कवि गोष्ठी में कवियों ने किया कविता पाठ

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कवि गोष्ठी में कवियों ने किया कविता पाठ




कवि गोष्ठी में कवियों ने किया कविता पाठ 


शहडोल।
 आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर पांडवनगर स्थित कवयित्री किरण सिंह बघेल के आवास पर आयोजित कवि गोष्ठी में कवियों ने एक से बढ़कर एक रचनाओं का पाठ किया। इस कवि गोष्ठी की अध्यक्षता गोपाल जी श्रीवास्तव ने की। संचालन चिंतामणि पाठक ने किया। कवि गोष्ठी में मोहम्मद कासिम, ब्रजमोहन बसर, राजेंद्र सिंह राज, पीके सिंह, उदय प्रकाश श्रीवास्तव ने गजल प्रस्तुत क ी। वीर रस के कवि पदम बेसुरा, नवनीत शर्मा व मृगेंद्र श्रीवास्तव तन्हा ने ओज की कविताओं से माहौल बना दिया। अशोक त्रिपाठी माधव, श्रीमती किरण ंिसंह, अंजू ंिसंह, सरिता सिंह, उमा सिंह व नीतू सिंह ने बघेली बोली में रचना पाठ किया। शिल्पी शहडोली ने श्रंगार पढ़ा। मिथलेश राय, रवींद्र वैद्य, शैलजा तिवारी, डॉ प्रियंका त्रिपाठी व दुर्गा शंकर श्रीवास्तव ने सामायिक रचनाओं का पाठ किया। शरणजीत सिंह बघेल ने आभार व्यक्त किया। अध्यक्ष अंजू सिंह बघेल के संयोजन में आजादी की वर्षगांठ पर काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर वरिष्ठ कवयित्री नलिनी तिवारी एवं नीतू सिंह की विशेष उपस्थिति रही। अंजू सिंह ने वाणी वंदना से शुरूआत कीं संचालन शिल्पी शहडोली ने किया। सभी ने अपनी रचनाओं में देशभक्ति सावन व रक्षाबंधन के रंग कविताओं में बिखेरे। कवियत्री किरण सिंह ने 'फागुनी होंगी हवाएँ आपके आने से। सरिता सिंह सलिल ने 'राम हो या रहमान देश सबसे महान' ,छाया गुप्ता ने 'काश वापिस वही वैसी मेरी कश्मीर हो जाए' , रेनू श्रीवास्तव ने 'ये देश दशरथ का आँगन,ये देश कृष्ण का वृंदावन' एवं नलिनी तिवारी ने 'बदरा जा ए बरस नईहर,कैसी बजर भई बाबुल छतिया' ने भावविभोर कर दिया। प्रांतीय अध्यक्ष डॉ प्रीति प्रवीण खरे ने बर्चुअल जुड़कर हौसला बढ़ाया।

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