Board Exam Result:ऑटो चालक की बेटी कर दी कमाल,बोर्ड परीक्षा के टॉपर लिस्ट में बनाई जगह,पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर

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Board Exam Result:ऑटो चालक की बेटी कर दी कमाल,बोर्ड परीक्षा के टॉपर लिस्ट में बनाई जगह,पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर



Board Exam Result:ऑटो चालक की बेटी कर दी कमाल,बोर्ड परीक्षा के टॉपर लिस्ट में बनाई जगह,पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर


बिहार।

कहा जाता हैं सफलता सुविधा की मोहताज नहीं होती है. तभी तो पिता ऑटो चलाते हैं और बेटी बोर्ड मैट्रिक की परीक्षा में टॉपर की सूची में अपना स्थान बना ली.

बिहार बोर्ड परीक्षा की मैट्रिक का रिजल्ट घोषित हो गया है जहां रोहतास जिला के सुजानपुर की रहने वाली अंजलि ने ऐसा कर दिखाया की हर जगह उसकी चर्चा हो रही है. दरअसल सासाराम के सुजानपुर गांव के ऑटो चालक जयप्रकाश सिंह की बेटी ने बिहार बोर्ड मैट्रिक की परीक्षा में टॉप- 10 में स्थान बनाया है. अमझौर के पीपीसीएम हाईस्कूल की छात्रा अंजली कुमारी इस बार मैट्रिक की परीक्षा में टॉपर में शामिल हुई हैं.

अंजलि को पूरे बिहार में टॉपर की सूची में नौवां स्थान प्राप्त हुआ है, जिससे अंजलि के घर में काफी खुशी है. अंजलि को कुल 480 अंक प्राप्त हुए हैं. अंजलि बताती है कि उसके गांव सुजानपुर से स्कूल काफी दूर है, फिर भी वो कभी स्कूल ड्रॉप नहीं किया. पैदल तो कभी साइकिल से स्कूल जाकर पढ़ाई की और जब परिणाम आया तो पूरे बिहार में टॉपर की सूची में अपना नाम देखकर वह गदगद हो गई. पिता ऑटो ड्राइवर जयप्रकाश सिंह तथा माता ग्रहणी वीणा देवी की पुत्री अंजली ने कमाल कर दिया है. पूरे रोहतास जिला में तो पहला स्थान है ही, साथ ही पूरे बिहार में नौवा रैंक हासिल कर सबको चौंका दिया है.


IAS अधिकारी बनेगी अंजलि 

अंजलि का कहना है कि बिना किसी बड़े कोचिंग संस्थान के मदद से सेल्फ स्टडी और गुरुजनों के आशीर्वाद से उन्हें यह मुकाम हासिल हुआ है. यही कारण है कि एक ऑटो ड्राइवर की बेटी होते हुए भी वह आगे चलकर आईएएस अधिकारी बनना चाहती है. अंजलि के पिता जयप्रकाश सिंह कहते हैं की पढ़ाई लिखाई में आर्थिक संकट आती रहती है, जिसे वह देर से ही सही, पूरा कर देते हैं. अंजलि दो बहन हैं. उसकी मां बिमला देवी कहती हैं कि उनकी दोनों बेटियां ही उनके जीवन की पूंजी है और बेटियों को तरक्की के मुकाम पर देखना उनके परिवार का सपना है. अंजलि के इस सफलता से पूरा गांव खुश है.
अंजलि के ऑटो चालक पिता जयप्रकाश सिंह कहते हैं कि वह पहले गुजरात में मजदूरी करते थे. बाद में वहां से लौट के बाद गांव में कपड़े बेचना शुरू कर दिए. लेकिन उसमें भी उन्हें घाटा हुआ तब जाकर लोन लेकर ऑटो रिक्शा खरीदा है और ऑटो रिक्शा चला कर अपने परिवार भरण पोषण करते हैं. उनकी दो बेटियां हैं और उनका सपना है कि अपने दोनों बेटी को पढ़ा लिखा कर अफसर बनाएं. अंजलि भी कहती है कि वह पढ़ लिखकर बड़ा मुकाम हासिल करना चाहती है.

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