Cyclone Biporjoy: 'बिपरजॉय' का लैंडफॉल शुरू, उठने लगीं ऊंची समुद्री लहरें, तेज हवाओं से पेड़ उखड़े

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Cyclone Biporjoy: 'बिपरजॉय' का लैंडफॉल शुरू, उठने लगीं ऊंची समुद्री लहरें, तेज हवाओं से पेड़ उखड़े



Cyclone Biporjoy: 'बिपरजॉय' का लैंडफॉल शुरू, उठने लगीं ऊंची समुद्री लहरें, तेज हवाओं से पेड़ उखड़े


Cyclone Biporjoy: चक्रवात बाइपोरजॉय के गुरुवार की रात तक गुजरात के जखाऊ बंदरगाह के पास से गुजरने की उम्मीद है. चक्रवात का असर दिखने लगा है. तटीय जिलों में तेज हवाओं और उच्च ज्वार की लहरों के कारण, सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की नवीनतम बुलेटिन के अनुसार, चक्रवात जखाऊ बंदरगाह कच्छ जिले के अंतर्गत आता है, से 80 किलोमीटर दूर है. यहां सबसे अधिक प्रभाव पड़ सकता है.
आईएमडी के अनुसार, बिपरजॉय ‘एक गंभीर चक्रवाती तूफ़ान’ के रूप में तब्दील हो चुका है. इस तूफानी चक्रवात की वजह से अधिकारियों ने निचली इलाकों से 1 लाख लोगों को निकला है. इस चक्रवात की वजह से भारी क्षति और संपत्ति के नुकसान पहुंचने का अनुमान है. पहले चक्रवात के लिए किए गए अनुमान के विपरीत तूफ़ान लैंडफॉल में देरी हुई और ये रात के समय शुरू हुई. चक्रवात के लगभग 115-125 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से जमीन से टकराने का अनुमान है.

जैसे-जैसे चक्रवात तटीय इलाकों के नजदीक पहुंच रहा है, गुजरात के तटीय जिलों को भुज, जामनगर, मांडवी में काफी बारिश और ऊंची लहरें (High Tide) दिखाई दे रहीं हैं. बचाव के प्रयासों के तहत सरकार द्वारा इन क्षेत्रों की आबादी को खाली करा दिया गया है. अब तक 94,427 से अधिक लोगन को सुरक्षित निकाला गया है. इसमें कच्छ जिले से 46,800, देवभूमि द्वारका से 10,749, जामनगर से 9,942, मोरबी से 9,243, राजकोट से 6,822, जूनागढ़ से 4,864, पोरबंदर से 4,379 और गिर सोमनाथ जिले से 1,605 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है.

गुजरात में 1500 से अधिक राहत शिविर बनाए गए हैं. इसके अतिरिक्त चक्रवात बिपरजोय के प्रभाव को कम करने के लिए अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और सशस्त्र बलों को चक्रवात से संबंधित सभी तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए तैयार रखा गया है.

अधिकारियों ने अनुमान जताया है कि चक्रवात बिपरजोय से फूस के घरों और कच्चे घरों को व्यापक नुकसान हो सकता है. पक्के मकानों को भी कुछ नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है. चक्रवात के आगमन से पूर्व रेलवे ने सुरक्षा उद्देश्यों के लिए एहतियाती उपाय के रूप में 76 ट्रेनों को रद्द कर दिया है और 36 सेवाओं को शॉर्ट-टर्मिनेट किया है.

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