PM महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद हिंसा,पूरे देश मे कर्फ्यू, सांसद की मौत

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PM महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद हिंसा,पूरे देश मे कर्फ्यू, सांसद की मौत



PM महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद हिंसा,पूरे देश मे कर्फ्यू, सांसद की मौत



महीनों से ब्लैकआउट, खाने की कमी, ईंधन और दवाओं की भारी कमी ने श्रीलंका को सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच खड़ा कर दिया है. राजपक्षे के वफादारों ने लाठियों और क्लबों से लैस निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर हमला किया. ये प्रदर्शनकारी 9 अप्रैल से राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के बाहर डेरा डाले हुए थे.



Sri Lanka Crisis latest Update: घोर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में अब हिंसा भड़कने लगी है. तनावपूर्ण हालात में प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे ने आग में घी का काम किया है.

राजपक्षे के इस्तीफा देते ही समूचे देश में हिंसक झड़पें सामने आ रही हैं. झड़पों में सत्ताधारी पार्टी के एक सांसद की मौत तक हो गई. हिंसा का शिकार हुए कई लोग अस्पताल में भर्ती हैं.

पूरे श्रीलंका में कर्फ्यू


लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में हालात पर काबू पाने के लिए पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है. देश के बिगड़ते हालात के बीच महिंदा राजपक्षे को पार्टी में विरोध का सामना करना पड़ रहा था. पूरे देश में प्रदर्शन के चलते आखिरकार आज सोमवार को महिंदा राजपक्षे को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा.

सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी

महीनों से ब्लैकआउट, खाने की कमी, ईंधन और दवाओं की भारी कमी ने श्रीलंका को सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच खड़ा कर दिया है. राजपक्षे के वफादारों ने लाठियों और क्लबों से लैस निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर हमला किया. ये प्रदर्शनकारी 9 अप्रैल से राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के बाहर डेरा डाले हुए थे. पुलिस ने सरकारी समर्थकों पर आंसू गैस और पानी की बौछा की. इससे पहले महिंदा राजपक्षे ने कहा था, 'हमारी आम जनता संयम बरतें और याद रखें कि हिंसा केवल हिंसा को जन्म देती है. आर्थिक संकट में हमें एक आर्थिक समाधान की आवश्यकता है, जिसे हल करने के लिए यह प्रशासन प्रतिबद्ध है.'

शुक्रवार को लगाई गई इमरजेंसी

विरोध प्रदर्शन और हिंसा के चलते सरकार ने लोगों को गिरफ्तार करने और हिरासत में लेने के लिए सेना को व्यापक अधिकार देते हुए देश में आपातकाल की स्थिति लागू कर दी थी. रक्षा मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा था कि सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी भड़काऊ और धमकी भरे तरीके से व्यवहार कर रहे थे और आवश्यक सेवाओं को बाधित कर रहे थे. यूनियनों ने कहा था कि वे सरकार पर आपातकाल को रद्द करने का दबाव बनाने के लिए सोमवार से दैनिक विरोध प्रदर्शन करेंगे.

प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि पूरा राजपक्षे परिवार राजनीति छोड़ दे और देश की कथित चोरी की संपत्ति लौटा दे. इस क्रम में राजपक्षे परिवार के ताकतवर महिंदा राजपक्षे को रविवार को अनुराधापुर में सार्वजनिक क्रोध का सामना करना पड़ा था. ईंधन, रसोई गैस और बिजली कटौती को समाप्त करने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरी गुस्साई जनता ने उन्हें चिढ़ाया और चिल्लाया.


क्रेडिट- Zee News

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