5 रुपये के सिक्के से ट्रेन को रोक कर लूट का अंजाम देते थे लुटेरे,GRP ने किया भण्डाफोड़

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5 रुपये के सिक्के से ट्रेन को रोक कर लूट का अंजाम देते थे लुटेरे,GRP ने किया भण्डाफोड़



MP News: 5 रुपये के सिक्के से ट्रेन को रोक कर लूट का अंजाम देते थे लुटेरे, GRP ने किया भंडाफोड़


पांच रुपए की सिक्के से ट्रेन को लुटेरे मिनटों में रोक देते थे। सिग्नल रेड होते ही ट्रेन रुक जाती थी और लुटेरे ट्रेन में चढ़कर लूट की वारदात को अंजाम देते थे। जब सिग्नल ग्रीन होता था तब वे लूटपाट कर ट्रेन से कूदकर भाग जाते थे।

जीआरपी (GRP)को लंबे समय से इनकी तलाश थी। जब पकड़े गए तो पता चला कि पांच रुपए का सिक्का इनके लिए सबसे बड़ा हाथियार था।
आधी रात को लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेन में लूटपाट करने वाले गिरोह का इंदौर GRP ने भंडफोड़ कर दिया है।


पुलिस ने मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान की ट्रेनों में लूट करते थे। इनके पास से आधा किलो सोना और लूट का अन्य सामान बरामद हुआ है।

आरोपियों ने एक कार का इस्तेमाल किया करते थे। वो हर वारदात में कहीं न कहीं देखी गई। जब कार के फास्ट टैग की डिटेल निकाली गई तो जिन राज्यों में वारदात हुए थे वहां के टोल नाके से गुजरी थी। इसके बाद पुलिस का शक यकीन में बदल गया। पुलिस ने फास्ट टैग के जरिए कार मालिक और फिर चारो आरोपी सोनी वाल्मीकि, राहुल वाल्मीकि और छोटू और दीपक को हरियाणा से गिरफ्तार किया गया है। दीपक ही वो कार चलाता था।


पांच रुपए का सिक्का के सिक्के से वारदात को देते थे अंजाम:-

रेलवे के मुताबिक स्टेशन से पहले पटरियों के पास एक ट्रैक सर्किट होता है। जैसे ही इसपर से ट्रेन गुजरती है तो सिग्नल ग्रीन हो जाता है। वहीं ट्रैक में कोई प्रॉब्लम हो तो सिग्नल रेड हो जाता है। ऐसे में स्टेशन मास्टर ये समझ जाता है कि ट्रैक में कोई प्रॉब्लम है। इसे सुधारने के लिए टीम जाती थी और ट्रैक का मुआयना करने के बाद ट्रेन आगे बढ़ती है। चूंकि उस सर्किट में लोहे का रॉड या 5 का सिक्का डाला जाए तो सिग्नल रेड हो जाता है। ये बात केवल रेलवे के इंजीनियर्स को पता होता है।

ऐसे करते थे लूट:

आरोपी उस ट्रैक सर्किट के होल में पांच का सिक्का डाल देते थे। जिससे सिग्नल रेड हो जाता था। जैसे ही टीम ट्रैक रिव्यू के लिए आती थी तो इस बीच 20 मिनट से आधे घंटे लगते थे। इसी दौरान लुटेरे लूट को अंजाम देकर रफूचक्कर हो जाते थे। कुछ दूरी पर उनका साथी दीपक कार लिए खड़ा होता था। सभी कार में बैठकर भाग निकलते थे।

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