सीधी जिला अस्पताल की लापरवाही से गर्भवती की मौत,परिजनों ने किया हंगामा

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सीधी जिला अस्पताल की लापरवाही से गर्भवती की मौत,परिजनों ने किया हंगामा



सीधी जिला अस्पताल की लापरवाही से गर्भवती की मौत,परिजनों ने किया हंगामा


मौके पर पहुंचे एसडीएम

सीधी

कहते हैं डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होता है पर जब डॉक्टर ही लापरवाह हो जाए तो जनता का क्या होगा। 
सीधी जिले में स्वास्थ्य विभाग अपनी लापरवाह कार्यशैली के लिए मशहूर है, आये दिन सरकारी अस्पताल की लापरवाही से लोगों की जाने जा रही है। ऐसी ही एक घटना सोमवार को रात्रि 10 बज़े शहर के जिला अस्पताल में देखने को मिली है। डॉक्टर के अभाव में इलाज के दौरान एक गर्भवती महिला की मौत हो गयी। महिला की मौत से गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया, जहां मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने परिजनों को समझाकर हंगामा शांत कराया।

 
यह है पूरा मामला:-

जमोड़ी थाना के सतनरा निवासी कल्लू प्रसाद गुप्ता पिता रामचंद्र गुप्ता ने अपने पुत्री कल्पना गुप्ता को जिला चिकित्सालय में बीते 28 दिसंबर को भर्ती कराया था। मृतका के परिजनों द्वारा बताया गया कि आज ही डिलीवरी हो जाने की बात स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा कही गई थी। परिजनों ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा पीड़िता का ऑपरेशन करने हेतु 40,000 रुपए की मांग की गई थी तथा मेरे द्वारा ईतना पैसा उपलब्ध नहीं होने की बात स्वास्थ्य कर्मियों को कही गयी, जहां स्वास्थ्यकर्मी थोड़ी देर बाद बदतमीजी पर उतर आए और अश्लील भाषा का उपयोग करने लगे। आरोप है कि लेबर वार्ड की नर्सों द्वारा परिजनों से बहस बाजी की जाने लगी और इसी बहस बाजी में वक्त का विलंब होने के कारण पीड़िता की मौत हो गई है। 


नर्सों की लापरवाही उजागर:-

परिजनों के द्वारा आरोप लगाया गया कि डॉक्टर समय पर नहीं पहुंची थीं। जब मामले की पड़ताल की गई तो डॉक्टरों के द्वारा बताया गया कि लेबर वार्ड के ड्यूटी में तैनात नर्सों के द्वारा कोई भी कॉल नहीं किया गया है। पीड़िता की मृत्यु होने के बाद रात 10 बजे के लगभग कॉल किया गया है। इसके बाद डॉक्टर बबिता खरे जिला चिकित्सालय पहुंची हैं पर तब तक में पीड़िता कल्पना गुप्ता की मौत हो चुकी थी। 
इमरजेंसी कॉल का मतलब है कि मरीज की तबीयत बिगड़ने पर सीनियर डॉक्टरों को सूचना दी जाती है जहां नर्सों के द्वारा यह नहीं किया गया। नतीजा यह हुआ की नर्सों की लापरवाही के चलते पीड़िता की जान चली गई।


नहीं नसीब हुआ शव वाहन:-

मृतका कल्पना गुप्ता की मृत्यु के बाद शव को पोस्टमार्टम हाउस में ले जाने के शव वाहन तक नसीब नहीं हुआ जहां परिजनों ने कंधा देकर पोस्टमार्टम हाउस तक ले गए।

मौके पर पहुंचे एसडीएम:-

पूरा घटना मंगलवार की दरमियानी रात्रि 10 बजे की है जहां सुबह होते-होते मृतका के परिजनों सहित तमाम रिश्तेदार अस्पताल में जमा हो गए। अस्पताल की लापरवाही उजागर होते ही हंगामा बढ़ने लगा, मृतका के परिजनों ने त्वरित कार्रवाई कर ड्यूटी में तैनात नर्सों को सस्पेंड करने के लिए अड़ गए थे, जहां कोतवाली पुलिस के साथ-साथ गोपद बनास एसडीएम नीलांबर मिश्र मौके पर पहुंचे तथा समझाइश के बाद परिजन पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुए।


दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई:-

सीधी कलेक्टर रवींद्र चौधरी ने एसडीएम को पूरे मामले की जांच सौंपा है जहां जांच उपरांत दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की गाज गिरेगी। कलेक्टर श्री चौधरी ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
 

2 महिला चिकित्सकों के भरोसे अस्पताल:-

जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा तीन लेडी डॉक्टरों दीपारानी इसरानी, मंजू सिंह और प्रभा तिवारी इन तीनों की फील्ड में ड्यूटी लगाई जाती है और वहीं जिला चिकित्सालय में गायनी विभाग में वर्तमान में सिविल सर्जन के द्वारा सिर्फ दो ही महिला चिकित्सको ड्यूटी लगाई गई है जिनके ऊपर भारी भरकम लोड रहता है। जिससे आए दिन गर्भवती महिलाओं के उपचार में लापरवाही की खबरें सामने आती रहती हैं।


लापरवाही से हो चुकी हैं आधा दर्जन मौतें:-

जिला चिकित्सालय की लापरवाही बढ़ती जा रही है, आये दिन सरकारी डॉक्टरों की लापरवाही से मरीजों की जान जा रही है। अगर हम 6 महीने के आकड़ों की बात करें तो अस्पतालों की लापरवाही से मौत के आधा दर्जन मामले हो चुके हैं। जिनमें मृतकों के परिजनों द्वारा हंगामा किया जा चुका है। फिर भी स्वास्थ्य विभाग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है वहीं प्रशासन हाथ में हाथ रख कर बैठा है।

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