शासन के नियमों को ठेंगा दिखा रहे आधा दर्जन प्राइवेट स्कूल,लूट का अड्डा बनी विंध्य दीपिका एकडमी

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शासन के नियमों को ठेंगा दिखा रहे आधा दर्जन प्राइवेट स्कूल,लूट का अड्डा बनी विंध्य दीपिका एकडमी



शासन के नियमों को ठेंगा दिखा रहे आधा दर्जन प्राइवेट स्कूल,लूट का अड्डा बनी विंध्य दीपिका एकडमी


मझौली। जनपद शिक्षा केंद्र मझौली अंतर्गत कई अशासकीय विद्यालय शासन नियमों को ठेगा दिखाते हुए व्यवसाय के रूप में संचालित है। लगभग आधा दर्जन विद्यालयों के पास न पर्याप्त भवन ,न खेल कूद मैदान है और न ही प्रशिक्षित शिक्षक है। एक ऐसा ही मामला  इंग्लिश मीडियम के रूप में संचालित विंध्य दीपिका एकडमी के संचालक की मनमानी इस समय जोर शोर से चर्चा का विषय बनी हुई है। बता दें कि शुरू से ही यह विद्यालय विवादों के घेरे में रही है जो पहले विंध्य प्रदीपिका के नाम में संचालित थी जिसकी मान्यता शायद रद्द हो जाने कारण नाम बदलकर विंध्य दीपिका रख दिया गया जो कई वर्षों से आधे अधूरे निर्माणाधीन भवन में संचालित है यह केवल नाम मात्र की इंग्लिश मीडियम रह गई है। लोगों की माने तो इसे शिक्षा का नहीं लूट का केंद्र बता रहे हैं।एक ओर जहां व्यवस्था के रूप में शासन के नियमों को ठेंगा दिखा रही है वही मनमानी फीस वसूली, कमीशन की ज्यादा रेट की पुस्तकें, ड्रेस परिवर्तन बच्चों के अभिभावकों का जेब कतर रहे हैं।साथ ही हिन्दी मीडियम से अध्ययनरत कर रहे कॉलेज स्कूल में अध्ययनरत छात्र छात्राओं से पठन-पाठन कराए जाने का मामला प्रकाश में आ रहा है जो नैंनिहालो की जिंदगी के साथ खिलवाड़ है जिससे इस विद्यालय में अध्ययनरत छात्र छात्राओं का भविष्य तो अंधकारमय  हो ही रहा है साथ ही संचालक मंडल द्वारा अभिभावकों के जेब में मनमानी फीस वसूली के रूप में डाका भी डाला जा रहा है। विदित हो कि यह विद्यालय खंड शिक्षा कार्यालय से मात्र 500 मीटर की दूरी पर आधे अधूरे निर्माण कार्य से संचालित है जहां पठन-पाठन के समय निर्माण कार्य प्रारंभ कर के हैं लेकिन इस ओर किसी भी जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान नहीं जा रहा है। 


आधा दर्जन स्कूले नियमों का नहीं कर रहीं पालन:- 


मझौली जनपद अंतर्गत लगभग आधा दर्जन विद्यालय ऐसी हैं जो नियमों की अनदेखी कर रही हैं। इन्हें पैसे के दम पर बाकायदा मान्यता भी मिल जाती है। ये स्कूले है:-सरस्वती स्कूल नदहा, रामबती स्कूल जमुआ नम्बर 1, सरस्वती स्कूल गिजवार,अनुभव स्कूल, विंध्य दीपिका स्कूल मझौली, सरस्वती स्कूल महखोर ये सभी स्कूले नियमों का उल्लंघन कर रही हैं।
अब देखना होगा कि खबर प्रकाशन के बाद जिला प्रशासन क्या कुछ कदम उठाता है?

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