KYC के नाम पर सैकड़ों लोगों से की गई ठगी, साइबर सेल ने किया भंडाफोड़, कैश लेने हवाई जहाज से यात्रा

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KYC के नाम पर सैकड़ों लोगों से की गई ठगी, साइबर सेल ने किया भंडाफोड़, कैश लेने हवाई जहाज से यात्रा


KYC के नाम पर सैकड़ों लोगों से की गई ठगी, साइबर सेल ने किया भंडाफोड़, कैश लेने हवाई जहाज से यात्रा


देशभर में सैंकड़ों लोगों से केवाईसी (KYC) कराने के नाम पर ठगी करने वाले एक गैंग का दिल्ली पुलिस साइबर सेल (Delhi Police Cyber Cell) ने भंडाफोड़ किया है. साइबर सेल ने दो सगे भाइयों समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपियों की पहचान जयपुर के रहने वाले मुकेश कुमार सिंह, झारखंड (Jharkhand) के रहने वाले दुलार कुमार मंडल, इसका भाई पिंटू और साथी छेतलाल उर्फ गोडसे के रूप में हुई है. आरोपी पहले भी इसी तरह की वारदात में शामिल रहे हैं.

रिमांड पर लेकर आरोपियों से की जा रही पूछताछ

छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला है कि आरोपी राजस्थान की पॉश सोसायटी में बैठकर ठगी करते थे. ठगी की रकम को पश्चिम बंगाल या झारखंड हवाई जहाज से जाकर निकाल लिया जाता था. पुलिस ने आरोपियों को खाते से एक लाख रुपये, सात मोबाइल फोन, तीन चेकबुक, 11 डेबिट कार्ड और ठगी की रकम से खरीदी गई एक हुंडई वरना कार बरामद की है. पुलिस आरोपियों को रिमांड पर लेकर उनसे पूछताछ कर रही है.

शातिरों ने ठगे कैंसर के इलाज के लिए जमा किए गए पैसे

दिल्ली के नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि पिछले दिनों उनकी टीम को गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल से ठगी की एक शिकायत मिली थी. शिकायतकर्ता ने बताया था कि वो एक नामी दवा कंपनी में एमआर की नौकरी करता है. उसने अपनी मां के कैंसर के इलाज के लिए कुछ रुपये अपने और पत्नी के खाते में रखे हुए थे. लेकिन किसी ने केवाईसी कराने के नाम पर उससे ठगी कर ली.

आरोपी पहले भी इसी तरह की वारदात में शामिल रहे हैं। छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला है कि आरोपी राजस्थान की पॉश सोसायटी में बैठकर ठगी करते थे। ठगी की रकम को पश्चिम बंगाल या झारखंड हवाई जहाज से जाकर निकाल लिया जाता था। पुलिस ने आरोपियों को खाते से एक लाख रुपये, सात मोबाइल फोन, तीन चेकबुक, 11 डेबिट कार्ड और ठगी की रकम से खरीदी गई एक हुंडई वर्ना कार बरामद की है। पुलिस आरोपियों को रिमांड पर लेकर उनसे पूछताछ कर रही है।

गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल से ठगी की एक शिकायत मिली थी। शिकायतकर्ता युवक ने बताया था कि वह एक नामी दवाइयों की कंपनी में एमआर की नौकरी करता है। उसने अपनी मां के कैंसर के इलाज के लिए कुछ रुपये अपने व पत्नी के खाते में रखे हुए थे। लेकिन किसी ने केवाईसी कराने के नाम पर उससे ठगी कर ली। दरअसल पीड़ित को मोबाइल पर एक नामी वॉलेट से मैसेज आया था कि वह केवाईसी करा ले। इसके लिए एक लिंक शेयर किया गया था। 

पीड़ित ने लिंक पर क्लिक किया और अपने कार्ड की जानकारी पर उस पर शेयर कर दी। इसके तुरंत बाद उसके पास एक नंबर से कॉल आया। ट्रू-कॉलर पर नंबर भी वॉलेट का शो हुआ। कॉलर ने पीड़ित से लिंक पर क्लिर कर मोबाइल को कास्ट करने की बात की। इसके बाद ऐसा ही हुआ और पीड़ित के खाते से रुपये ट्रांसफर होने लगे। आरोपी ने पीड़ित से कहा कि रकम वापस आ जाएगी।


इसी तरह आरोपी ने पीड़ित की पत्नी के मोबाइल से उसी समय रकम ट्रांसफर कर ली। कुल 10 लाख रुपये दोनों के खातों से निकाले गए। पीड़ित की शिकायत के बाद उत्तरी जिला के साइबर थाने में 13 जनवरी को केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई। एसएचओ अजय दलाल व एसआई रोहित सरासवत व अन्यों की टीम ने जांच शुरू की। छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि पीड़ित को कॉल जयपुर, राजस्थान से की गई जबकि उसे ठगी गई रकम को झारखंड, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र से निकाला गया। 

इसी को ध्यान में रखते हुए फौरन एक टीम को जयपुर और दूसरी टीम को झारखंड भेज दिया गया। टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर आरोपी पिंटू और मुकेश को जयपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। इनसे पूछताछ के बाद पता चला कि दो आरोपी कैश निकालने के लिए झारखंड गए हैं। दूसरी टीम ने पिंटू के भाई दुलार और साथी छेतलाल को झारखंड से गिरफ्तार कर लिया। सभी को दिल्ली लाकर पूछताछ की गई।


ऐसे दिया जाता था ठगी की वारदात को अंजाम

पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि ये लोग ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल समेत दूसरे राज्यों के प्री-एक्टिवेटेड सिमकार्ड खरीद लेते थे. इसके बाद उन नंबरों से पीड़ितों के मोबाइल नंबर पर नामी कंपनी के वॉलेट के नाम से मैसेज कर केवाईसी कराने के लिए कहा जाता था. इनके लिंक पर जानकारी शेयर करते ही पीड़ित के पास एक ऐसे नंबर से कॉल आती थी जो ट्रू-कॉलर पर वॉलेट का ही दिखता था. आरोपियों के झांसे में आकर पीड़ित अपने मोबाइल की स्क्रीन इनके साथ शेयर कर लेते थे. इसके बाद आरोपी रकम पीड़ितों के खाते से अपने खातों में ट्रांसफर कर लेते थे.

कैश निकालने के ‌लिए ठग हवाई जहाज से करते थे सफर

पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया है कि इन लोगों ने कमीशन के आधार पर झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल समेत दूसरे राज्यों में बैंक खातों का इंतजाम किया हुआ था. ये लोग अलग-अलग राज्यों के खातों में रकम भेजकर उसे निकालने के लिए हवाई जहाज से यात्रा करके वहां पहुंचते थे. पुलिस को गुमराह करने के लिए ये जयपुर में हर महीने अपनी लोकेशन बदलते थे. जिन मोबाइल और सिम का ये इस्तेमाल करते थे उनको ये पुलिस को चकमा देने के लिए दूसरे राज्यों में भी भेज देते थे. आरोपी बेहद शानदार फ्लैट में महंगे किराए पर रहकर बढ़िया जिंदगी गुजार रहे थे.

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