नकाबपोश हथियारबंद लुटेरे आईटी कंपनी में काम करने वाले निकले, पुलिस ने किया पर्दाफास

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नकाबपोश हथियारबंद लुटेरे आईटी कंपनी में काम करने वाले निकले, पुलिस ने किया पर्दाफास


नकाबपोश हथियारबंद लुटेरे आईटी कंपनी में काम करने वाले निकले, पुलिस ने किया पर्दाफास


(सुधांशू द्विवेदी) भोपाल
 कोहेफिजा इलाके में कारोबारी से लूट करने वाले नकाबपोश हथियारबंद लुटेरे आईटी कंपनी में काम करने वाले निकले। उन्होंने अपने एक साथी को पुणे से नौकरी छुड़वाकर नया काम शुरू करने के बहाने बुलाया था। आरोपियों ने नया काम शुरू करने के पहले 15 लाख रुपए की लूट करने की योजना के तहत वारदात की थी। इसलिए घर में घुसते ही उन्होंने पवन से इतने ही रुपए मांगे थे। पुलिस ने घटना के 24 घंटे के अंदर ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों पर 20 हजार रुपए का इनाम रखा था। आरोपियों की उम 22 से लेकर 27 साल के बीच है। आरोपियों ने लूट करने के पीछे लॉकडाउन के कारण नौकरी छूटने और कर्जा होना बताया। एएसपी जोन-3 रामस्नेही मिश्रा के अनुसार 59 साल के पवन नागपाल पर शुक्रवार सुबह-सुबह हथियारों से लैस चार बदमाशों ने हमला बोल दिया था। आरोपियों ने उन्हें उनकी पत्नी, सास और गार्ड को बंधक बनाकर लूट की थी। शिकायत मिलने के बाद आरोपियों की तलाश की गई। आरोपियों का इलाके में घूमते हुए का सीसीटीवी मिला। पुलिस ने जांच शुरू की, तो कुछ सुराग हाथ लगे।

इसके बाद पुलिस ने शनिवार देर रात चार आरोपियों को इस मामले में हिरासत लेकर पूछताछ की गई। पूछताछ में जो खुलासे किया, उसके बाद पुलिस भी हैरान रह गई। चारों आरोपी प्राइवेट आईटी कंपनी में काम करने वाले निकले। पुलिस ने उनके पास से मोबाइल, नगद 600, लूट में उपयोग की कार, 1 एयर पिस्टल, 1 देशी कट्टा, 7 जिंदा कारतूस और दो चाकू बरामद किए। रीवा निवासी 26 साल के सरगना अतुल वर्मा ने बताया कि उस पर काफी कर्ज हो चुका था। काफी कोशिशों के बाद भी वह कर्जा नहीं चुका पा रहा था। उसने अपने दोस्त शरद पांडेय से मदद मांगी, तो उसने बताया कि वह भी कर्जे में डूबे हुए है। दोनों काम की तलाश में भोपाल आ गए। इधर वे अपने दोस्त रवि गुप्ता के साथ रहने लगे।

उसे भी इस बारे में बताया, तो भी कुछ मदद नहीं कर पाया। ऐसे में उन्होंने लूट जैसी कोई वारदात करने की योजना बनाई। रवि ने बताया कि कोहेफिजा में रहने वाले उनके पुराने मालिक पवन के बारे में बताया। उसने बताया कि उनके पास 10-15 लाख रुपए तो ऐसे ही रहते हैं। इसके बाद उन्होंने लूट की योजना बनाई। उन्होंने गार्ड से पता कर लिया था कि घर पर कौन-कौन है। अतुल ने बताया कि उनका चौथा दोस्त रविंद्र पटेल को पुणे से बुलाया। वह नौकरी छोड़कर उनके पास आ गया। उन्होंने उसे बताया कि वह नया काम शुरू करने जा रहे हैं। इसलिए वह भी आ जाए। यहां आने के बाद उन्होंने उसे काम शुरू करने के पहले लूट करने की बात बताई। उन्होंने उससे कहा कि घर बहुत बड़ा है। उसमें सिर्फ बुजुर्ग लोग ही रहते हैं। उनसे लूट के बाद यहां से निकल जाएंगे और अपना काम शुरू कर देंगे। अतुल ने बताया कि उन्होंने लूट की पूरी योजना गुफा मंदिर के पास बनाई। यहां से वे दो-दो के जोड़े में इलाके में गए। योजना के तहत रवि घर के बाहर ही रुका, क्योंकि उसे पवन जानते थे। यहां गार्ड को कुर्सी से बांधने के बाद हथियार लेकर सीढ़ियों पर पवन के उतरने का इंतजार करने लगे। उनके आते ही हमला कर दिया। उनसे रुपए मांगे, लेकिन उन्होंने इतने रुपए होने से इनकार कर दिया। शोर होता देख वे गाड़ी लेकर भाग गए थे। पुलिस ने घटना के पहले और घटना के बाद की शहर भर के कैमरों की मदद ली। इसी के आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे कई दिनों तक लगातार पवन के घर की रैकी करते रहे। रवि का काम घर और परिजनों की जानकारी देना और लूट के समय बिल्डिंग से कुछ दूरी पर नजर रखना था।

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