Madhyapradesh News: मंत्री श्री सिलावट ने विभाग की परियोजनाओं की मंजूरी के लिए वन मंत्री श्री शाह के साथ की मंत्रणा

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Madhyapradesh News: मंत्री श्री सिलावट ने विभाग की परियोजनाओं की मंजूरी के लिए वन मंत्री श्री शाह के साथ की मंत्रणा



Madhyapradesh News: मंत्री श्री सिलावट ने विभाग की परियोजनाओं की मंजूरी के लिए वन मंत्री श्री शाह के साथ की मंत्रणा 



*सभी परियोजनाओं को ऑनलाइन आवेदन के साथ तुरंत मंजूरी दी जाएगी-- वन मंत्री श्री शाह


इंदौर।
जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने बल्लभ भवन भोपाल में आज वन मंत्री श्री शाह के साथ संयुक्त बैठक की जिसमें जल संसाधन विभाग की अनेक लंबित परियोजनाओं को वन विभाग की मंजूरी के लिए चर्चा की गई । बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री एस एन मिश्रा,  श्री अशोक वर्णवाल और दोनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
  जल संसाधन मंत्री ने कहा की विभाग की अनेक परियोजनाएं वन विभाग की मंजूरी के लिए लंबित है कुछ परियोजना में वन भूमि क्षेत्र में माइक्रो सिंचाई परियोजना के लिए पाइप लाइन डालने और शासकीय वन भूमि  भी बांध और नहरों के क्षेत्र में भूमि संबंधी प्रकरण लंबित है। बांधो में जल भराव क्षेत्र के परिसीमन की स्थिति के संबंध में दोनो मंत्रियों ने निर्देश दिए की दोनो विभागों के अधिकारी बांध और बेक वाटर परियोजना के संबंध में क्षेत्र का भ्रमण करेंगे, जल संसाधन विभाग के सभी परियोजना के  प्रकरणों में ऑनलाइन आवेदन किए जाएंगे। बैठक में समीक्षा कर तुरंत अनुमति दिए जाने संबंधी सहमति हुई है। 
 वन मंत्री श्री विजय शाह ने कहा की जिन परियोजना में बजट सेंक्शन है और काम शुरू करने के स्थिति है उन सभी परियोजना में 15 दिन में अनुमति दिए जाने के निर्देश अधिकारियो को दिए है। इसके साथ ही जिन जगहों पर निजी भूमि का अधिग्रहण होना है उन सभी परियोजना में भी स्थानीय जन प्रतिनिधियों का सहयोग लेकर बेहतर वातावरण बनाने के लिए कहा गया है।
  जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा की दोनो विभाग प्रदेश की जनता की भलाई और विकास के लिए काम कर रहे है। नियमों के परे जाकर और बिना कारण कोई भी फाइल नही रोकी जानी चाहिए यदि कोई समस्या है तो अधिकारी संबंधित विभाग के  अधिकारी से चर्चा कर तुरंत निराकरण करें, और यदि कोई कमी है तो उसकी पूर्ति तुरंत कराए, जिससे परियोजना समय पर पूर्ण की जा सके और देरी का कारण अतिरिक्त खर्च होने वाली राशि को बचाया जाकर जनता को सिंचाई परियोजना का लाभ समय पर दिया जा सके।

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