेश बल्कि देश में अपनी पहचान बनाई।  राजनीति में संवेदनशीलता उनके कर्म का मूल मंत्र था। उनके इसी व्यक्तित्व की वजह से आज भी लोग उन्हें इज्जत के साथ मन से याद करते हैं। उन्होंने राजनीतिक जीवन में अपनी कार्यशैली से हमेशा लोगों को यह संदेश दिया कि "जीवन एक संघर्ष है, जिसमें आत्मविश्वास के सहारे रास्ता बनाया जा सकता है"। 
मंच संचालन सोमेश्वर सिंह ने किया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री कमलेश्वर द्विवेदी, राजाराम त्रिपाठी, पूर्व विधायक सुखेन्द्र सिंह “बन्ना”, चिंतामणि तिवारी, सुधीर सिंह तोमर सहित आम जनमानस उपस्थित था।

*प्रदर्शनी का आयोजन

इस अवसर पर स्थानीय मानस भवन में कुंअर साहब के जीवन पर आधारित चित्र प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया ।


स्व. चंद्र प्रताप तिवारी की प्रतिमा पर माल्यार्पण

मानस भवन में आयोजित व्याख्यानमाला में शिरकत करने के पूर्व, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने परिसर में कुंवर अर्जुन सिंह द्वारा अतीत में स्थापित कराई गई स्वर्गीय चंद्र प्रताप तिवारी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया।


शिवसेना ने दाऊ साहब को याद कर दी श्रद्धांजलि

शिवसेना जिला इकाई द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री कुंवर अर्जुन सिंह को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस बीच शिवसेना जिलाध्यक्ष विवेक पांडेय ने कहा कि दाऊ साहब जब इलाहाबाद में पढ़ते थे उस टाइम पर महात्मा गांधी इलाहाबाद आए हुए थे उन्हें देखने 7 साल की उम्र में दाऊ साहब देखने गए, गांधीजी जब उनके सामने से गुजरे और दाऊ साहब की टाई पकड़ ली दाऊ साहब को लगा कि उनका टाई पहनना गांधीजी को सही नहीं लगा। उसके बाद दाऊ साहब ने कभी टाई नहीं पहनी। विंध्य के गौरव आन बान शान राजनीति के चाणक्य कुंवर अर्जुन सिंह दाऊ साहब तीन बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे 5 वाट सेंट्रल मिनिस्टर रहे हमारे प्रदेश के गौरव एवं राजनीति के चाणक्य दाऊ साहब ने अपनी आखिरी सांस 4 मार्च 2011 को दिल्ली में ली लेकिन दाऊ साहब की यादें आज भी हम देशवासियों एवं प्रदेश वासियों वा सीधी जिले वासियों के दिलों में जिंदा है और सदैव जिंदा रहेंगी। दाऊ साहब भारतीय राजनीति में उत्कृष्ट योगदान के लिए वर्ष 2000 में उत्कृष्ट सांसद पुरस्कार से सम्मानित किए गए। दाऊ आज हमारे बीच नहीं है लेकिन हमारे दिलों में जिंदा है और जिंदा रहेंगे। 
इस बीच श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में शिव सेना जिला उपाध्यक्ष संत कुमार केवट जिला प्रवक्ता रावेंद्र शुक्ला विधानसभा प्रभारी प्रदीप विश्वकर्मा नगर उपाध्यक्ष मोनू मिश्रा नगर संपर्क प्रमुख राजन मिश्रा गौरक्षा प्रमुख विक्की सोनी नगर महिला मोर्चा अध्यक्ष रीना मिश्रा सहित कई शिवसैनिक मौजूद रहे।

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