नाबालिक के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर पत्थर से कुचला,परिवार के दो अन्य लोंगो की भी कर दिए हत्या

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नाबालिक के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर पत्थर से कुचला,परिवार के दो अन्य लोंगो की भी कर दिए हत्या




नाबालिक के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर पत्थर से कुचला,परिवार के दो अन्य लोंगो की भी कर दिए हत्या



कोरबा।
एक 16 वर्षीय नाबालिक लड़की के साथ दरिंदगी की झकझोर देने वाली खबर सामने आई है। पहले नाबालिग के साथ बलात्कार किया गया और उसकी पत्थर से कुचलकर हत्या कर दी गई।
आरोपी यहीं नहीं रुके बल्कि लड़की के पिता और उसकी चार साल की पोती को भी मौत के घाट उतार दिए।
कोरबा पुलिस के अनुसार यह घटना 29 जनवरी को लेमरू पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत गढ़ूपुड़ा गांव के पास की है। यह मामला छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले का है।

आरोपियों की पहचान संतराम मंझवार (45), अब्दुल जब्बार (29), अनिल कुमार सारथी (20), परदेशी राम पनिका (35), आनंद राम पनिका (25) और उमाशंकर यादव (21) के रूप में की गई है, जो सतरेंगा गांव के मूल निवासी हैं।
कोरबा पुलिस के अनुसार "बारापानी गांव का रहने वाला मृतक पिछले साल जुलाई से मुख्य आरोपी मंझवार के घर पर मवेशी चराने का काम करता था।"
 जानकारी के अनुसार, मंझवार 29 जनवरी को अपनी मोटरसाइकिल पर मृतक पिता, उसकी बेटी (16) और पोती (4) को उनके गांव छोड़ने जा रहा था। उन्होंने कहा कि रास्ते में  रुक गए और आरोपी ने शराब का सेवन किया, उसके बाद अन्य आरोपी भी उनके साथ हो गए।

आरोपी तीनों को पास जंगल से घिरी एक पहाड़ी पर ले गए, जहां मंझवार और एक अन्य आरोपी ने कथित तौर पर किशोरी के साथ बलात्कार किया। उन्होंने कहा कि सभी पीड़ितों को पत्थर और डंडों से पीटा और घटनास्थल से भागने से पहले उन्हें जंगल में फेंक दिया।

उन्होंने कहा, "जब मृतक के बेटे ने मंगलवार को लेमरू पुलिस स्टेशन में अपनी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, तो पुलिस ने कार्रवाई की और छह आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की।" आरोपियों के बयान के आधार पर पुलिस अपराध स्थल पर पहुंची, जहां उन्होंने घायल बलात्कार पीड़िता को जीवित पाया और दो अन्य मृत मिले।
जहां पीड़िता को उसे तुरंत स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां पहुंचने से पहले उसने दम तोड़ दिया। 
आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 376 (2) जी (गैंगरेप) और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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