आज लगेगा चन्द्रग्रहण, जानिए चंद्र ग्रहण लगने के कुछ खाश बातें,किस राशि पर पड़ेगा प्रभाव

Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

आज लगेगा चन्द्रग्रहण, जानिए चंद्र ग्रहण लगने के कुछ खाश बातें,किस राशि पर पड़ेगा प्रभाव




आज लगेगा चन्द्रग्रहण,जानिए चंद्र ग्रहण लगने के कुछ खाश बातें,किस राशि पर पड़ेगा प्रभाव


साल 2020 का पहला चन्द्रग्रहण आज लग रहा है। यह ग्रहण पूर्ण ग्रहण न होकर एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा, जो पूर्ण चंद्र ग्रहण से काफी धुंधला होता है। इस चंद्र ग्रहण की अवधि कुल 4 घंटे 01 मिनट की होगी।
 आइए जानते हैं आज लगने वाले चंद्र ग्रहण के आरंभ, मध्यकाल और मोक्षकाल के बारे में।

 चंद्र ग्रहण लगने का समय___________

आज लगने वाला चंद्र ग्रहण रात को 10 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगा और अगली तारीख यानी 11 जनवरी को तड़के पौने तीन बजे तक चलेगा। भारत के अलावा ये ग्रहण यूरोप, एशिया, अफ्रीका और आस्‍ट्रेलिया महाद्वीपों में भी देखा जा सकेगा।


 चंद्रग्रहण की खास बातें____________

इस बार का चंद्र ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। शास्त्रों में उपच्छाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण के रुप में नहीं माना जाता है। इसलिए आज पूर्णिमा तिथि के पर्व और त्योहार मनाए जा सकेंगे, इस ग्रहण में चंद्रमा मिथुन राशि में होगा, नक्षत्र पूर्नवसु रहेगा। मिथुन राशि के लोगों को चंद्र ग्रहण के समय सावधान रहने की जरूरत पड़ेगी। पूर्नवसु नक्षत्र के लोगों को भी बेवजह की परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं।

जानिए क्या चंद्र ग्रहण पर सूतक लगेगा___________

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार उपच्छाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण की श्रेणी में नहीं रखा जाता है और यही वजह कि बाकी ग्रहणों की तरह इस चंद्र ग्रहण में सूतक काल नहीं लगेगा। सूतक काल ना लगने के कारण ना ही आज मंदिरों के कपाट बंद किए जाएंगे और ना ही पूजा-पाठ वर्जित होगी। इसलिए इस दिन आप सामान्य दिन की तरह ही सभी काम कर सकते हैं.


इस चन्द्रग्रहण की सावधानियां और नियम_____________

यह ग्रहण चन्द्रमा का उपच्छाया ग्रहण है. यह सामान्य रूप से देखा नहीं जा सकेगा. इसमें चन्द्रमा पर केवल छाया की स्थिति रहेगी। इसमें चन्द्रमा सामान्य रूप से नहीं देखा जा सकेगा इसलिए इसमें किसी के लिए कोई भी सूतक के नियम लागू नहीं होंगे। पूर्णिमा की पूजा उपासना भी विधि विधान से की जा सकेगी।

क्या होता है चंद्रग्रहण________________

जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तो सूर्य की पूरी रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ती है। इसे चंद्रग्रहण कहते हैं। जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सरल रेखा में होते हैं तो चंद्रग्रहण की स्थिति होती है. चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा की रात में ही होता है। एक साल में अधिकतम तीन बार पृथ्वी के उपछाया से चंद्रमा गुजरता है, तभी चंद्रग्रहण लगता है। सूर्यग्रहण की तरह ही चंद्रग्रहण भी आंशिक और पूर्ण हो सकता है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ