शहडोल कमिश्नर के सरोकार से अब प्रदेशभर के किसानों की आर्थिक स्थिति में होगा सुधार

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शहडोल कमिश्नर के सरोकार से अब प्रदेशभर के किसानों की आर्थिक स्थिति में होगा सुधार



शहडोल कमिश्नर के सरोकार से अब प्रदेशभर के किसानों की आर्थिक स्थिति में होगा सुधार
 

शहडोल/ भोपाल। 
मध्यप्रदेश के किसानों को सिंघाड़ा उत्पादन में बेहतर ढंग से काम करने के लिए और किसानों को अधिक लाभ दिलाने के लिए कमिश्नर शहडोल राजीव शर्मा के सुझाव को अब संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी विभाग ने मान लिया है। विभाग के आयुक्त मनोज कुमार अग्रवाल ने इस सुझाव पर मोहर लगा दी है। इससे अब न केवल मध्यप्रदेश बल्कि पूरे देश के किसानों को सिंघाड़ा उत्पादन करने की राह आसान होगी। पिछले दिनों हुई कृषि उत्पादन आयुक्त की समीक्षा बैठक के दौरान कमिश्नर शहडोल राजीव शर्मा ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना रफ्तार के अंतर्गत सिंघाड़ा की खेती परियोजना के क्रियान्वयन के लिए सुझाव दिया था। कमिश्नर राजीव शर्मा ने सुझाव दिया था कि यदि खाली पड़े तालाबों में सिंघाड़े की खेती शुरू करा दी जाए तो इससे ना केवल किसानों का हित होगा बल्कि सिंघाड़े की खेती होने से इसका उत्पादन भी बढ़ेगा। इस सुझाव को अब अमलीजामा पहनाने की तैयारी कर ली गई है। संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी के आयुक्त मनोज कुमार अग्रवाल ने 16 सितंबर को एक पत्र जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि कमिश्नर राजीव शर्मा के सुझाव सराहनीय हैं और यह किसानों के हित में हैं। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना रफ्तार के तहत सिंघाड़ा की खेती को बढ़ावा देने के लिए जो सुझाव कमिश्नर राजीव शर्मा ने दिए हैं वह बहुत ही बेहतर है और आने वाले समय में इस सुझाव को अमलीजामा पहनाने की तैयारी भी कर ली गई है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि इस योजना के तहत 117.65 हेक्टेयर के लिए 50 लाख रुपए से प्रोजेक्ट राज्य स्तरीय मंजूरी समिति द्वारा स्वीकृत किया गया है जिसका क्रियान्वयन भारत सरकार से रिलीज होने वाली राशि के प्राप्त होने पर होगा। इससे यह बात साफ हो गई है कि अब इस प्रोजेक्ट पर काम जल्दी शुरू हो जाएगा और सिंघाड़ा की खेती करने वाले किसानों को आय का अच्छा स्रोत प्राप्त हो जाएगा।
 सिंघाड़ा की खेती यदि रफ्तार पकड़ जाती है तो सभी वर्ग के किसानों को इससे लाभ होगा। कुल लागत का 50 प्रतिशत प्रति हेक्टेयर राशि पर अनुदान दिया जाएगा । अभी शुरुआत में शहडोल को 25 हेक्टेयर अनूपपुर को 25 हेक्टेयर और उमरिया को 40 हेक्टेयर में सिंघाड़ा की खेती कराने के लिए कहा गया है और यह भी कहा गया है कि यदि लक्ष्य की मांग और होगी तो उस हिसाब से और भी बजट जारी किया जाएगा। शहडोल और अनूपपुर जिले के लिए 25 -25 हेक्टेयर के हिसाब से 10.63 लाख तथा उमरिया में 40 हेक्टेयर के हिसाब से 17 लाख रुपए के बजट को स्वीकृति मिली है।

इनका कहना है -

मैंने समीक्षा बैठक के दौरान यह सुझाव दिया था की खाली पड़े तालाबों में यदि सिंघाड़े का उत्पादन शुरू करा दिया जाए और किसानों को कुछ मदद दी जाए तो इससे किसानों का हित होगा और सिंघाड़े का उत्पादन भी बढ़ जाएगा। मेरे इस सुझाव को मान लिया गया है और निश्चित तौर पर आने वाले समय में इससे किसानों को लाभ होगा ।

राजीव शर्मा, कमिश्नर शहडोल संभाग

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