जानिए कैसे तय होता है ओला- उबर टैक्सी का किराया, कहाँ कितना लगता है चार्ज

Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

जानिए कैसे तय होता है ओला- उबर टैक्सी का किराया, कहाँ कितना लगता है चार्ज




जानिए कैसे तय होता है ओला- उबर टैक्सी का किराया, कहाँ  कितना लगता है चार्ज



एक बात आपके दिमाग में घूम रही होगी कि आखिर टैक्सी वाले किराया कैसे तय करते हैं. मोबाइल ऐप पर महज कुछ ही सेकंड में किराया कैसे बता देता है जबकि अभी यात्रा भी शुरू नहीं हुई होती है. तो जान लें कि किराया का एक निश्चित नियम है जो पहले से निर्धारित है. ओला हो या उबर, इन टैक्सी का किराया दूरी और यात्रा के समय पर निर्भर करता है. इसके साथ टैक्स और सरचार्ज भी जुड़ता है. तभी आपको कम दूरी का किराया कभी अधिक लगता है और कभी-कभी अधिक दूरी का सफर करने के बाद भी यात्रा किफायती लगती है.

ओला, उबर का किराया शहर-शहर में भिन्न होता है. ओला का किराया जानने के लिए आप ओला फेयर फाइंडर पर विजिट कर सकते हैं. यहां आपको स्टार्ट लोकेशन और एंड लोकेशन लिखना होता है. यानी कहां से कहां तक कि यात्रा करनी है, ये दोनों बातें दर्ज करनी होती हैं. ‘गेट एस्टीमेट’ पर ते ही आपको किराये की जानकारी मिल जाती है. इसके साथ ही ओला या उबर और भी कई फैक्टर के आधार पर किराया तय करते हैं. जैसे गाड़ी मिनी, माइक्रो या सेडान है, दूरी, समय, टैक्स, सरचार्ज के अलावा वेटिंग चार्ज को भी किराया में शामिल किया जाता है.

आप चाहें तो अपने शहर के हिसाब से ओला और उबर का किराया जान सकते हैं. इसके लिए इस लिंक पर अपने शहर का किराया जान सकते हैं.

कैसे तय होता है किराया

किराया तय करने के लिए कई फैक्टर को देखा जाता है. मिनिमम फेयर, फेयर पर किमी, वेटिंग या राइड टाइम चार्जेज, नाइट चार्जेज, एप्लिकेबल नाइट टाइमिंग, नाइट बिल कैलकुलेशन और फेयर अमाउंट कैलकुलेशन. इन सभी फैक्टर के आधार पर किराया तय होता है. उदाहरण के लिए नोएडा और दिल्ली का ओला का किराया देखते हैं. नोएडा में जब आप ओला की टैक्सी लेते हैं तो यात्रा शुरू होते ही 25 रुपये से मीटर डाउन होता है. उसके बाद जैसे-जैसे आपकी गाड़ी चलती है, प्रति किलोमीटर 5 रुपये के हिसाब से किराया बढ़ता जाता है. कहीं गाड़ी की वेटिंग हो रही है जैसे ट्रैफिक पर या पेट्रोल आदि भराने पर तो उसका पैसा भी आपको भरना होता है. वेटिंग या राइड टाइम चार्जेज के रूप में 1 रुपये प्रति किमी के हिसाब से लगता है. यह आपके किराया में जुड़ता जाता है.

नाइट चार्जेज के तौर पर आपको सामान्य रेट के किराये से सवा गुना अधिक पैसा लगता है. रात में 10.30 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट टाइमिंग होता है. नाइट बिल का कैलकुलेशन ऑटोमेटिक होता है. इसमें 10 रुपये अलग से शामिल किया जाता है.

अब मान लें कि आपको दिल्ली में ओला में सफर करना है. इसका नियम नोएडा से थोड़ा अलग है. दिल्ली में ओला का मिनिमम फेयर 25 रुपये है जिससे कि मीटर डाउन होता है. 25 रुपये का चार्ज सिर्फ 2 किमी के लिए है जिसके बाद यह बढ़ता जाता है. इसके बाद प्रति किमी पर 8 रुपये के हिसाब से किराया जुड़ता जाता है. वेटिंग या राइड चार्जेज के तौर पर आपको एक घंटे के लिए अलग से 30.32 रुपये चुकाने होते हैं. हालांकि पहला 15 मिनट इसमें फ्री होता है. इसके बाद वेटिंग का चार्ज वसूला जाता है. नाइट चार्ज के तौर पर सामान्य से सवा गुना अधिक किराया लगता है. दिल्ली में नाइट टाइमिंग 11 बजे रात से सुबह 6 बजे तक होता है. नाइट बिल का कैलकुलेशन मीटर के जरिये ऑटोमेटिक होता है. किराया जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं.


क्रेडिट - TV9

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ