मझौली: तीन माह बाद ही लाखों का बनी पुलिया टूटी और चबूतरा उखड़ा , ग्रामीणों में आक्रोश, मामला ग्राम पंचायत देवई
रवि शुक्ला, मझौली
जिले के मझौली और कुसमी जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों में मनमाने तरीके से अनियमितता और अनुपयोगी कार्य कराके जहां सरकारी बजट को चूना लगाया जा रहा है, वहीं सरपंच सचिव हर काम में कमाई के चक्कर में कायदे कानून ताक पर रखकर कायदे कानून के पालन से बेपरवाह हैं,उन्हें न जांच की चिंता है, न अधिकारियों का डर है। क्योंकि अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी राशि का बंदरबाट कर रहे है।
ऐसा ही मामला मझौली जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत देवई का आया हैं जहां सरपंच सचिव की मनमानी से ग्रामीण परेशान हैं,। ग्रामीणों ने बताया की सरपंच जगदीश यादव,सचिव रतनलाल केवट सरहंगई पूर्वक पंचायत का कार्य करते हैं।
तीन माह में टूटी पुल
ग्राम पंचायत देवई के चोरबा गांव में पुल का निर्माण लालबहादुर सिंह के घर के पास तीन माह पहले अगस्त में कराया गया था बनानें से दो माह बाद टूट गया जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने सीएम हेल्पलाइन पर की थी इसके बाद भी न तो कार्यवाही हुई और न ही जिम्मेदार अधिकारी जांच करने आए और शिकायत को बंद करवा दिए, ग्रामीणों ने बताया की पुल का घटिया निर्माण किया गया है राखड़ और बोल्डर पत्थर डालकर निर्माण कराया गया है जिसके चलते टूट गई, वहीं पुल का शाइन बोर्ड तो बनाया गया है लेकिन यह नहीं लिखा है की पुल का निर्माण कितने राशि और किस मद से बना हुआ है।
चबूतरा निर्माण चढ़ा भ्रष्टाचार का भेंट
ग्राम चोरबा में महादेवन में तीन माह पहले चबूतरा निर्माण कराया गया है जो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया चबूतरे का निर्माण मापदंड के अनुसार तो नहीं कराया लेकिन राशि का बंदरबाट कर दिया गया चबूतरा में बिना गिट्टी डाले सीमेंट से ऊपरी हिस्से में प्लास्टर कर दिया गया है जो अभी से टूटने लगा।
सरंपच, सचिव का एक छत्र चल राज:
ऐसा प्रतीत होता है की ग्राम पंचायत देवई के सरपंच सचिव की मनमानी करने की खुली छूट मिल गई है,उनका एक छत्र राज चल रहा है यह हम नहीं ग्राम पंचायत के निवासी बता रहे हैं क्योंकि ये दोनों गांव वालों की एक नहीं सुनते बताया गया की ऐसे तमाम घटिया निर्माण कार्य कराए गए हैं, निर्माण कार्य कराके जिम्मेदारों ने अपना-अपना हिस्सा तो ले लिया पर ये निर्माण कार्य अनुपयोगी होते जा रहे हैं, मनरेगा के काम मशीनों से कराके फर्जी मस्टर भरे जा रहे हैं, शिकायतों को अनदेखा करके जिम्मेदार मौन बने हैं। इसे लेकर लोगों में नाराजगी है और कुछ मामलों में अधिकारी दिखावे के लिए कार्रवाई करके अपनी कमी छिपाने में जुटे हैं।
पंचायत इंस्पेक्टर पर लगे गंभीर आरोप
रामस्वरूप मिश्रा निवासी चोरबा ने जनपद के पंचायत इंस्पेक्टर रोशनलाल गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया की हमने पुलिया की सीएम हेल्पलाइन में शिकायत किए थे जिसको कटवाने फोन लगाकर धमकी दी जा रही थी की अगर शिकायत नहीं कटवाए तो तो पुलिस केस करवाकर आरेस्ट करवा देंगे आगे उन्होंने बताया की अलग अलग नंबरों से फोन लगाकर जेल भेजने की धमकी दी जाती थी। सीएम हेल्पलाइन को यह कहकर बंद करवा दिया जाता है की वहां के लोग शराब पीकर पैसा मांगते हैं,कभी जांच करने नहीं आते हैं।
पंचायत का नहीं खुलता ताला
जगदीश यादव ने बताया कि पंचायत का ताला महीने दो महीने में खुलता है सरपंच सचिव आते ही नहीं कोई भी काम समय से नहीं होता हम लोग भटकते रहते हैं। 29 अक्टूबर को सचिव से पंचायत में कार्य की जानकारी मांगे थे न तो जानकारी दिए और न ही उस दिन से सचिव पंचायत में आए,यहां जनता की कोई खबर लेने वाला नहीं है, पंचायत भवन मेंटिनेंस के नाम पर भी पैसा निकाल लिया गया पेवर ब्लॉक लगवा कर राशि को डकार लिए,भवन का कोई कार्य नहीं कराया गया सभी जगह टूटा हुआ हुआ।
6 महीने बाद भी नहीं मिली मजदूरी
शिवपूजन सिंह ने बताया कि मनरेगा योजना के तहत मजदूरी किए थे जिसका पैसा 6 महीने बाद भी नहीं मिला अगर मांगते हैं तो कभी बोला जाता है मस्टर नहीं लगा है कभी बिल न लगने का बहाना बनाकर गुमराह किया जाता है। पंचायत का काम ठेकेदारों द्वारा किया जाता है,सरपंच सचिव कभी आते ही नहीं अगर फोन के माध्यम से बोला जाता है तो बहाना बना देते हैं।
मजदूरी मांगने पर दबाया जाता है गला
रामलखान सिंह निवासी चोरबा ने बताया की हमारी मजदूरी नहीं मिली जब मजदूरी का पैसा मांगने जाते हैं तो सपरंच जगदीश यादव गला दबाते है और गाली गलौज का झूठा आरोप लगाते हैं, जिसकी शिकायत हमने जिला कलेक्टर के यहां एक महीने पहले जनसुनवाई में किए थे इसके बाद भी अभी तक पैसा नहीं मिला
पूर्व सरपंच ने वर्तमान सरपंच, सचिव पर लगाए गंभीर आरोप
शिवनंदन सिंह ने बताया की सरपंच सचिव किसी की पंच को पंचायत में हो रहे कार्य की जानकारी नहीं देते और न ही पंचायत के किसी मजदूर को काम दिया जाता है उन्होंने कहां एक भी काम नही दिया जाता केवल पैसा निकाल लिया जाता है,काम सही करें सरकार के पैसे को दुरपयोग न करें, सही तरीके से बिल वाउचर लगाएं, पूर्व सरपंच गंभीर आरोप लगाते हुए बताया की वर्तमान सचिव रतन लाल केवट को 4 महीने हो गया आए 4 दिन पंचायत में नहीं बैठे, रोजगार सहायक अजय सिंह का ट्रांसफर दूसरे पंचायत में हो गया अब दूसरे रोजगार सहायक आ गए हैं उनको सरपंच सचिव द्वारा ज्वाइन नहीं कराया जा रहा है,किसी का जन्म,मृत्यु प्रमाण पत्र की जरूरत हो तो उसका कार्य नहीं हो पाता यहां की जनता अपना काम कराने के लिए इधर उधर भटकती रहती है, इससे यह साफ जाहिर है की जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी राशि का जमकर दुरपयोग किया जा रहा है। मामला जो भी हो यह तो जांच का विषय है लेकिन अब देखना यह होगा कि खबर प्रकाशन के जिम्मेदार क्या कुछ कार्यवाही करते हैं।
इनका कहना है
मझौली जनपद के अतरिक्त जनपद सीईओ धनंजय मिश्रा को इसकी जानकारी दी गई तो उनके द्वारा कहा गया की कल दिखवाता हूं।

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