भारत में आएगी उड़ने वाली बस, परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने आइडिया के बारे में की बातचीत, जानिए क्या रहेगी सुविधा

Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

भारत में आएगी उड़ने वाली बस, परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने आइडिया के बारे में की बातचीत, जानिए क्या रहेगी सुविधा


भारत में आएगी उड़ने वाली बस, परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने आइडिया के बारे में की बातचीत, जानिए क्या रहेगी सुविधा


नेशनल डेस्क: देश में जल्द ही अब उड़ने वाली बस आएगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अधिकारियों के साथ 'हवा में उड़ने वाली बस' के आइडिया के बारे में बातचीत की। सरकार भी इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। गडकरी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।

क्या होती है एरियल ट्राम-वे?, कैसे करती है काम

'हवा में उड़ने वाली बस' यानी कि 'एरियल ट्राम-वे' (Aerial Tram-Way) एक अत्याधुनिक ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी है। बढ़ते ट्रैफिक, मेट्रो अथवा मोनोरेल में बढ़ती भीड़ के चलते अब इस ट्रांसपोर्ट सिस्टम को भारत में भी अपनाने की बात चल रही है। पहाड़ी इलाकों में सफर को और आसान और सुगम बनाने में एरियल ट्राम-वे का बड़ा योगदान हो सकता है।

कैसे करेगी काम

पहाड़ी इलाकों की यात्रा के दौरान आपने देखा होगा कि किसी नदी या खाई को पार करने के लिए लोगों को रस्सी के सहारे एक छोर से दूसरे छोर पर जाते देखा होगा। अब अगर इसमें इलेक्ट्रिक मोटर और ट्रैक्शन कंट्रोल यूनिट जोड़ दिया जाए तो यह आज के जमाने की 'एरियल ट्राम-वे' बन जाएगी।

अगर कभी आप जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड गए हैं तो आपने गंडोला का सफर जरूर किया होगा। कई लोग इसे एरियल ट्राम-वे समझ लेते हैं लेकिन यह वो नहीं है। गंडोला में एक ही रोप पर कई केबिन बंधे होते हैं, जबकि एक हॉलेज रोप (खींचने वाली रोप या रस्सी) होती जिस पर ये सारे केबिन लगातार मूवमेंट करते हैं। जबकि एरियल ट्राम-वे गंडोला से अलग है। सामान्य तौर पर एरियल ट्राम-वे में एक रूट पर दो ही केबिन होते हैं जो लोहे के रस्सों पर बंधे होते हैं। जब एक बेबिन नीचे होता है तो दूसरा ऊपर हो जाता है, यह बैलेंस बनाकर रखते हैं। एरियल ट्राम-वे की सबसे खास बात है कि इसमें करीब 230 यात्री सफर कर सकते हैं और अपने साथ सामान भी ले जा सकते हैं। इसकी स्पीड भी 45 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ