सीधी:शादी का झांसा देकर नाबालिग से दुष्‍कर्म करने के आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास व अर्थदंड

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सीधी:शादी का झांसा देकर नाबालिग से दुष्‍कर्म करने के आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास व अर्थदंड



सीधी:शादी का झांसा देकर नाबालिग से दुष्‍कर्म करने के आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास व अर्थदंड


सीधी। विशेष न्‍यायाधीश पॉक्‍सो एक्‍ट सह तृतीय अपर सत्र न्‍यायाधीश सीधी द्वारा विचारण उपरांत थाना कमर्जी के अपराध क्रमांक 33/19 म.प्र. शासन विरूद्ध मनोज कुमार बंशल के प्रकरण में दिनांक 01.04.2022 को अभियुक्‍त मनोज कुमार बंशल पिता जंगाली बंशल उम्र-28 वर्ष निवासी ग्राम कोल्‍हूडीह थाना कमर्जी जिला सीधी को धारा 376(2)(f) भादवि में 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 2000 रूपए अर्थदंड, धारा 376(2)(n) भादवि में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रूपए अर्थदंड, धारा 376(3) भादवि में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रूपए अर्थदंड एवं धारा 5(j)(ii)/6 पॉक्‍सो एक्‍ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रूपए अर्थदंड की राशि से दण्डित करने का निर्णय पारित किया गया। उक्‍त प्रकरण में शासन की ओर से सशक्‍त पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती भारती शर्मा के द्वारा की गई।

जिला अभियोजन अधिकारी कार्यालय सीधी के मीडिया सेल प्रभारी/सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कु. सीनू वर्मा द्वारा बताया गया कि दिनांक 11.03.19 को अभियोक्‍त्री ने थाना कमर्जी में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि माह-अक्‍टूबर 2018 में मनोज कुमार बंशल बाहर से गांव आया था, जो रिश्‍ते में अभियोक्‍त्री का चाचा लगता है। अभियोक्‍त्री के घर दिनांक 07.10.18 को शाम करीबन 4:00 बजे जब अभियोक्‍त्री के बब्‍बा घर पर नहीं थे आया, उससे बात करता रहा। उसके बाद अभियोक्‍त्री से लपट पड़ा तथा उसके साथ गलत काम (बलात्‍कार) करने लगा, जब अभियोक्‍त्री चिल्‍लाने लगी तो मुंह दबाने लगा। बोला कि हल्‍ला करोगी तो जान से मार देगा। उसके बाद अभियोक्‍त्री के बब्‍बा आते दिखे तो मनोज भाग गया। तब से आरोपी मनोज शादी का झांसा देकर अभियोक्‍त्री के साथ लगातार 15 दिन तक गलत काम (बलात्‍कार) करता रहा, जिससे अभियोक्‍त्री को चार माह का गर्भ ठहर गया। इसके बाद दिनांक 04.03.19 को जब उसके माता-पिता घर आए तब उसने मां को पूरी घटना बताई। अभियोक्‍त्री की शिकायत पर आरोपी मनोज कुमार बंशल के विरूद्ध पुलिस थाना कमर्जी द्वारा अपराध क्र. 33/19 अंतर्गत धारा 376, 506 भादवि एवं ¾ पॉक्‍सो एक्‍ट के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया गया। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्‍यायालय सीधी के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया। अभियोग पत्र में प्रस्‍तुत दस्‍तावेज के आधार पर माननीय न्‍यायालय के द्वारा भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 376(2)(f), 376(2)(n), 376(3), 506 भाग-2 एवं पॉक्‍सो एक्‍ट की धारा 5(l)/6, 5(n)/6, 5(j)(ii)/6 का आरोप अभियुक्‍त के विरूद्ध विरचित किया गया। जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती भारती शर्मा के द्वारा सशक्‍त पैरवी करते हुए अभियुक्‍त को अधिकतम सजा दिये जाने का निवेदन किया। विचारण पश्‍चात न्‍यायालयीन विशेष सत्र प्रकरण क्रमांक 51/19 में माननीय न्‍यायालय द्वारा अभियुक्‍त मनोज कुमार बंशल को संदेह से परे दोषसिद्ध प्रमाणित कराया गया।

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