सीधी:बलात्कार के आरोपी को 14 वर्ष का सश्रम कारावास

Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

सीधी:बलात्कार के आरोपी को 14 वर्ष का सश्रम कारावास



सीधी:बलात्कार के आरोपी को 14 वर्ष का सश्रम कारावास


जिला अभियोजन अधिकारी कार्यालय सीधी के मीडिया सेल प्रभारी / सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कु. सीनू वर्मा द्वारा बताया गया कि थाना जमोड़ी के अपराध क्रमांक 501/19 म.प्र. शासन विरूद्ध बंशबहादुर सिंह गोड़ बगै. के प्रकरण में माननीय तृतीय अपर सत्र न्यायालय सीधी द्वारा विचारण उपरांत दिनांक 27.01.2022 को, पीडि़ता के साथ बलात्कार करने के आरोप में अभियुक्त बंशबहादुर सिंह गोड़ को धारा 376(1) भादवि में 14 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रूपए जुर्माना एवं धारा 506 भाग(2) भादवि में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपए जुर्माने की राशि से दण्डित करने का निर्णय पारित किया गया।  
प्रकरण के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि दिनांक 24.11.19 को रात्रि 9:00 बजे फरियादिया/पीडि़ता घर में अकेली थी। पीडिता के माता-पिता सीधी मजदूरी करने चले गए थे। पीडि़ता गांव की रामकली सिंह गोड के घर गई थी। वहां पर ग्राम बारम्बातबा टोला का आरोपी वंश बहादुर सिंह गोड मिला जो जबरजस्ती अरहर की खेत तरफ ले गया और उसने पीडि़ता के साथ गलत काम किया। पीडि़ता के हल्ला-गोहार करने पर आरोपी ने उसे जान से खत्म करने की धमकी दिया। इसके उपरांत पीडि़ता ने माता-पिता को पूरी घटना बताई। पीडि़ता की शिकायत पर पुलिस थाना जमोड़ी द्वारा अपराध क्र. 501/19 अंतर्गत धारा 376(2), 506, 34  भादवि एवं पॉक्सो एक्ट ¾ के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना पश्चात् अभियोग पत्र माननीय न्यायालय सीधी के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसके न्यायालयीन सत्र प्रकरण क्रमांक 23/20 में शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती भारती शर्मा द्वारा विचारण के दौरान शसक्त पैरवी करते हुए आरोपी को अधिकतम सजा दिये जाने की अपील की। अभियोजन साक्षीगण की उपस्थिति सुनिश्चित कराये जाने में कोर्ट मोहर्रिर शिरीष मिश्रा द्वारा सहयोग प्रदान किया गया। विचारण पश्चात् अभियुक्त को संदेह से परे दोषसिद्ध प्रमाणित कराया गया, जिसके आधार पर अभियुक्त बंशबहादुर सिंह गोड़ उर्फ संजू पिता रोहिणी सिंह गोड़ उम्र-24 वर्ष निवासी बरमबाबा टोला को धारा 376(1) भादवि में 14 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रूपए जुर्माना एवं धारा 506 भाग(2) भादवि में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपए जुर्माने की राशि से दण्डित किया गया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ