निशांत मौत मामले पर कांग्रेस ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

निशांत मौत मामले पर कांग्रेस ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन



निशांत मौत मामले पर कांग्रेस ने  कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन



कोरोना पीड़ित को वक्त पर शव वाहन नहीं मिलने से मौत का मामला

 सीधी।
सीधी जिला कांग्रेस कमेटी ने जिला चिकित्सालय सीधी के  कुप्रबंध पर नाराजगी व्यक्त की है तथा सिविल सर्जन के प्रबंधकीय  लापरवाही एवं संवेदनहीनता के कारण आए दिन यथा समय समुचित उपचार के अभाव में मरीजों की असमय हो रही मौतों को चिंताजनक बताया है| 
इस संबंध में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रूद्र प्रताप सिंह बाबा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर से मिला तथा ज्ञापन सौंपा गया| प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष लालचंद गुप्ता, प्रदेश महामंत्री ज्ञान सिंह चौहान, पूर्व  जिला अध्यक्ष आनंद सिंह चौहान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह भदोरिया, जिला कांग्रेस महामंत्री ज्ञानेंद्र द्विवेदी एवं सुरेश प्रताप सिंह चौहान सहित रोहित मिश्रा तथा अनुपम सिंह शामिल थे|
     ज्ञापन में लापरवाह अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध जांच एवं दोषी चिकित्सक के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की गई है। जिस पर कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि तत्काल अतिरिक्त कलेक्टर को जांच का आदेश दिया जा रहा है| कलेक्टर ने कोरोना संक्रमित मरीज निशांत प्रकाश श्रीवास्तव को यथा समय एंबुलेंस उपलब्ध ना होने पर कहा की यदि अस्पताल प्रबंधन द्वारा मुझे अवगत कराया गया होता तो मैं कहीं से भी तत्काल एंबुलेंस की व्यवस्था करा देता|
      कलेक्टर को सौपे गए ज्ञापन के संबंध में पार्टी के हवाले से मीडिया प्रभारी सोमेश्वर सिंह ने बताया है कि कोरोना पीड़ित निशांत प्रकाश श्रीवास्तव का अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में उपचार चल रहा था| अचानक 23 सितंबर को शाम 5 बजे उसकी हालत बिगड़ गई| वार्ड प्रभारी ने मरीज को मेडिकल कॉलेज रीवा रेफर कर दिया |किंतु सिविल सर्जन की लापरवाही के कारण 5 घंटे बाद रात के 11 बजे एंबुलेंस उपलब्ध कराया गया तब तक मरीज की मौत हो चुकी थी| इस तरह के लापरवाही की यह तीसरी घटना है। इसके पहले भी मझौली निवासी गणेश सोनी के पुत्र की सर्पदंश से तथा सीधी निवासी प्रजापति परिवार के पुत्री की ब्लड ना मिलने के कारण मौत हो चुकी है।  इस तरह की घटनाओं से प्रतीत होता है कि अस्पताल प्रशासन में पूरी तरह से मानवीय संवेदना का अभाव है तथा वह कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाह है। अस्पताल प्रशासन के हठधर्मिता एवं स्वेच्छाचारीता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिला प्रशासन के निर्देश के बावजूद भी विगत 7 माह से कोरोना काल में आउटडोर रोड मैप भोपाल की सहमत से संविदा पर आपातकालीन सेवाएं दे रहे लगभग एक दर्जन संविदा कर्मियों को अभी तक उनके मानदेय का भुगतान नहीं किया गया| जिससे उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है| उनके भूखों मरने की नौबत आ गई है|
      इस तरह की घटनाओं से आम नागरिकों का शासन प्रशासन से विश्वास उठता जा रहा है। कांग्रेस पार्टी ने ज्ञापन में इस तरह की दुखद घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि पार्टी इससे उदासीन नहीं रह सकती तथा ऐसे लापरवाह , संवेदनहीन अस्पताल प्रशासन की भर्त्सना करते हुए मांग करती है की तत्काल जांच कराई जाकर उत्तरदाई अस्पताल प्रशासन के विरुद्ध कार्यवाही की जाए अन्यथा पार्टी को बाध्य होकर लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलनात्मक कार्यवाही करना पड़ेगा|

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ