MP Board Exam:एमपी में पांचवीं व आठवीं बोर्ड परीक्षा में लागू होगी नई पालिसी,जानिए क्या रहेगा नया प्लान

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MP Board Exam:एमपी में पांचवीं व आठवीं बोर्ड परीक्षा में लागू होगी नई पालिसी,जानिए क्या रहेगा नया प्लान




MP Board Exam:एमपी में पांचवीं व आठवीं बोर्ड परीक्षा में लागू होगी नई पालिसी,जानिए क्या रहेगा नया प्लान 


भोपाल। सरकारी और निजी स्कूलों के पांचवीं व आठवीं बोर्ड परीक्षा में इस बार उसी कक्षा में रोके जाने (डिटेंशन पालिसी) का प्रविधान होगा। निर्धारित अर्हकारी अंक प्राप्त नहीं करने वाले विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रवेश नहीं दिया जएगा।प्रत्येक विषय में लिखित परीक्षा 60 अंक का 33 प्रतिशत यानी 20 अंक लाना होगा। इस बार पुन: परीक्षा लेने के बाद भी यदि कोई असफल हो जाता है तो उस विद्यार्थी को उसी कक्षा में रोक लिया जाएगा। इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
राज्य शिक्षा केंद्र ने बोर्ड पैटर्न पर आयोजित पांचवीं व आठवीं की परीक्षा में माशिमं की 10वीं, 12वीं की परीक्षाओं की तरह सख्ती शुरू कर दी है। अभी तक निश्शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत पहली से आठवीं तक विद्यार्थियों को फेल नहीं किया जा रहा था।विद्यार्थियों के असफल होने के बावजूद आगे की कक्षा में प्रवेश दे दिया जाता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। बता दें कि राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से पांचवीं व आठवीं की परीक्षा छह मार्च से आयोजित की जा रही है। इसमें सरकारी व निजी स्कूलों के 24 लाख विद्यार्थी शामिल होंगे। परीक्षा का परिणाम 30 मार्च को घोषित किया जाएगा।

दो माह बाद होगी पुन: परीक्षा

पांचवीं व आठवीं की परीक्षा में निर्धारित अर्हकारी अंक प्राप्त नहीं करने वाले विद्यार्थियों को पुन: परीक्षा का मौका दिया जाएगा। इसके लिए दो माह बाद पुन: परीक्षा आयोजित होगी। इस परीक्षा में भी अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों को उसी कक्षा में रोका जाएगा। प्रत्येक विषय में लिखित परीक्षा में 33 प्रतिशत से कम अंक लाने वाले फेल की श्रेणी में आएंगे।

जिला स्तरीय समिति की होगी निगरानी

पहली बार राज्य शिक्षा केंद्र ने पांचवीं व आठवीं बोर्ड परीक्षा की जिम्मेदारी कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति को दी है। परीक्षा के संचालन के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय समिति बनाई जाएगी। समिति में सचिव जिला शिक्षा अधिकारी व सदस्य सचिव जिला परियोजना समन्वयक होंगे। समिति परीक्षा केंद्रों के निर्धारण से लेकर शिक्षकों की ड्यूटी, प्रश्र-पत्र वितरण आदि कार्य करेगी। एक जनशिक्षा केंद्र पर तीन से ज्यादा परीक्षा केंद्र नहीं बनाए जाएंगे। तीन से ज्यादा परीक्षा केंद्र बनाने के लिए कलेक्टर से अनुमति लेनी होगी।

इस बार पांचवीं व आठवीं बोर्ड परीक्षा के संचालन की पूरी जिम्मेदारी कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समित संभालेगी। इसके साथ ही दूसरी परीक्षा में भी फेल हुए विद्यार्थियों को उसी कक्षा में रोक लिया जाएगा।धनराजू एस, संचालक, राज्य शिक्षा केंद्र।

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