लोकायुक्त पुलिस ने शुरू की संदिग्ध बैंक खातों की जांच ,पूर्व जनपद उपाध्यक्ष के घर भारी मात्रा में मिली पासबुक्स

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लोकायुक्त पुलिस ने शुरू की संदिग्ध बैंक खातों की जांच ,पूर्व जनपद उपाध्यक्ष के घर भारी मात्रा में मिली पासबुक्स



लोकायुक्त पुलिस ने शुरू की संदिग्ध बैंक खातों की जांच ,पूर्व जनपद उपाध्यक्ष के घर भारी मात्रा में मिली पासबुक्स



लोकायुक्त ने राकेश पाण्डेय एवं उनके सगे संबंधियों के खातों को किया सीज

 सीधी

जिले के जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के पूर्व जनपद उपाध्यक्ष राकेश पाण्डेय के रीवा स्थित आवास में उप डाकघर भरतपुर, सेवा सहकारी समिति भरतपुर की काफी मात्रा में पासबुक मिली थी। लोकायुक्त पुलिस द्वारा छापे के दौरान मिले संदिग्ध पासबुकों के खातों की पड़ताल शुरू कर दी है। करीब एक हप्ते पूर्व आय से अधिक संपत्ति के मामले में लोकायुक्त रीवा की टीम नें ग्राम सगौनी, भरतपुर और पीके स्कूल के पीछे रीवा स्थित आवास में छापामार कार्रवाई की थी। जिसमें लोकायुक्त पुलिस को राकेश पाण्डेय व अन्य परिजनों के नाम करीब डेढ़ करोड़ की चल-अचल सम्पत्ति प्राप्त हुई थी। 
रीवा स्थित निवास में मिले विभिन्न बैंकों के संदिग्ध खातों की पड़ताल के लिए लोकायुक्त के वरिष्ठ निरीक्षक प्रमेन्द्र सिंह के नेतृत्व में एक दल दोबारा भरतपुर एवं रामपुर नैकिन गया था। जहां राकेश पाण्डेय के खातों के लेनदेन व अन्य व्यक्तियों के नाम बरामद पासबुक और उनके खातों की जानकारी ली गई। साथ ही संबंधित बैंकों के शाखा प्रबंधकों को संदिग्ध खातों से लेनदेन की विस्तृत जानकारी लेने को कहा गया है। 
बताया गया है कि राकेश पाण्डेय वर्ष 2010 से 2015 तक जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के उपाध्यक्ष रहे हैं। इस दौरान जनपद पंचायत से संचालित विभिन्न योजनाओं की राशि में कथित तौर पर बंदरबाट हुआ था। राकेश पाण्डेय अपने सहयोग उपडाकघर भरतपुर के उपडाकपाल एवं सेवा सहकारी समिति भरतपुर के समिति प्रबंधक से सांठ-गांठ कर अपने लोगों के फर्जी खाते खुलवाकर उन्हीं खातों से वर्ष 2012 से 2015 तक लेनदेन करते रहे हैं। हालांकि जिन व्यक्तियों के पासबुक राकेश पाण्डेय के घर से मिले हैं उनमें से अधिकांश लोगों को यह भी पता नहीं है कि उनके खाते उपडाकघर में खोले गए थे। इस संबंध में निरीक्षक प्रमेन्द्र सिंह ने बताया कि कई दीगर नामों से बैंकों के संचालित खाते और पासबुक मिली थी। जिनकी जांच गहराई से की जा रही है और संबंधित खातों से हुए लेनदेन की जानकारी एकत्र की जा रही है। बताया गया है कि पोस्ट ऑफिस में शासकीय कर्मचारी, सेल्समैन, समिति अध्यक्ष के भी खाते खोले गए हैं। ग्राम भरतपुर निवासी सुखलाल कोरी विश्वनाथ साहू, गीता साहू, श्यामसुंदर पाण्डेय, सतीष पाण्डेय की पासबुक मिली है तो वहीं शासकीय कर्मचारी अरुण कुमार बैस, सेल्समैन संदीप सिंह व सुरेश चतुर्वेंदी सहित दर्जनो दीगर लोगों के भी खाते पोस्टऑफिस में खोले गए थे। इन खातों में वर्ष 2012-13 से लेकर वर्ष 2014-15 तक शासकीय योजनाओं की राशियों के लेनदेन किए जानें की बात सामने आ रही है। आखिर दीगर व्यक्तियों के खातों की पासबुकें राकेश पाण्डेय अपने घर में क्यों रखे हुए थे। इसका खुलासा जांच के बाद भी पता चल पाएगा।
बताया गया है कि राकेश पाण्डेय के सहयोगियों के बैंक खातों की भी जांच की जाएगी। 
 

इनका कहना है

राकेश पाण्डेय के रीवा स्थिति निवास से दीगर नामों से बैंकों में संचालित खातों की पासबुक मिली थी। जिसकी जांच की जा रही है और मिली पासबुकों के खातों के लेनेदेन की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रमेन्द्र सिंह
निरीक्षक
लोकायुक्त रीवा


लोकायुक्त पुलिस के द्वारा उपडाकघर भरतपुर में खुले खातों के विवरण की जानकारी चाही गई थी। जो उपलब्ध करा दी गई है। उप डाकघर भरतपुर के करीब दर्जन भर से ज्यादा खातेदारों की जानकारी लोकायुक्त पुलिस के द्वारा मांगी गई थी।
संजय सेन
उपडाकपाल
उपडाकघर, भरतपुर


मैंने उपडाकघर में कभी भी कोई बैंक खाता नहीं खुलवाया था। मेंरे नाम से कैसे खाता खुल गया और मेंरे नाम की पासबुक राकेश पाण्डेय के घर में कैसे मिली मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो मेरे नाम से फर्जी तरीके से खाता खोला जाकर उसमें जो भी लेनदेन किया गया हो उसकी गहराई से जांच होनी चाहिए।

सुरेश चतुर्वेदी
निवासी ग्राम भैंसरहा

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