थाने में नहीं लिखी धान चोरी की रिपोर्ट,आदिवासी उत्थान के मार्ग में रोड़ा बनी ब्योहारी पुलिस

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थाने में नहीं लिखी धान चोरी की रिपोर्ट,आदिवासी उत्थान के मार्ग में रोड़ा बनी ब्योहारी पुलिस



थाने में नहीं लिखी धान चोरी की रिपोर्ट,आदिवासी उत्थान के मार्ग में रोड़ा बनी ब्योहारी पुलिस

 एसडीओपी को दिया गया लिखित आवेदन
 
सुधांशु द्विवेदी,भोपाल। शासन- प्रशासन द्वारा आदिवासियों के उत्थान- कल्याण तथा उन्हें न्याय प्रदान करने के कारगर प्रयासों का दावा भले ही किया जाये लेकिन लेकिन धरातल पर इसके परिणाम कई बार दिखाई नहीं देते तथा आदिवासियों को नाइंसाफी के दौर से गुजरना पड़ता है। शहडोल जिले के ब्योहारी थाना क्षेत्रांतर्गत ग्राम साखी निवासी लल्लू कोल की धान उसके खलिहान से गत 22 नवंबर 2022 को चोरी हो गई थी। लल्लू कोल इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने जब ब्योहारी थाने गया तो उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई तथा उल्टे फरियादी से ही अभद्रतापूर्वक अनावश्यक सवाल पूछे जाने लगे। अब मामले की जानकारी ब्योहारी एसडीओपी रविकांत कोल को देने के साथ ही उन्हें लिखित आवेदन भी दिया गया है। वैसे पिछले कुछ महीनों से ब्योहारी थाना क्षेत्र में जिस तरह से अपराध घटित हो रहे हैं तथा कई मामलों में तो ब्योहारी के पुलिस वालों की संलिप्तता की शिकायतें सामने आती हैं, उसके आधार पर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से ब्योहारी थाने में पदस्थ कुछ पुलिसकर्मियों के खिलाफ बड़ी और कड़ी कार्यवाही की आवश्यकता बढ़ गई है। यह भी शिकायतें सामने आ रही हैं कि ब्योहारी थाना स्तर पर गठिन नगर सुरक्षा समिति के सदस्यों द्वारा फरियादियों से अवैध वसूली की जाती है। पैसे नहीं देने की स्थिति में फरियादियों को प्रताडऩा एवं अभद्र बर्ताव का शिकार तो होना ही पड़ता है, साथ ही उन्हें न्याय भी नहीं मिल पाता। इन परिस्थितियों में ब्योहारी थाने की नगर सुरक्षा समिति को भंग किया जाना जरूरी प्रतीत होता है।
धान चोरी के उल्लेखित फरियादी लल्लू कोल की रिपोर्ट नहीं लिखने एवं उसके साथ अभद्रतापूर्ण वार्तालाप करने में ब्योहारी थाने का एक सब इंस्पेक्टर एवं ग्राम चरखरी निवासी नगर सुरक्षा समिति का एक व्यक्ति शामिल बताया गया है, ऐसे में उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही होने पर ही ब्योहारी पुलिस की छवि को धवल- उज्ज्वल रखा जा सकता है। 
एसडीओपी को संबोधित लिखित शिकायत में लल्लू कोल पिता बैसाखू कोल द्वारा बताया गया है कि उसके द्वारा शंकर दयाल द्विवेदी, रामदर्शन द्विवेदी, बृजेश द्विवेदी एवं उनके भाइयों के खेतों में धान की खेती की गई थी। धान कटाई के बाद उसकी गहाई के लिये खलिहान में रखा गया था। 22 नवंबर 2022 को रात में उसकी पूरी धान चोरी हो गई, जिससे उसका जीवन यापन संकट में आ गया है। लल्लू कोल ने बताया है कि जब वह अपने किसान बृजेश द्विवेदी के साथ थाने में धान चोरी की रिपोर्ट लिखाने गया तो उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। 
 
आईजी तक पहुंचा मामला-

लल्लू कोल की चोरी हुई धान की रिपोर्ट ब्योहारी थाना पुलिस द्वारा दर्ज नहीं किये जाने संबंधी ब्योहारी पुलिस की कारस्तानी का मामला एडीजी एवं शहडोल रेंज के तेजतर्राट आईजी डीसी सागर तक भी पहुंच गया है। ऐसे में ब्योहारी थाने के कुछ पुलिसकर्मियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। क्यों कि शहडोल आईजी अपनी तत्परता के लिये सुविख्यात हैं तथा उनके प्रभावी निर्देशन में असामाजिक तत्वों- आदतन अपराधियों पर सख्त पुलिस कार्यवाही होती ही रहती है। वैसे भी राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कुछ दिनों पूर्व ही शहडोल में आयोजित बड़े कार्यक्रम में शामिल होकर आदिवासी उत्थान,कल्याण एवं उन्हें अधिकार संपन्न बनाने संबंधी पेसा नियमावली का विमोचन कर इस कानून के लागू होने का मार्ग प्रशस्त किया था तथा खासकर सुरक्षात्मक दृष्टि से शहडोल आईजी डीसी सागर ही इस संपूर्ण कार्यक्रम के कर्णधार रहे हैं। विचारणीय विषय है कि एक तरफ तो राष्ट्रपति द्वारा बहुचर्चित कार्यक्रम में आदिवासियों को न्याय मिलने एवं उन्हें अधिकार संपन्न बनाने के लिये पेसा जैसे कानून के लागू होने एवं इसके प्रभावी क्रियान्वयन का मार्ग प्रशस्त किया जाता है तो वहीं दूसरी ओर ब्योहारी थाने के पुलिसकर्मियों द्वारा एक गरीब आदिवासी के साथ ऐसा बर्ताव किया जाता है। ऐसे में ब्योहारी एसडीओपी रविकांत कोल, पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक से तो साखी गांव के गरीब आदिवासी लल्लू कोल को न्याय दिलाने की मांग तो की ही गई है, साथ ही आईजी शहडोल  रेंज डीसी सागर से इस मामले में विशेष तौर पर तत्परतापूर्ण पहल एवं कार्यवाही की अपेक्षा जताई गई है।

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