सूचना अधिकार का फॉर्म लेने से बीएमओ कुसमी कर रहे इनकार,अंदर ही अंदर चल रहा गोलमाल,बगैर निविदा प्रकाशित कराये ही चहेतों को दे दिया कई कई लाखों का कार्य

Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

सूचना अधिकार का फॉर्म लेने से बीएमओ कुसमी कर रहे इनकार,अंदर ही अंदर चल रहा गोलमाल,बगैर निविदा प्रकाशित कराये ही चहेतों को दे दिया कई कई लाखों का कार्य


सूचना अधिकार का फॉर्म लेने से बीएमओ कुसमी कर रहे इनकार,अंदर ही अंदर चल रहा गोलमाल,बगैर निविदा प्रकाशित कराये ही चहेतों को दे दिया कई कई लाखों का कार्य

कुसमी-भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिये शासन ने सूचना अधिकार नियम चलाया है जिससे यदि कोई भी गडबडी करता है तो सूचना का अधिकार फार्म लगाकर जानकारी सार्वजनिक किया जा सके और भृष्टाचार का खुलाशा हो सके मगर कुसमी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जानकारी देना तो दूर उसका फार्म लेना भी उचित नही समझ रहे है कुछ ऐसा ही  मामला जुड़ा है सीधी जिले की कुसमी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ बीएमओ डॉक्टर सुधीर गुप्ता के द्वारा सूचना अधिकार फॉर्म लेने से इनकार करने का मामला इन दिनो खूब गरमाया हुआ है ,लोगो मे चर्चा का विषय है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुसमी अंतर्गत इन दिनो कराया जा रहा कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है जिस पर लगाम लगाने की आवश्यक्या लोग समझ रहे है। मिली जानकारी के मुताबिक क्षेत्रीय लोगों को भ्रष्टाचार होने सुगबुगाहट हुई तब लोगों ने सूचना का अधिकार फार्म से जानकारी लेना उचित समझा लेकिन बीएमओ  कुसमी के द्वारा सूचना अधिकार फॉर्म लेने से इनकार करते हुए यह कहा जा रहा है कि जिला चिकित्सालय सीएमएचओ के पास आप आवेदन लगाइए तब जाकर आपको जानकारी सीधी से दी जाएगी। जबकि खंड स्तरीय कोई भी जानकारी यदि किसी व्यक्ति को चाहिए तो संबंधित विभाग प्रमुख के पास जाकर सूचना का अधिकार लगाकर जानकारी लेने का प्रावधान है साथ ही नियम यह भी है कि यदि संस्था में लोक सूचना अधिकारी नियुक्त भले ही नहीं है तो फिर स्वयं संबंधित अधिकारी सूचना अधिकार का फार्म लेकर संबंधित व्यक्ति को जानकारी उपलब्ध करा दे।मगर   कुसमी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बीएमओ फॉर्म लेने से ही इनकार कर रहे हैं,तो फिर जारकारी देना तो दूर की बात है इनके रवैये से जानकारी सार्वजनिक नहीं हो पा रही है। ऐसा ही मामला मीडिया के पास पहुंचा जहां वताया गया कि कुसमी के भगवार निवासी हर्षनारायण सिंह भदौरिया ने कई बार सूचना का अधिकार फॉर्म लेकर कुसमी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लगाई गई फोर विलर वाहनों के बारे में जानकारी लेना उचित समझा उनको भी जानकारी देने की वजाय बीएमओ के द्वारा भ्रमित कर जानकारी देना उचित नहीं समझा गया वहीं कुसमी में बीएमओ कुसमी के द्वारा लगाए गए फोर व्हीलर वाहन जो किसी कार्य के लिए बाहन लगाया गया है सूचना मिली थी कि एक वाहन के नाम से बीएमओ 2 कार्यों के लिए पैसा आहरित कर भ्रष्टाचार कर रहे हैं ।जो इन दिनों कुसमी में चर्चा का विषय बना हुआ है हर्ष नारायण सिंह भदौरिया जो स्वयं एक वाहन मालिक हैं जब भ्रष्टाचार होने की उन्हे जानकारी लगी तब उन्होंने इसकी जानकारी सूचना के अधिकार से लेना उचित समझा लेकिन जब जानकारी नहीं मिली तब उन्होंने मीडिया को जानकारी दी एवं अपने वकील के माध्यम से जानकारी लेना उचित समझा लेकिन उनके वकील धीरेश कुमार द्विवेदी को भी जानकारी नहीं दी गई अब रजिस्ट्री कर के सूचना का अधिकार फार्म लगाकर उन्हे भेजा गया है देखना दिलचस्प होगा कि बीएमओ कुसमी जानकारी व्यक्ति को दे रहे हैं या नही वहीं पूरे मामले पर अंदर क्या खिचड़ी पकाई गई है, यह तो वही और विभाग के लोग ही जानेंगे मगर जिस तरह से बी एम ओ लोगों को भ्रमित कर रहे हैं इससे तो साफ प्रतीत होता है कि अंदर ही अंदर जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है बताया यह भी जा रहा है की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शासन के द्वारा इस बार बजट की व्यवस्था की गई है उस पर भी कार्य को खुद कराने की वजाय ठेकेदारों को कार्य देकर भ्रष्टाचार किया जा रहा  है।लोगों का यह भी कहना है कि कोई भी कार्य कुसमी सामुदायिक केन्द्र मे कराया जाता है तो उसकी अखबारों के माध्यम से निविदा  प्रकाशित होनी चाहिए जिससे शासन की राशि कम से कम में उचित दाम से हो सके।लेकिन ऐसा कोई भी काम का निविदा उन्होंने नहीं निकलवाया है बिना निविदा निकाले ही मरम्मतीकरण सहित अन्य कार्य एवं वाहनो को अपने मन मुताबिक कमीशन देने वाले चहेतों एवम सगे संबंधितों के नाम से सबमिट करा कर भ्रष्टाचार की इबारत लिख रहे हैं कुछ ग्रामीणों ने यह भी बताया उनके द्वारा केंद्रों का निरीक्षण नहीं किया जाता है। केवल कुसमी में ही बैठकर अपनी ड्यूटी पूरी कर रहे हैं और यदि कहीं जाना हुआ तो अपने घर चले जाते हैं फिर जो गाड़ी लगाई गई है उसका बिल किस तरह से निकल रहा है।यह समझने की बात होगी पूरे मुद्दे पर वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा जांच यदि की जाती है तो भ्रष्टाचार जैसे मामले के कई खुलासे होने में देरी नही लगेगी।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ