कौन है पहलगाम आतंकी हमले का मास्टर माइंड सैफुल्लाह कसूरी,जिस पर पाक सेना बरसाती है फूल
Pahalgam Terror Attack
जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में कत्ल-ए-आम मचाने वाले आतंकवादियों की तलाश जारी है। मंगलवार को हुए हमले में 28 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले में मुख्य रूप से लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर सैफुल्लाह खालिद का नाम सामने आ रहा है।
हालांकि, अब तक सुरक्षा बलों ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि इस हमले का सरगना सैफुल्लाह कसूरी उर्फ खालिद है। उसे आतंकवादी हाफिज सईद का करीबी माना जाता है। इसके अलावा दो PoK के दो ऑपरेटिव्स को लेकर भी जानकारी जुटाई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि हमला पहले से तय था और हमलावरों ने पहले ही इलाके का जायजा लिया था।
इसके अलावा अबू मूसा का नाम भी सामने आ रहा है। फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, 18 अप्रैल को रावलकोट में हुई रैली में मूसा ने कहा था, 'जिहाद जारी रहेगा। बंदूकें बोलेंगी और कश्मीर में सिर कलम होना जारी रहेगा। भारत गैर स्थानीय लोगों को निवासी प्रमाण पत्र देकर कश्मीर की जनसांख्यिकी बदलना चाहता है।'
Pahalgam Terror Attack
कौन है सैफुल्लाह कसूरी
पहलगाम में हुए हमले की जिम्मेदारी लश्कर से ही जुड़े TRF यानी द रेजिस्टेंस फोर्स ने ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कसूरी लश्कर का डिप्टी चीफ है और उसका पाकिस्तान में काफी रसूख है। कहा जाता है कि कई मौकों पर इसे सेना के अधिकारियों के साथ भी देखा जा चुका है। एक रिपोर्ट के अनुसार, पहलगाम हमले से दो महीने पहले ही कसूरी पाकिस्तान के कंगनपुर गया था। खास बात है कि यहां पाकिस्तानी सेना की एक बटालियन रहती है।
26 की हुई मौत
पहलगाम के इस हमले में 26 लोगों की मौत हो चुकी है। जान गंवाने वालों में दो विदेशी पर्यटक भी शामिल थे। खास बात है कि 26 लोगों की सूची में सभी पुरुषों का नाम शामिल है। ये पर्यटक अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा के रहने वाले थे।
Pahalgam Terror Attack
इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटे टीआरएफ यानी 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' ने ली है. सूत्रों द्वारा पता चला है कि जम्मू और कश्मीर में लश्कर और टीआरएफ की आतंकी गतिविधियों के पीछे आतंकवादी सैफुल्लाह खालिद का दिमाग है. वो इन हमलों का मास्टरमाइंड है.
लश्कर-ए-तैयबा डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद को सैफुल्लाह कसूरी के नाम से भी जाना जाता है. ये हिंदुस्तान के सबसे बड़े दुश्मन हाफीज सईद का बहुत करीबी है. भारत में कई बड़े आतंकी हमलों में इसका नाम आता रहा है. ये हमेशा लग्जरी कारों से चलता है. इसकी सुरक्षा में हमेशा लश्कर के आतंकी अत्याधुनिक हथियारों से लैश रहते हैं. पाकिस्तान नें इसका रसूख इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां कि सेना के अफसर भी इसके उपर फूलों की बारिश करते हैं. ये पाकिस्तानी सेना के जवानों को भड़काने का काम करता है.
Pahalgam Terror Attack
ताजा आतंकी हमले से दो महीने पहले ही सैफुल्लाह खालिद पाकिस्तान के पंजाब के कंगनपुर पहुंचा था, जहां पाकिस्तान सेना की एक बड़ी बटालियन रहती है. वहां पाक सेना के एक कर्नल जाहिद जरीन खटक ने उसे जेहादी भाषण देने के लिए बुलाया था. उसके वहां पहुंचने के बाद खुद कर्नल ने उसके उपर फूल बरसाए. इसके बाद इसने पाक सेना को भारत के खिलाफ जमकर भड़काया. उसने यहां तक कहा कि वे लोग भारतीय सैनिकों का जितना कत्ल करेंगे, अल्लाह उन्हें उतना उतना ही शवाब देगा. इसे चाहे जैसे अंजाम दिया जाए.
इसी तरह पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में आयोजित एक सभा में भी इसने भारत के खिलाफ जमकर जहर उगाला था. इसने कहा था, ''मैं वादा करता हूं कि आज 2 फरवरी 2025 है. 2 फरवरी 2026 तक कश्मीर पर हम कब्जा करने की पूरी कोशिश करेंगे. आने वाले दिनों में हमारे मुजाहिदीन हमले तेज कर देंगे. हमें उम्मीद है कि 2 फरवरी 2026 तक कश्मीर आजाद हो जाएगा.'' इस सभा का आयोजन आईएसआई और पाक सेना ने मिलकर किया था. उसे सुनने के लिए बड़ी संख्या में हथियारबंद आतंकी शामिल हुए थे.
Pahalgam Terror Attack
एक इंटेलिजेंस रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल सैकड़ों पाकिस्तानी लड़कों ने एबटाबाद के जंगलों में आयोजित एक आतंकी कैंप में हिस्सा लिया था. इसे लश्कर-ए-तैयबा के पॉलिटिकल विंग पीएमएमएल और एसएमएल ने आयोजित किया था. इसमें सैफुल्लाह कसूरी भी मौजूद था. उसने इस कैंप से आतंकी हमलों के लिए लड़कों का चयन किया था, जिन्हें बाद में टारगेट किलिंग के लिए ट्रेनिंग दी गई थी. सैफुल्लाह ने भारत के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर वहां मौजूद लड़कों को उकसाया था.
इन लड़कों को आतंकी ट्रेनिंग देने के बाद पाकिस्तानी सेना की मदद से सीमा पार घुसपैठ कराने की बात भी सामने आई थी. 5 अगस्त 2019 को संविधान में संशोधन करके जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35ए को हटाया गया था. इसके बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद को कवर करने के लिए आईएसआई ने टीआरएफ यानी 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' का गठन किया था. पाकिस्तानी सेना इस आतंकी संगठन की मदद करती है. लश्कर के फंडिंग चैनलों का इस्तेमाल होता है.
Pahalgam Terror Attack
गृह मंत्रालय ने भी राज्यसभा में बताया था, "द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक मुखौटा संगठन है.'' साल 2019 में टीआरएफ अस्तित्व में आया था. उसके बाद से वो जम्मू और कश्मीर में लगातार आतंकी हमले कर रहा है. टीआरएफ का 'हिट स्क्वॉड' और 'फाल्कन स्क्वॉड' आने वाले दिनों में कश्मीर में बड़ी चुनौती पेश कर सकता है. इस आतंकी मॉड्यूल को टारगेट किलिंग को अंजाम देने, जंगली और ऊंचे इलाकों में छिपने के लिए ट्रेंड किया गया है.

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