MP School Reopen: मध्यप्रदेश में सितंबर से खुलेगी पहली से 8 वी तक की स्कूलें , जानिए क्या रहेगा नियम

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MP School Reopen: मध्यप्रदेश में सितंबर से खुलेगी पहली से 8 वी तक की स्कूलें , जानिए क्या रहेगा नियम




MP School Reopen: मध्यप्रदेश में सितंबर से खुलेगी पहली से 8 वी तक की स्कूलें , जानिए क्या रहेगा नियम



भोपाल।
कोरोना संकट के मद्देनजर बंद पहली से आठवीं कक्षा तक के स्कूलों को 15 सितंबर से खोलने की तैयारी है। नौंवी से बारहवीं तक की कक्षाओं का संचालन पूरी क्षमता के साथ करने की अनुमति भी दी जा सकती है।


स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने मीडिया से चर्चा में कहा कि कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति को देखते हुए जल्द ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

प्रदेश के निजी स्कूल संचालक लगातार स्कूलों को संचालित करने की अनुमति देने की मांग कर रहे हैं। मार्च 2020 से प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाएं संचालित करने वाले स्कूल बंद हैं। ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई जा रही है। कक्षा नौवीं से बारहवीं तक तक के स्कूल पचास फीसद क्षमता के साथ खुल रहे हैं। हालांकि, बच्चों की उपस्थिति इससे भी कम है।

स्कूल शिक्षा मंत्री ने मीडिया से चर्चा में कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार कम होते जा रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए अन्य राज्यों की तरह प्रदेश में भी पहली से आठवीं तक के स्कूल सितंबर के दूसरे सप्ताह से खोले जा सकते हैं। हालांकि, इस बारे में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लेंगे।


स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि, "मध्य प्रदेश में लगातार कोरोना के केसेस कम हो रहे हैं। इसी तरह से कोरोना के कम होते आंकड़े अगस्त के आखिर तक आते रहे तो सितंबर के दूसरे हफ्ते से कक्षा पहली से आठवीं तक की कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। कक्षा पहली से पांचवी तक के छात्र छात्राओं के लिए स्कूल पहुंचने की व्यवस्थाएं अलग रहेगी। कक्षा छठवीं से आठवीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल में पहुंचने की व्यवस्था पूरी तरह से अलग रहेगी।"

50 फीसदी क्षमता के साथ लगेगी क्लासेस कक्षा पहली से लेकर पांचवी तक के छात्र-छात्राओं की क्लासेस सप्ताह में एक से दो दिन लगाने की तैयारी की जा रही है।

50 फीसदी क्षमता के साथ क्लासेस में छात्र-छात्राएं पहुंचेंगे, अगर किसी कक्षा में 40 स्टूडेंट है तो 1 दिन 20 और दूसरे दिन 20 बच्चों को स्कूल बुलाया जाएगा।

स्कूल में पहुंचने के लिए माता-पिता की सहमति अनिवार्य की जाएगी, माता-पिता की सहमति के बिना स्कूलों में छात्र-छात्राओं को प्रवेश नहीं दिया जाएगा

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