लॉकडाउन के दौरान छात्रों की पढ़ाई के लिए ऑनलाइन डिजिटल ई-लर्निंग प्रोग्राम

Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

लॉकडाउन के दौरान छात्रों की पढ़ाई के लिए ऑनलाइन डिजिटल ई-लर्निंग प्रोग्राम



लॉकडाउन के दौरान छात्रों की पढ़ाई के लिए ऑनलाइन डिजिटल ई-लर्निंग प्रोग्राम


भोपाल।

कोविड-19 कोरोना वैश्विक महामारी के कारण देश में लॉक डाउन की स्थिति है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा शासकीय विद्यालयों के शिक्षकों और विद्यार्थियों को घर पर ही रहने के निर्देश दिए गए हैं। लॉकडाउन के दौरान विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके लिए राज्य शिक्षा केंद्र, मध्य प्रदेश की पहल रेडियो स्कूल कार्यक्रम और ऑनलाइन डिजिटल ई-लर्निंग प्रोग्राम डीजीलेप द्वारा जिले के समस्त विद्यार्थियों तक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक सामग्री प्रतिदिन पहुंचाई जा रही है । इसके साथ ही प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा का संदेश भी बच्चों और पालकों द्वारा सुना जा रहा है। छात्रों और पालकों द्वारा शासन की इस सकारात्मक पहल को सराहा जा रहा है।

 जिला शिक्षा केंद्र, भोपाल के जिला परियोजना समन्वयक श्री प्रभाकर श्रीवास्तव ने बताया कि लॉक डॉन अवधि के दौरान ऑनलाइन डिजिटल लर्निंग प्रोग्राम डिजिलेप के अंतर्गत जिला ब्लाक जन शिक्षा केंद्र विद्यालय एवं विद्यार्थियों के व्हाट्सएप पर डिजीलेप ग्रुप तैयार किए गए हैं। इन व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा तैयार की गई उच्च गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक सामग्री और वीडियो को पालको और विद्यार्थियों तक ऑनलाइन पहुंचाया जा रहा है। कुछ शिक्षकों द्वारा नवाचार कर कहानी कविता चित्र वीडियो तैयार कर ग्रुप में डाले जा रहे हैं। इसके अलावा प्रतिदिन रेडियो स्कूल कार्यक्रम का प्रसारण रोज सुबह 11:00 से 12:00 के बीच किया जाता है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत रोचक तरीके से कहानी, किस्सों के जरिए मनोरंजक ज्ञानवर्धक बातें और कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों पर केन्द्रित शैक्षिक सामग्री प्रसारित की जा रही है।  

    श्री श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यक्रम की सघन मॉनिटरिंग डीईओ ,डीपीसी ,बीआरसी ,बीएसी सीएसी एवं प्रधान अध्यापकों द्वारा की जा रही है । यह सभी प्रतिदिन पालकों  और बच्चों से बात करके कार्यक्रम के बारे में उन्हें बताते हैं और साथ ही उनका फीडबैक भी ले रहे हैं। इसके साथ ही इस कार्यक्रम के लाभ और परिणाम के बारे में चर्चा की जाकर पालकों के प्रश्नों का समाधान भी किया जा रहा है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ