अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिले का नाम रोशन की 4 बेटियां

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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिले का नाम रोशन की 4 बेटियां



अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिले का नाम रोशन की 4 बेटियां 


शहडोल ।
 यहां की बेटियां अपने खेल के दम पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाप छोड़ रही हैं। क्रिकेट, बास्केटबॉल, कराटे व एथलेटिक्स में वे अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं। इनमें से कई खिलाड़ियों ने अभाव में जीवन जीते हुए हौसले और प्रतिभा के दम पर शहडोल का नाम रोशन किया है। शहडोल कीएक तंग बस्ती में रहने वाली पूजा वस्त्रकार के पिता टेलीफोन विभाग में नौकरी करते थे। मां का साया बचपन में ही उठ गया था। पूजा ने कक्षा पांचवीं में ही क्रिकेट को अपना सबकुछ मान लिया था। मोहल्ले के बच्चों के साथ पूजा ने खेलना शुरू किया। उसकी प्रतिभा देखकर स्कूल के प्रिंसिपल अजय सिंह ने उसे क्रिकेट किट लाकर दी। कोच आशुतोष श्रीवास्तव ने उसके खेल को धार देना शुरू किया और आज पूजा भारतीय महिला टीम की सदस्य है। शहडोल के छोटे से कस्बे बुढ़ार में रहने वाली रीना यादव के पिता ऑटो चलाते हैं। उन्होंने अपनी बेटी के सपने को पूरा करने में कसर नहीं छोड़ी। आज रीना मध्यप्रदेश क्रिकेट टीम की शानदार बल्लेबाज हैं। इसी तरह शशिकला यादव उप्र के एक गांव की रहने वाली हैं। पिता कालरी के सर्विस करते थे जो अब रिटायर्ड होकर वापस गांव चले गए हैं, लेकिन शशिकला यहीं रुक गईं। आज वह भी मप्र की टीम में ऑलराउंडर हैं। पूनम सोनी भी क्रिकेट की दुनिया का चमकता सितारा साबित हो रही हैं। शहडोल के राजशाही परिवार में जन्मी बांधवी सिंह ने अपने पिता यशवर्धन सिंह के मार्गदर्शन में छह साल पहले शूटिंग में कदम रखा था। आज बांधवी सिंह ने नेशनल स्तर पर अपनी छाप छोड़ी है। उन्होंने स्टेट लेबल के कई गोल्ड मेडल हासिल किए हैं। रीनू केवट एथलेटिक्स खेलों में संभाग की उड़नपरी के नाम से मशहूर हैं। वे प्रदेश स्तर पर मेडल हासिल कर चुकी हैं। गरिमा श्रीवास्तव ने बास्केट बॉल में अपने प्रतिभा दिखाई है। कराटे चैंपियन के रूप में आरती तिवारी शहडोल का नाम रोशन कर रही हैं। वे नेशनल स्तर पर कमाल दिखा चुकी हैं।

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