Modi America Visit: PM मोदी को पहली बार 21 तोपों की सलामी देगा अमेरिका

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Modi America Visit: PM मोदी को पहली बार 21 तोपों की सलामी देगा अमेरिका




Modi America Visit: PM मोदी को पहली बार 21 तोपों की सलामी देगा अमेरिका


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 से 24 जून तक अमेरिकी यात्रा पर जा रहे हैं, पीएम का यह दौरा बेहद खास रहने वाला है. ऐसा पहली बार होगा जब पीएम मोदी को व्हाइट हाउस पहुंचने पर 21 तोपों की सलामी दी जाएगी.

इसके अलावा खुद राष्ट्रपति जो बाइडेन और फर्स्ट लेडी मिसेज बाइडेन की ओर से पीएम मोदी के सम्मान में राजकीय भोज का आयोजन किया जाएगा. पीएम यहां अमेरिकी कांग्रेस को भी संबोधित करेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 से लेकर अब तक 7 बार अमेरिका जा चुके हैं, लेकिन इस बार वह पहली बार राजकीय यात्रा पर अमेरिका जा रहे हैं, इस यात्रा के लिए उन्हें खास तौर से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आमंत्रित किया है. इससे पहले पीएम मोदी या तो द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देने के लिए अमेरिका गए हैं या फिर किसी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने. आइए समझते हैं कि आखिर राजकीय यात्रा क्या होती है और कैसे ये अन्य यात्राओं से अलग है.

क्या होती है राजकीय यात्रा

जब किसी देश के प्रमुख द्वारा दूसरे देश या उसके प्रमुख को अपने देश आने का औपचारिक न्योता दिया जाता है तो उसे राजकीय यात्रा कहते हैं, पीएम मोदी की प्रस्तावित यात्रा के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन ने खुद न्योता दिया था. अमेरिका के लिहाज से देखें तो बेहद गिने-चुने देशों या उनके प्रमुखों को ही राजकीय यात्रा के लिए न्योता दिया गया है. अमेरिका से राजकीय यात्रा का न्योता सिर्फ खास सहयोगियों या बेहद करीबी दोस्तों को ही मिलता है.

मेजबान देश उठाता है यात्रा का खर्च

अमेरिका में जब किसी राष्ट्राध्यक्ष को राजकीय यात्रा का न्योता दिया जाता है तो उसकी छह माह पहले से तैयारी शुरू कर दी जाती है. खास बात ये है कि अमेरिकी राष्ट्रपति अपने कार्यकाल में किसी देश या उसके प्रमुख को सिर्फ एक बार ही राजकीय यात्रा का न्योता दिया जा सकता है. राजकीय यात्रा में मेहमान का स्वागत बेहद भव्य किया जाता है, खास बात ये है कि इस पूरी यात्रा का खर्ज मेजबान देश ही उठाता है.

क्या है पीएम मोदी का कार्यक्रम

पीएम मोदी 21 जून की शाम को अमेरिका पहुंच जाएंगे, यहां एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत होगा. वह 22 जून को व्हाइट हाउस जाएंगे, यहां उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाएगी. इसके अलावा कई स्वागत कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. यहां पीएम मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच औपचारिक बातचीत भी होगी. शाम को राजकीय भोज का आयोजन किया जाएगा. इसके अलावा दोनों देशों के बीच राजकीय तोहफों का आदान-प्रदान भी होगा. राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम लेडी जिल बाइडेन के मेहमान के तौर पर पीएम मोदी राष्ट्रपति के गेस्ट हाउस ब्लेयर हाउस में ही ठहरेंगे. राजकीय यात्रा के दौरान पीएम मोदी अमेरिकी कांग्रेस को भी संबोधित करेंगे. वह अमेरिकी कांग्रेस को दो बार संबोधित करने वाले पहले भारतीय पीएम होंगे.

अन्य यात्राओं से केसे अलग है राजकीय यात्रा?

आधिकारिक यात्रा : राजकीय यात्रा के अलावा आधिकारिक यात्रा, आधिकारिक कामकाजी यात्रा, कामकाजी यात्रा और निजी दौरा भी हो सकता है,राजकीय यात्रा की तरह ही आधिकारिक यात्रा भी अमेरिकी राष्ट्रपति के निमंत्रण पर होती है, इसमें रात्रि भोज भी होता है, लेकिन तोपों की सलामी और राजकीय भोज शामिल नहीं होता.
आधिकारिक कामकाजी और कामकाजी यात्रा : कामकाजी यात्रा में मेजबान देश के राष्ट्रपति के साथ बैठक और राष्ट्रपति के साथ लंच की व्यवस्था होती है. इन यात्राओं के दौरान कोई स्वागत समारोह नहीं होता और न ही उपहारों का आदान-प्रदान किया जाता है. कामकाजी लंच में संबंधित राष्ट्राध्यक्षों के परिवार के सदस्य शामिल नहीं होते.
निजी यात्रा: यह यात्रा पूरी तरह से निजी होती है, संबंधित देश के राष्ट्रपति को भी इसकी जानकारी नहीं होती. यदि कोई राष्ट्राध्यक्ष संबंधित देश में जाता है और राष्ट्रपति से मिलना चाहता है तो उसे वक्त लेना होगा.
अब तक भारत को तीन बार मिला राजकीय यात्रा का न्योता

अमेरिका की राजकीय यात्रा किसी खास है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत-अमेरिकी संबंधों के बीच पीएम मोदी से पहले सिर्फ दो बार ही भारत को राजकीय यात्रा का न्योता मिला है. पीएम मोदी से पहले भारत से अमेरिका की राजकीय यात्रा पर 2009 में तत्कालीन पीएम डॉ. मनमोहन सिंह गए थे. इससे पहले 1963 में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा की थी. उस पर अमेरिका के राष्ट्र जॉन एफ केनेडी थे.

बाइडेन के कार्यकाल में यह तीसरी राजकीय यात्रा

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल के दौरान यह तीसरी राजकीय यात्रा होगी. इससे पहले सिर्फ फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ही अमेरिका की राजकीय यात्रा पर गए थे.

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