खुशखबरी ! अतिथि विद्वानों को किया जाएगा नियमित - उच्च शिक्षा मंत्री

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खुशखबरी ! अतिथि विद्वानों को किया जाएगा नियमित - उच्च शिक्षा मंत्री



खुशखबरी ! अतिथि विद्वानों को किया जाएगा नियमित - उच्च शिक्षा मंत्री

भोपाल।
मध्यप्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण तथा उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि कमलनाथ सरकार वचन-पत्र के पालन के प्रति प्रतिबद्ध है। पटवारी ने आज पत्रकारों से बातचीत में बताया कि अतिथि विद्वानों को हटाया नहीं जायेगा बल्कि उन्हें नियमित किया जायेगा। पटवारी ने कहा कि पिछली सरकार के गैरजिम्मेदाराना रवैये के कारण लगभग 4900 अतिथि विद्वानों के भविष्य को अंधकार में रखा था, और उनके नियमितिकरण की कोई प्रक्रिया भी नहीं की। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार ने निर्णय लेते हुये इन्हें आगामी 3 वर्षों की परीक्षा में 20 अंकों का अधिभार तथा आयु-सीमा से छूट देने का भी निर्णय लिया गया है। इससे सभी पात्र लगभग 2,000 अतिथि विद्वानों को लोक सेवा आयोग के माध्यम से चयन होने में सहायता होगी तथा जो बचे हुए अतिथि विद्वान हैं उन्हें भी वैधानिक चयन प्रक्रिया के तहत पात्र बनाने में सहयोग करेंगे।

जीतू पटवारी ने बताया कि अतिथि विद्वानों को रोस्टर के अनुसार नियमित करने की नीति बनाएँगे तथा पीएससी से चयन न होने की स्थिति में उनको निकाला नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार हम एक भी अतिथि विद्वान को बाहर नहीं निकालेंगे। इसके लिए हमने एक नीति जारी कर दी है। नवीन नियुक्तियों के कारण बाहर जा रहे अतिथि विद्वानों को पुन: कार्य पर रखने के लिए च्वाईस फिलिंग की प्रक्रिया भी प्रारम्भ हो गई है , और 1 जनवरी से वे च्वाईस फिलिंग भी कर सकेंगे।

 उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने अतिथि विद्वानों से अपील की है कि जहां विद्यार्थियों को आवश्यकता है, वहाँ अतिथि विद्वानों को जाना चाहिए। सरकार ने निर्णय लिया है कि अब कोई भी नया अतिथि विद्वान नहीं रखा जाएगा, जो अभी काम कर रहा है उन्हें ही काम करने का अवसर मिलेगा।

उन्होंने कहा कि न्यायालयों के निर्णय एवं आरक्षण के नियमों को ध्यान में रखकर नियमितिकरण की प्रक्रिया पर सुझाव के लिए अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग की अध्यक्षता में एक हाई पावर कमेटी का गठन किया जायेगा जो सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर सुझाव दे सकें। साथ ही कर्मचारी आयोग भी समग्र स्थिति पर विचार एवं उचित सुझाव सरकार को देगा।

 पटवारी ने कहा कि आज 800 अतिथि विद्वान चयनित होकर नियुक्ति आदेश पा चुके हैं। इसी प्रकार 20 अंकों का अधिभार तथा आयु-सीमा में छूट देकर कमलनाथ सरकार ने उनकी नियुक्ति का ही रास्ता खोला है। हमें विश्वास है कि इस व्यवस्था से सभी पात्र अतिथि विद्वान चयनित हो सकेंगे तथा आगामी 3 वर्षों में नियुक्त हो जाएँगे। सभी अतिथि विद्वानों के लिए भी हमारी सरकार चिंतित है तथा उनके हित के लिए समुचित कार्यवाही अवश्य की जाएगी।

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