सभी पात्र आदिवासियों को मिलेंगे काबिज भूमि के पट्टे , 20 साल पहले पटवारी ने छल-कपट कर फर्जी पट्टे वितरित किए

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सभी पात्र आदिवासियों को मिलेंगे काबिज भूमि के पट्टे , 20 साल पहले पटवारी ने छल-कपट कर फर्जी पट्टे वितरित किए



सभी पात्र आदिवासियों को मिलेंगे काबिज भूमि के पट्टे , 20 साल पहले पटवारी ने छल-कपट कर फर्जी पट्टे वितरित किए


मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan ने उमरिया जिले के किरनताल में औचक निरीक्षण कर सुलझाईं आदिवासियों की समस्याएं
 
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सभी पात्र आदिवासी भाई-बहनों को उनकी लंबे समय से काबिज जमीन पर पट्टा दिलाया जाएगा। किरनताल क्षेत्र में 20 वर्ष पहले स्थानीय पटवारी ने छल-कपट कर भोले-भाले बैगा आदिवासी भाइयों को फर्जी पट्टे वितरित कर दिए थे, उनकी फर्जी बही बना दी थी पर सरकारी रिकार्ड में जमीन उनके नाम दर्ज नहीं की थी। इस मामले में न केवल सभी दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी, अपितु सभी पात्र बैगा भाई-बहनों को वैधानिक कार्रवाई पूर्ण कर शीघ्र ही उनकी काबिज भूमि के पट्टे दिए जाएंगे। गरीबों और आदिवासियों के साथ अन्याय बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज उमरिया जिले के किरनताल क्षेत्र के औचक निरीक्षण के दौरान यह बात कही। उन्होंने ग्राम में चौपाल लगाकर एक-एक आदिवासी भाई-बहन की समस्या सुनी तथा उसका निराकरण किया। इस अवसर पर आदिम जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह, विधायक बांधवगढ़ श्री शिवनारायण सिंह आदि उपस्थित थे।

जेल भी हो आया है पटवारी

मुख्यमंत्री श्री चौहान को गांववासियों ने बताया कि वर्ष 1999-2000 में वहां के पटवारी ने आदिवासी 21 भाइयों से पैसे लेकर उनके फर्जी पट्टे बना दिए और भूमि रिकार्ड में दर्ज नहीं की। इस मामले में पटवारी जेल भी हो आया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मामले की विस्तृत जाँच करने के निर्देश दिए।

लगभग 75 आदिवासी लंबे समय से भूमि पर काबिज

मुख्यमंत्री श्री चौहान को बताया गया कि गांव में लगभग 75 ऐसे आदिवासी हैं जो कि लंबे समय से शासकीय भूमि पर काबिज़ हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि इस संबंध में एस.डी.एम. एवं तहसीलदार आवश्यक वैधानिक कार्रवाई कर सभी पात्र आदिवासियों को भूमि के पट्टे दिलवाएं।

सोमवार को लगाएं शिविर

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ग्राम में सोमवार को शासकीय शिविर लगाया जाए, जिसमें एक-एक आदिवासी की समस्या सुनी जाए व उसका निराकरण किया जाए। मध्यप्रदेश सरकार गरीबों, वंचितों, आदिवासियों की सरकार है हम इनके साथ अन्याय नहीं होने दे सकते। हर आदिवासी को उसका वाज़िब हक दिलवाया जाएगा।

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