JPSC मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित, इंटरव्यू 9 मई से

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JPSC मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित, इंटरव्यू 9 मई से


JPSC मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित, इंटरव्यू 9 मई से


रांची। झारखंड लोक सेवा आयोग ने सातवीं सिविल सेवा मुख्य परीक्षा का परिणाम शनिवार को जारी कर दिया। इसमें कुल 802 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए हैं जो साक्षात्कार में शामिल होंगे।

साक्षात्कार आयोग कार्यालय में नौ मई से 16 मई तक आयोजित होगा। सातवीं सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 11 से 13 मार्च तक रांची के 11 केंद्रों पर हुई थी। इस तरह, आयोग ने एक माह 17 दिनों में ही इसका परिणाम जारी कर दिया।अभ्यर्थियों के साक्षात्कार से एक दिन पूर्व आयोग कार्यालय में ही उनके प्रमाणपत्रों की जांच होगी। इसके लिए आठ मई से 15 मई तक क्रमांक के अनुसार तिथियां तय की गई हैं। साक्षात्कार के अगले दिन अभ्यर्थियों की रांची सदर अस्पताल में स्वास्थ्य जांच होगी। साक्षात्कार में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी दो मई से आयोग की वेबसाइट से काल लेटर डाउनलोड कर सकेंगे। यह डाक से नहीं भेजा जाएगा। आयोग ने साक्षात्कार में शामिल होनेवाले अभ्यर्थियों को सभी आवश्यक प्रमाणपत्रों की मूल प्रति, दो स्वअभिप्रमाणित छायाप्रति, दो पासपोर्ट साइज के फोटोग्राफ के अलावा एक फोटोयुक्त पहचान पत्र (मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि में से कोई एक) लाने को कहा है। बता दें कि कुल 252 पदों पर नियुक्ति के लिए सातवीं सिविल सेवा परीक्षा चार वर्षों वर्ष 2017, 2018, 2019 तथा 2020 के लिए के लिए एक साथ हो रही है। प्रारंभिक परीक्षा के संशोधित परिणाम में उत्तीर्ण घोषित अभ्यर्थियों में आवेदन भरनेवाले 4,749 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र जारी किए थे। हालांकि इनमें लगभग चार हजार अभ्यर्थी ही सभी पत्रों की परीक्षा में शामिल हो सके थे।

प्रारंभि परीक्षा का परिणाम हुआ था विवादित, जारी हुआ था संशोधित परिणाम

प्रारंभिक परीक्षा में विवाद होने के कारण जेपीएससी को झारखंड उच्च न्यायालय की अनुमति से इस परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी करना पड़ा था। इसमें कुल 4,885 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा के लिए उत्तीर्ण घोषित किए गये थे। दरअसल, आयोग ने पूर्व में प्रारंभिक परीक्षा में भी आरक्षण लागू कर परिणाम जारी कर दिया था। मामला कोर्ट में जाने पर आयोग ने कुमार संयम एवं अन्य बनाम राज्य सरकार एवं अन्य के मामले में स्वीकार किया कि प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण लागू करना गलत था। साथ ही कोर्ट से संशोधित परिणाम जारी करने का आदेश मांगा। इससे पहले साहिबगंज तथा लातेहार के एक-एक केंद्रों पर हुई प्रारंभिक परीक्षा में सीरियल नंबर से अभ्यर्थियों के उत्तीर्ण होने पर सवाल उठे थे। इसपर विवाद होने पर आयोग ने 49 सफल अभ्यर्थियों को बाद में असफल घोषित कर दिया था।

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