कांग्रेस ने प्रदेश में लगाया अघोषित आपातकाल, भाजपा करेगी जेल भरो आंदोलन

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कांग्रेस ने प्रदेश में लगाया अघोषित आपातकाल, भाजपा करेगी जेल भरो आंदोलन


कांग्रेस ने प्रदेश में लगाया अघोषित आपातकाल, भाजपा करेगी जेल भरो आंदोलन



कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में अघोषित आपातकाल लगा दिया है। लोकतंत्र की रक्षा के लिए भाजपा जेल भरो आंदोलन करेगी। उक्त बातें लोकसभा सांसद मोहन मंडावी ने सोमवार को प्रेस को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यजनक है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार अब असहमति व कांग्रेसी सत्ता के खिलाफ उठने वाले हर आवाज का दमन करना चाहती है। उसने एक काला आदेश निकाल कर रैलियों और प्रदर्शनों पर कड़े प्रतिबंध और शर्तों को थोपने का काम किया है। मंडावी ने कहा कि कांग्रेस ने छग की भोली-भाली जनता को सैकड़ों लुभावने वादे कर सत्ता तो हड़प परंतु अब उन वादों को पूरा करने की मांग करने वाली जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों को नृशंस हत्या करते हुए सरकार के खिलाफ होने वाले प्रदर्शनों को रोकने के लिए काला कानून लेकर आई है।

ऐसे समय में जब भारतीय जनता पार्टी भारतरत्न डा. भीमराव आंबेडकर की जयंती को सामाजिक न्याय पखवाड़ा के रूप में मना रही है। तब छत्तीसगढ़ की जनता के साथ कांग्रेस असामाजिक, अलोकतांत्रिक अन्याय करने पर उतारू है। कांग्रेस बाबा साहेब के संविधान द्वारा प्रदत्त लोकतांत्रिक अधिकारों की हत्या कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ होने वाले रैली, धरना, प्रदर्शन, भूख हड़ताल की शर्तों के साथ पूर्व अनुमति की बाध्यता कांग्रेस की आपातकाल की मानसिकता को दर्शाता है।

जिस प्रकार पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने विपक्ष के लोकतांत्रिक अधिकार का दमन करने मीशा कानून के तहत विपक्षी नेताओं को वर्षो जेल में बंद की थी वैसे ही मानसिकता से ग्रसित मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार के खिलाफ होने वाले प्रदर्शन की अनुमति की बाध्यता वाला आदेश जारी कर विपक्ष व जनता की आवाज को कुचलने का कुचक्र रचा है।

मंडावी ने कहा कि भूपेश सरकार ने एक तुगलकी व मनमाना आदेश जारी कर प्रदेश भर के सभी निजी, सार्वजनिक, धार्मिक, राजनैतिक, अन्य संगठनों द्वारा प्रस्तावित आयोजनो पर जिसमें भीड़ आती हो उसे रोकने के लिए 19 बिंदुओं की शर्त लगाई गई है और उसका कठोरता से पालन सुनिश्चित करने को कहा है। इन शर्तो का पूरी तरह पालन कर कोई भी बड़ा राजनैतिक, धार्मिक, सामाजिक आयोजन संभव ही नहीं है।

सरकार द्वारा जारी तुगलकी आदेश द्वारा सरकार सीधे तौर पर यह चाहती है कि जन संगठनों के विरोध प्रदर्शनों को, असहमति की आवाज को, धार्मिक भावनाओ को, विपक्ष के आंदोलनों को, अभिव्यक्ति की आजादी को कुचल दिया जाए। आपातकाल लगा कर जनता को जीने के अधिकार से भी वंचित करने का कांग्रेस का इतिहास रहा है।

ऐसे समय में जब प्रदेश भर में किसान, युवा, महिलाएं, शिक्षक अभ्यर्थी, विद्या मितान, पुलिस अभ्यर्थी, बिजली कर्मचारी, वन कर्मचारी, संविदा कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, रसोइया संघ, कोरोना वारियर्स, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग सभी अपनी मांगों को लेकर भूपेश सरकार के खिलाफ आंदोलित है तब इन आक्रोशों को खत्म कर उन्हें न्याय देने के बजाय सरकार उनकी आवाज कुचलने पर आमादा है। मंडावी ने कहा कि सरकार द्वारा जारी आदेश में सबसे आपत्तिजनक व असंवैधानिक बिंदू किसी भी आयोजन के आयोजकों से हलफनामा लिया जाना है कि आयोजन के दौरान किसी भी तरह के कथित उल्ल्‌ांघन होने पर सीधे कानूनी कार्रवाई किया जाना।



क्रेडिट: नईदुनिया

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