सीधी: बस हादसा: जायजा लेने पहुंचे एडीजी,घटनास्थल निरीक्षण के पश्चात ली अधिकारियों की बैठक

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सीधी: बस हादसा: जायजा लेने पहुंचे एडीजी,घटनास्थल निरीक्षण के पश्चात ली अधिकारियों की बैठक



बस हादसा: जायजा लेने पहुंचे एडीजी,घटनास्थल निरीक्षण के पश्चात ली अधिकारियों की बैठक



(आर.बी.सिंह, राज)सीधी।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पीटीआरआई दिनेश चंद्र सागर बीते बुधवार को सायंकाल सीधी पहुंचे। उन्होंने सीधी जिले में प्रवेश करते ही सर्वप्रथम रामपुर नैकिन में हुए बस हादसे के घटना स्थल का निरीक्षण किया तत्पश्चात जिला मुख्यालय सीधी के विश्राम गृह में रात्रि विश्राम उपरांत कल गुरुवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय सीधी में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंजुलता पटले, अपर कलेक्टर हर्षल पंचोली, जिला सीधी के विभिन्न अनुभागों के पुलिस अनुविभागीय अधिकारी थाना एवं चौकियों के प्रभारी, एसडीईआरएफ का बल तथा पुलिस विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे। 
   बैठक प्रारंभ होते ही सर्वप्रथम बस हादसे में मृत्यु को प्राप्त होने वाले दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए 1 मिनट का मौन रखकर ईश्वर से प्रार्थना की गई, तत्पश्चात एडीजीपी डी.सी. सागर ने रामपुर में हुई बस दुर्घटना के संबंध में कहा कि आज हम सबको यह शपथ लेना है कि हम अपने अपने क्षेत्राधिकार में हर संभव प्रयास करेंगे कि इस प्रकार की दुर्घटना दोबारा ना हो हमें अपने कर्तव्यों को नियमानुसार, डटकर, शिद्दत तथा दृढ़ता से संपादन करना है। उक्त मामले में हमारे जिला पुलिस एसडीईआरएफ तथा एनडीआरएफ ने अपने कर्तव्यों का पालन जी-जान से किया वे सभी बधाई के पात्र हैं।
     इसके पश्चात एडीजीपी श्री सागर ने 4-ई के सिद्धांतों को अमल में लाने हेतु सभी को 4-ई के बारे में बताया जिसमें पहले ई- का मतलब इंफोर्समेंट अर्थात प्रवर्तन का तात्पर्य मोटर व्हीकल एक्ट का पालन करवाने से है। दूसरा ई- इंजीनियरिंग के लिए है जिसका तात्पर्य सड़क निर्माण से है जो गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए, तीसरा ई- एजुकेशन के लिए है जिसका तात्पर्य है ट्रैफिक के नियमों का प्रचार प्रसार एवं जागरूकता तथा आखरी एवं चौथा ई- इमरजेंसी केयर के लिए है जिसका तात्पर्य है कि घायल व्यक्ति को शीघ्र से शीघ्र चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना। 
       इस प्रकार यदि हम 4-ई के सिद्धांतों का पालन करते एवं करवाते हैं तो सड़क एक्सीडेंट के दर को हम न्यूनतम स्तर पर ला सकते हैं। उसके पश्चात मीटिंग में बैठे अधिकारियों एवं अन्य स्टाफ को उदाहरण बतौर कुछ वीडियो क्लिप्स दिखाई गई , जिसमें एक्सीडेंट के कारणों के संबंध में चर्चा की गई। एडीजी द्वारा वीडियो क्लिप्स में हुई गलतियों के संबंध में बताया गया कि उन जगहों पर ड्यूटी हेतु तैनात व्यक्ति यदि चौकन्ना रहता तो वह पर हादसों को रोका जा सकता था, इसी प्रकार हमें अपनी ड्यूटी को पूरी लगन मेहनत एवं ईमानदारी से तथा चौकन्ना रहकर करना है। इसके पश्चात एडीजीपी श्री सागर द्वारा तमिलनाडु राज्य का उदाहरण देकर सभी को बताया गया की किस प्रकार से तमिलनाडु राज्य ने नियमों का पालन करवा कर तथा जनता को जागरूक कर किस प्रकार एक्सीडेंट की दर को न्यूनतम स्तर पर ले आया, हमें भी इसी प्रकार के प्रयोग करते हुए सड़क हादसे में असमय हुई मृत्यु दर को रोकते हुए न्यूनतम स्तर पर लाना है। इसके पश्चात अंत में बैठक में आईएसडीआरएफ की टीम से रूबरू होते हुए एडीजीपी ने रेस्क्यू का संपूर्ण घटनाक्रम जाना कि किस प्रकार से एसडीईआरएफ तथा एनडीआरएफ के जवानों द्वारा जान हथेली पर रखकर 5 दिनों तक लगातार रेस्क्यू की कार्यवाही की गई जिसके दौरान जवान लगभग 4 किलोमीटर लंबी टनल में भी प्रवेश किए थे जिसमें ऑक्सीजन की कमी होने के कारण सांस लेने में भी कठिनाई हो रही थी। रेस्क्यू ऑपरेशन का घटनाक्रम जानने के बाद एडीजीपी ने टीम की प्रशंसा की तथा टीम के समस्त सदस्यों को उचित पुरस्कार की घोषणा करते हुए सभा का विसर्जन किया एवं वापस भोपाल रवाना हुए।

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