जंगली हाथियों का तांडव: 36 घंटे बाद एक ही चिता पर तीनों शवों का हुआ अंतिम संस्कार

Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

जंगली हाथियों का तांडव: 36 घंटे बाद एक ही चिता पर तीनों शवों का हुआ अंतिम संस्कार



जंगली हाथियों का तांडव: 36 घंटे बाद एक ही चिता पर तीनों शवों का हुआ अंतिम संस्कार


सीधी।
जिले के जनपद पंचायत कुशमी अन्तर्गत ग्राम पंचायत खैरी में सोमवार की रात हाथियों के झुंड ने एक यादव परिवार के 2 मासूमों सहित एक अधेड़ को मौत के घाट उतार दिया था।
मंगलवार को दिन भर हुए भारी हंगामे के उपरांत कल बुधवार को 36 घंटे बाद तीनों शवों का अंतिम संस्कार प्रशासनिक अधिकारियों एवं भारी पुलिस बल की उपस्थिति में कर दिया गया।

क्या थी घटना ?

छत्तीसगढ़ से आया हांथियों का दल सोमवार रात 10:30 बजे हैकी पहुंचा था जिसकी सूचना ग्रामीणों को होने पर वो अपने-अपने घरों से भागने लगे। लेकिन रामबहोर यादव को क्या पता कि उनका काल बनकर हांथियों का झुंड उनके घर के पास ही खड़ा है। जिससे बेखबर होकर जब वो अपने दोनो पोतों को लेकर घर से निकले ही थे कि सामने खड़े हांथियों के दल ने उन पर धावा बोल दिया और तीनों की जान ले ली। इसकी जानकारी जैसे ही ग्रामीणजनों को हुई तो तत्काल मौके पर पहुंचकर हल्ला गुहार करना शुरू किया तो हांथियों का दल वहां से भाग निकला। आक्रोशित ग्रामीणों द्वारा रात से ही हंगामा करना शुरू कर दिया गया। जिसके बाद संजय टाईगर रिजर्व के कर्मचारियों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देने के साथ ही स्थानीय पुलिस को इस पूरे मामले की सूचना दी गई। जहां रात में ही पुलिस व संजय टागईर रिजर्व का अमला घटना स्थल पर पहुंच गया। लेकिन सुबह होते-होते वहां के हालात पूरी तरह से बदल गए। रामबहोर के साथ दोनों पोते असमय काल के गाल में समा गये। चुंकि उसका बेटा नौकरी के चक्कर में मुंबई गया हुआ था और घर में किसी सदस्य के न बचने के कारण सुबह ग्रामीणों व कुछ स्थानीय नेताओं ने मौके पर पहुंचकर चक्काजाम कर दिए जिसके कारण छत्तीसगढ़ मार्ग पूरी तरह से प्रभावित हो गया। तब जिला मुख्यालय से अपर कलेक्टर हर्षल पंचोली को घटना स्थल पर भेजा गया लेकिन आंदोलनकारी उनकी किसी भी बात को सुनने को तैयार नहीं हुए। तब दोपहर बाद स्वयं कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी घटना स्थल पर पहुंचे तो उनकी भी कोई बात आंदोलनकारियों ने नहीं मानी। बल्कि आंदोलनकारियों द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों से अभद्रता लगातार की जाती रही। जिसके बाद कलेक्टर सहित संजय टाईगर रिजर्व के अधिकारियों ने घटना स्थल से वापस लौटकर रेस्ट हाउस में मीटिंग की गई लेकिन कोई सार्थक नतीजा नहीं निकल सका। 

♦️ गांव में बुलाया गया अतिरिक्त पुलिस बल

घटना की रात सोमवार को ही गांव में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया था परंतु मंगलवार शायं तक जब आंदोलन समाप्त नहीं हो रहा था तब मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल भी मंगा लिया गया। जब भारी मात्रा में पुलिसबल हैकी गांव में तैनात हो गया तो कुछ उपद्रवियों ने रात में ही पुलिस के वाहनों से हवा निकालने लगे तथा पथराव करने लगे जिसके कारण कुछ वाहनों के सीसे भी टूट गए। जिसके बाद पुलिस ने जैसे ही सख्ती दिखाई तो आंदोलनकारी भाग खड़े हुए।

♦️ हैकी से कटनी गया वाहन

अपने जीवकोपार्जन करने के लिए राजबहोर यादव नौकरी करने महाराष्ट्र नासिक तीन महीने पहले गया हुआ था। लेकिन उक्त घटना की सूचना जैसे ही उसको दी गई तो वह सोमवार की रात को ही वह नासिक से चल दिया लेकिन मंगलवार को वो कटनी तक ही पहुंच पाया। तब अपर कलेक्टर हर्षल पंचोली ने शासकीय वाहन को रातों रात कटनी भेजा गया जिसके बाद वह सुबह अपने गृह ग्राम पहुंच पाया। 

♦️मासूमों के शवों को देखकर अचेत हुआ पिता

अपने गांव पहुंचने के बाद राजबहोर यादव ने जैसे ही अपने पिता व पुत्रों के शवों को देखा तो वो अचेत हो गया। राजबहोर बार-बार अचेत हो जाता रहा जिससे उसको शासकीय वाहन से जंगल तक ले जाया गया जहां वह अपने दो मासूमों के साथ पिता को मुखाग्नि दी। 

♦️ एक चिता पर हुआ तीनों शवों का अंतिम संस्कार

बुधवार की सुबह जैसे ही रामबहोर यादव का बेटा मुंबई से वापस लौटा तो तीनो का कड़ी सुरक्षा के बीच पीएम कराया गया और पीएम के बाद एक चिता पर ही तीनों शवों का दाह संस्कार करा दिया गया। 

♦️ सांसद ने परिजनों को बंधाया ढांढस

उक्त घटना की सूचना जैसे ही सीधी सांसद श्रीमती रीती पाठक को मिली तो वो खैरी पंचायत के हैकी गांव पहुंची। जहां अपना सब कुछ लुटा बैठे राजबहोर यादव से मिली और मिलकर सात्वंना दी लेकिन राजबहोर यादव लगातार गश पर गश खा रहा था। जिससे आस पड़ोस के लोगों को राजबहोर का ख्याल रखने के लिए बोला गया है। 

♦️ मुसीबत का सबब बना हांथियों का दल
 
छत्तीसगढ़ से आये हांथियों का दल जिले के लिए मुसीबत का सबब बना जाता है। विगत वर्ष भी हांथियों के दल ने कुसमी अंचल में जमकर उत्पात मचाया था बाद में ये किसी तरह से छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हुआ। लेकिन विगत दो माह से 7 हांथियों का दल कुसमी अंचल में विचरण कर रहा था। इनके द्वारा विगत दिनो हैकी गांव में ही उत्पात मचाया गया था। बाद में दूसरेे दिन कोटा अंचल में उत्पात मचाया गया था। लेकिन कोटा गांव से खदेड़े जाने के कारण गुस्साये हांथियों ने खैरी ग्राम पंचायत के हैकी गांव पहुंच गया। 

♦️दिए जाएंगे ढोल-नगाड़े

सीईओ कुसमी द्वारा ग्रामीणों के समक्ष आश्वासन दिया गया कि हाथियों से प्रभावित ग्रामों में ढोल नगाड़े और पटाखे आदि भी दिए जाएंगे। जिससे हाथियों के गांव की ओर पलायन करने पर ढोल, नगाड़े बजाकर एवं पटाखे फोडकर ग्रामीणों द्वारा हाथियों को जंगल की तरफ खदेड़ा जा सके और इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न होने पाए।

♦️ मृतकों के परिजनों को दी गई सहायता राशि

तीनों मृतकों के परिजनों को उपखण्ड अधिकारी कुसमी द्वारा प्रति मृतक चार-चार लाख कुल 12 लाख रुपए का चेक तथा प्रति मृतक 20 हजार रुपए कुल 60 हजार रुपए अंत्येष्टि सहायता राशि प्रदान की गई है।
कुसमी जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एसएन द्विवेदी द्वारा बताया गया है कि मृतको के परिजनों के लिए अंत्येष्टि सहायता राशि के साथ ही 90-90 हजार की लागत से 2 पशु शेड भी बनवाये जाएंगे जिसके निर्देश भी ग्राम पंचायत के सचिव रोजगार सहायक को दे दिए गए हैं जहाँ जल्द ही पशु शेड का निर्माण कार्य भी आरम्भ हो जाएगा।

वन अमला सचेत:-

गजराजों के आंतक ने जिस तरह से खैरी पंचायत के हैकी गांव में तबाही मचाई है उससे सबक लेते हुए संजय टाईगर का अमला काफी सचेत हो चुका है। ताकि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति दोबारा न हो इसके लिए वन विभाग की टीम छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती गांवो में पहरेदारी कर रही है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ