समानांतर सीएमएचओ ने पीड़िता को ही बता दिया दोषी,कहा महिला घर से आई ही नहीं

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समानांतर सीएमएचओ ने पीड़िता को ही बता दिया दोषी,कहा महिला घर से आई ही नहीं



समानांतर सीएमएचओ ने पीड़िता को ही बता दिया दोषी,कहा महिला घर से आई ही नहीं



टमसार उप स्वास्थ्य केंद्र का है पूरा मामला

 सीधी।
बीते 26 नवंबर को टमसार उप स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही का आलम देखा गया था जहां सिंगरौली जिले की निवास निवासी सोना साहू पति मनोज साहू 23 वर्ष टमसार उप स्वास्थ्य केंद्र में ऑपरेशन करवाने के लिए गई हुई थी पीड़िता के आरोप के अनुसार बताया गया कि ड्यूटी में तैनात स्टाफ नर्स पूनम पटेल तथा बंदना इंजेक्शन लगा कर सोने चली गई थी। आरोप है कि इंजेक्शन लगाने के बाद हाथों में जलन तथा सूजन देने लगा था इस दरमियान पीड़िता के परिजनों ने सारी रात नर्सों को उठाने की कोशिश की लेकिन वो सोती रहीं और पीड़िता के हाथ की हालत बद से बदतर होती गई। पीड़िता की हालत खराब होते ही उप स्वास्थ्य केंद्र से सीधी, सीधी से रीवा तथा रीवा से जबलपुर के लिए रेफर किया गया है। वहीं जबलपुर के डॉक्टरों के द्वारा पीड़िता को वाराणसी रेफर करने की सलाह दी गई है। बताया गया है कि पीड़िता का गदेली से हाथ काटा जाएगा।

समानांतर सीएमएचओ ने पीड़िता को ही बताया दोषी:-

इस पूरे मामले में वर्तमान में  जिले में समानांतर कार्य करने वाले दो सीएमएचओ में से एक डॉ. बी.एल. मिश्रा का पूरे मामले में अजीबोगरीब बयान सामने आया है। जहां उन्होंने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए पीड़िता को ही दोषी करार दिया है। एक निजी टीवी चैनल को लाइव बातचीत में उन्होंने कहा कि ऑपरेशन होने के बाद पीड़िता घर चली गई थी तथा 2 दिन तक उप स्वास्थ्य केंद्र नहीं आई। जिसके कारण उसके हाथों की ऐसी हालत हो गई है। समानांतर सीएमएचओ बने डॉ. मिश्रा ने दावा किया कि जब पीड़िता के द्वारा शिकायत की गई कि हाथ में झुनझुनाहट और काला पड़ रहा है तभी बीएमओ के द्वारा जांच की गई है। डॉ. मिश्रा ने गलती मानने की बजाय ये दावा किया की 20 साल से एक्सपीरियंस वाले डॉक्टर ऑपरेशन किये हैं। उन्होंने पीड़ित महिला का अच्छे से अच्छा इलाज करवाने का दावा किया है। वहीं पीड़िता की माने तो स्टाफ नर्स ने इंजेक्शन लगाया था उस वक्त डॉक्टर नहीं मौजूद थे।

ये है पीड़िता का आरोप:-

वहीं पीड़िता ने आरोप लगाते हुए कहा कि ड्यूटी में तैनात नर्स वंदना तथा पूनम पटेल इंजेक्शन लगाने के बाद सोने चली गई थीं, रात भर चिल्लाते रहे लेकिन उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। अगर समय रहते उपचार किए होते तो शायद आज मेरा हाथ काटने का नौबत नहीं आती। पीड़िता के परिजनो ने अपना दुख व्यक्त करते हुए कहा कि समानांतर सीएमएचओ ने अच्छा उपचार करवाने तथा एंबुलेंस उपलब्ध कराने का वायदा किया था लेकिन यहां के डॉक्टर जैसे ही उनका हाथ काटने की जानकारी देने लगे तभी उन्होंने फोन काट दिया। पीड़िता के परिजनों ने अपना दुख व्यक्त करते हुए कहा कि समानांतर सीएमएचओ के द्वारा हमारी किसी भी तरह की कोई मदद नहीं की गई है सिर्फ हमें रेफर पर रेफर किया गया है। रीवा से जबलपुर जाने के लिए एंबुलेंस के लिए पैसा नहीं था समानांतर सीएमएचओ को बहुत बार फोन किया गया लेकिन उनके फोन नहीं उठाने के कारण जेवर गिरवी रखकर 8 हज़ार में एंबुलेंस बुक करके जबलपुर लाया गया है। पीड़िता के द्वारा बताया गया कि 2 माह की मासूम बच्ची को दूध पीने तक के लिए पैसा नहीं है। वहीं जबलपुर के डॉक्टर गदेली से हाथ काटने की बात कर रहे हैं।

जब रो पड़ी पीड़िता:-

पीड़िता ने जब समानांतर सीएमएचओ बने बीएल मिश्रा का बयान सुना तो रो पड़ी। रोते हुए पीड़िता ने कहा कि अभी तक हमारी किसी तरह की कोई मदद नहीं की गई है। वही दोषी स्टाफ नर्सों को बचाने के लिए समानांतर सीएमएचओ ऐसा हथकंडा अपना रहे हैं। अपना दुख व्यक्त करते हुए पीड़िता ने कहा कि 2 माह की मेरी बच्ची है मेरा हाथ कट जाएगा तो मेरा जीवन यापन कैसे चलेगा। पीड़िता के परिजनों ने भी सीधी स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठाते हुए कहा कि इनके जैसे अधिकारी बनने पर ही स्वास्थ्य व्यवस्था की यह हालत हो गई है। उसने समानांतर सीएमएचओ को ही दोषी बताते हुए कहा कि ऐसे लोग ही दोषियों को बढ़ावा देते हैं जिसका नतीजा यह है कि मेरा हाथ कटने की बारी आ गई है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि गरीब पीड़िता महिला के साथ इंसाफ होगा ? क्या दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी ? या फिर बचा लिया जाएगा और दूसरी पीड़ित महिला के साथ भी ऐसा ही अमानवीय व्यवहार स्वास्थ्य विभाग के द्वारा किया जाएगा।

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