कक्षा 8, पाठ, 3 MP Board Class 8th Science Chapter 3 अभ्यास के प्रश्नोत्तर

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कक्षा 8, पाठ, 3 MP Board Class 8th Science Chapter 3 अभ्यास के प्रश्नोत्तर

कक्षा 8, पाठ, 3 MP Board Class 8th Science Chapter 3 अभ्यास के प्रश्नोत्तर


प्रश्न 1.
कुछ रेशे संश्लेषित क्यों कहलाते हैं?
उत्तर:
कुछ रेशे संश्लेषित इसलिए कहलाते हैं क्योंकि ये मनुष्यों द्वारा बनाए जाते हैं।


प्रश्न 2.
सही उत्तर को चिह्नित (✓) कीजिए –
रेयॉन एक संश्लेषित रेशा नहीं है, क्योंकि –
(क) इसका रूप रेशम समान होता है।
(ख) इसे काष्ठ लुग्दी से प्राप्त किया जाता है।
(ग) इसके रेशों को प्राकृतिक रेशों के समान बुना जा सकता है।
उत्तर:
(ख) इसे काष्ठ लुग्दी से प्राप्त किया जाता है।

प्रश्न 3.
उचित शब्दों द्वारा रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

(1)संश्लेषित रेशे ……. अथवा ……… रेशे भी कहलाते हैं।
(2)संश्लेषित रेशे कच्चे माल से संश्लेषित किए जाते हैं, है जो ……. कहलाता है।
(3)संश्लेषित रेशे की भाँति प्लास्टिक भी एक ………. है।



उत्तर:

(1)सूक्ष्मदर्शी।
(2)नाइट्रोजन।
(3)यीस्ट।
(4)जीवाणु।

प्रश्न 2.
सही शब्द के आगे (✓) का निशान लगाइए –
(क) यीस्ट का उपयोग निम्न के उत्पादन में होता है –

(1)चीनी।
(2)ऐल्कोहॉल।
(3)हाइड्रोक्लोरिक अम्ल।
(4)ऑक्सीजन।
(ख) निम्न में से कौन-सा प्रतिजैविक है?

(1)सोडियम बाइकार्बोनेट।
(2)स्ट्रेप्टोमाइसिन।
(3)ऐल्कोहल।
(4)यीस्ट।
(ग) मलेरिया परजीवी का वाहक है?

(1)मादा एनॉफिलीज मच्छर।
(2)कॉकरोच।
(3)घरेलू मक्खी।
(4)तितली।
(घ) संचरणीय रोगों का सबसे मुख्य कारक है?


(1)चींटी।
(2)घरेलू मक्खी।
(3)ड्रेगन मक्खी।
(4)मकड़ी।
(ङ) ब्रेड अथवा इडली फूल जाती है, इसका कारण है?

(1)उष्णता।
(2)पीसना।
(4)यीस्ट कोशिकाओं की वृद्धि।
(4)माड़ने के कारण।




(च) चीनी को ऐल्कोहॉल में परिवर्तित करने के प्रक्रम का नाम है –

(1)नाइट्रोजन स्थिरीकरण।
(2)मोल्डिंग।
(3)किण्वन।
(4)संक्रमण।
उत्तर:
(क) ऐल्कोहॉल।

(ख) स्ट्रेप्टोमाइसिन।

(ग) मादा एनॉफिलीज मच्छ।

(घ) घरेलू मक्खी।

(ङ) यीस्ट कोशिकाओं की वृद्धि।

(च) किण्वन।




प्रश्न 3.
कॉलम-I के जीवों का मिलान कॉलम-II में दिए गए उनके कार्य से कीजिए –



उत्तर:
(क) → (v)
(ख) → (i)
(ग) → (ii)
(घ)  → (iii)
(ङ) → (iv)
(च) → (vi)

प्रश्न 4.
क्या सूक्ष्मजीव बिना यन्त्र की सहायता से देखे जा सकते हैं? यदि नहीं तो वे कैसे देखे जा सकते हैं?
उत्तर:
नहीं, सूक्ष्मजीव बिना यन्त्र की सहायता से नहीं देखे जा सकते। इन्हें सूक्ष्मदर्शी एवं आवर्धक लेन्स की सहायता से देख सकते हैं।



प्रश्न 5.
सूक्ष्मजीवों के मुख्य वर्ग कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
सूक्ष्मजीवों के मुख्य वर्ग निम्नलिखित हैं –

(1)जीवाणु।
(2)कवक।
(3)प्रोटोजोआ।
(4)शैवाल।
(5)विषाणु।
प्रश्न 6.
वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का मिट्टी में स्थिरीकरण करने वाले सूक्ष्मजीवों के नाम लिखिए।
उत्तर:
वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का मिट्टी में स्थिरीकरण करने वाले सूक्ष्मजीव हैं – राइजोबीय जीवाणु, मिट्टी में उपस्थित जीवाणु तथा नीले-हरे शैवाल।


प्रश्न 7.
हमारे जीवन में उपयोगी सूक्ष्मजीवों के बारे में 10 पंक्तियाँ लिखिए।
उत्तर:

(1)सूक्ष्मजीवों का उपयोग पर्यावरण को स्वच्छ रखने में किया जाता है।
(2)जीवाणुओं का उपयोग औषधि बनाने में किया जाता है।
(3)इनका उपयोग टीका बनाने में किया जाता है।
(4)ये कृषि में मृदा की उर्वरता में वृद्धि करने में सहायक
(5)इनका उपयोग ब्रेड, केक एवं दही आदि बनाने में किया जाता है।
(6)ये पौधों को रोगों से बचाने में भी सहायक हैं।
(7)ये जन्तुओं को बीमारी से बचाने में सहायक हैं।
(8)ये किण्वन प्रक्रिया में सहायक हैं।
(9)ये शराब, ऐल्कोहॉल, ऐसीटिक अम्ल आदि बनाने में सहायक है।
(10)अचार, पनीर तथा अन्य खाद्य पदार्थ भी इनकी सहायता से बनाये जाते हैं।



प्रश्न 8.
सूक्ष्मजीवों द्वारा होने वाले हानिकारक प्रभावों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
सूक्ष्मजीवों द्वारा होने वाली हानियाँ निम्नलिखित हैं –

(1)सूक्ष्मजीव संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में संचरणीय रोग फैलाते हैं। जैसे-क्षयरोग, हैजा आदि।
(2)कुछ सूक्ष्मजीव जन्तुओं में रोग उत्पन्न करते हैं। जैसे-जीवाणु द्वारा एंथ्रेक्स।
(3)कुछ सूक्ष्मजीव भोजन को विषाक्त कर देते हैं जिसके खाने से मनुष्य की मृत्यु तक हो सकती है।
(4)कुछ जीव पौधों में रोग उत्पन्न करते हैं। जैसे-गेहूँ की रस्ट कवक से, नींबू कैंकर जीवाणु से तथा भिण्डी की पीत विषाणु से आदि।



प्रश्न 9.
प्रतिजैविक क्या हैं? प्रतिजैविक लेते समय कौन-सी सावधानियाँ रखनी चाहिए?
उत्तर:
ऐसी औषधियाँ जो बीमारी पैदा करने वाले सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर देती हैं अथवा उनकी वृद्धि को रोक देती हैं, प्रतिजैविक कहलाती हैं। ऐसी औषधियों का स्रोत सूक्ष्मजीव होते हैं।

प्रतिजैविक लेते समय सावधानियाँ:


(1)प्रतिजैविक दवाएँ डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेनी चाहिए और उस दवा का पूरा कोर्स करना चाहिए।
(2)आवश्यकता न होने पर प्रतिजैविक का उपयोग नहीं करना चाहिए। (3)अनावश्यक रूप से प्रतिजैविक का उपयोग उतना प्रभावी नहीं होता।
(4)अनावश्यक रूप से ली गई प्रतिजैविक शरीर में उपस्थित उपयोगी जीवाणुओं को नष्ट कर देती है।
(5)सर्दी-जुकाम एवं फ्लू में प्रतिजैविक का उपयोग नहीं करना चाहिए।

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