गृह निर्माण समितियों की शिकायतों पर हुई विशेष सुनवाई जारी। कलेक्टर के प्रयासों से 10 सदस्यों को मिले प्लाट

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गृह निर्माण समितियों की शिकायतों पर हुई विशेष सुनवाई जारी। कलेक्टर के प्रयासों से 10 सदस्यों को मिले प्लाट




गृह निर्माण समितियों की  शिकायतों पर हुई विशेष सुनवाई जारी। कलेक्टर के प्रयासों से 10 सदस्यों को मिले प्लाट

भोपाल।

कलेक्टर श्री तरुण पिथोड़े के यह कहते ही कि या तो आज ही प्लाट दो या फिर जेल जाओ, का यह असर हुआ कि वर्षो से गृह निर्माण समितियों से अपने प्लाट लेने के लिए भटक रहे 10 व्यक्तियों को उनका आशियाना यानी प्लाट मिल गए।

मध्यप्रदेश शासन और मुख्यमंत्री की मंशानुसार कलेक्टर ने गृह निर्माण समितियों द्वारा की गई गड़बड़ी रोकने और पात्र सदस्यों को उनका प्लाट अथवा आवास उपलब्ध कराने के लिए विशेष प्रकोष्ठ गठित किया है । आज गृह निर्माण समितियों से संबंधित शिकायतों के लिए गठित प्रकोष्ठ द्वारा विशेष जनसुनवाई की गई । इस संबंध में कलेक्टर श्री तरूण पिथोड़े की अध्यक्षता में बैठक भी सम्पन्न हुई । बैठक में विशेष जनसुनवाई के लिए गठित प्रकोष्ठ के सदस्य अपर कलेक्टर श्री आर.पी.भारती, श्री जे.पी.सचान, उपायुक्त सहकारिता श्री विनोद कुमार सिंह सहित सभी एसडीएम एवं अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे । 
पूर्व में प्राप्त शिकायतों के निराकरण के लिए आज गृह निर्माण सहकारी समितियों के पदाधिकारियों के साथ हितग्राहियों की बैठक कराई गई।बैठक में  दस शिकायतकर्ताओं की शिकायतों पर सुनवाई हुई और  उन्हें भूखंड आवंटित किए गए । प्रकोष्ठ द्वारा जानकारी दी गई कि आज श्री मोहनलाल साहू, श्री प्रदीप कुलकर्णी, श्रीमती शारदा पवार, श्री प्रेमलाल डोबले, श्री सुनील जैन, श्रीमती मीना डोबले, श्री सुखराम सेन, श्रीमती रेणु ‍वझांनी, श्री विकास मिश्रा और श्रीमती बरखा जायसवाल को भूखंड आवंटित किए गए हैं । इन सभी ने कहा कि यह तो कमाल हो गया।उन्होंने  मध्यप्रदेश सरकार और कलेक्टर की इस पहल की सराहना की । कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि वे तत्काल आवंटियों को कब्जा भी दिलायें।

विशेष जनसुनवाई में आज कलेक्टर श्री पिथोड़े एवं गठित प्रकोष्ठ के समक्ष पेरिस गृह निर्माण सोसायटी, जनसहयोग, सर्वोदय, पल्लवी, जय भवानी, शहीद हेमू कालाणी, मदांकनी गृह निर्माण सोसायटी से संबंधित शिकायतों को सुना गया सोसायटियों के पदाधिकारियों को कलेक्टर द्वारा सख्त निर्देश दिए गए कि शिकायतकर्ताओं को न्यायोचित कार्यवाही करते हुए उन्हें भूखंड उपलब्ध करायें या जेल जाए, इसका असर देखने को वहीं मिला कि सोसायटी के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष द्वारा शिकायतकर्ताओं को मौके पर ही सशर्त भूखण्ड आवंटित किए गए। 

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