भोले सदन नगर परिषद मझौली में श्रीमद्भागवत महापुराण कथा:22 अप्रैल से 5 मई तक सुमधुर में संचारित रहेगी भागवत कथा

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भोले सदन नगर परिषद मझौली में श्रीमद्भागवत महापुराण कथा:22 अप्रैल से 5 मई तक सुमधुर में संचारित रहेगी भागवत कथा



भोले सदन नगर परिषद मझौली में श्रीमद्भागवत महापुराण कथा:22 अप्रैल से 5 मई तक सुमधुर में संचारित रहेगी भागवत कथा


 मझौली। श्रीमद् भागवत कथा महापुराण का भव्य आयोजन भोले सदन नगर परिषद मझौली में किया गया है। यह कथा 28 अप्रैल से 5 मई 2022 तक संचारित की जाएगी। जहां पर प्रयागराज से पधारे व्यासपीठाचार्य श्रीमज्जगद्गुरु रामानुजाचार्य श्री स्वामी घनश्यामाचार्य जी महाराज ने प्रथम दिवस पर  कथा का वृतांत सुनाते हुए कहा कि एक बार सनकादिक ऋषि और सूद जी महाराज विराजमान थे तो उन्होंने ये प्रश्न किया की कलयुग के लोगों का कल्याण कैसे होगा ? आप देखिये किसी भी पुराण में किसी और युग के लोगो की चिंता नहीं की पर कलयुग के लोगों के कल्याण की चिंता हर पुराण और वेद में की गई कारण क्या है ? क्योकि कलयुग का प्राणी अपने कल्याण के मार्ग को भूल कर केवल अपने मन की ही करता है जो उसके मन को भाये वह बस वही कार्य करता है और फिर कलयुग के मानव की आयु कम है और शास्त्र ज्यादा है तो फिर एक कल्याण का मार्ग बताया भागवत कथा। श्रीमद भागवत कथा सुनने मात्र से ही जीव का कल्याण हो जाता है महाराज श्री ने कहा कि व्यास जी ने जब इस भगवत प्राप्ति का ग्रंथ लिखा, तब भागवत नाम दिया गया। बाद में इसे श्रीमद् भागवत नाम दिया गया। इस श्रीमद् शब्द के पीछे एक बड़ा मर्म छुपा हुआ है श्री यानी जब धन का अहंकार हो जाए तो भागवत सुन लो, अहंकार दूर हो जाएगा।
व्यक्ति इस संसार से केवल अपना कर्म लेकर जाता है। इसलिए अच्छे कर्म करो। भाग्य, भक्ति, वैराग्य और मुक्ति पाने के लिए भगवत की कथा सुनो। केवल सुनो ही नहीं बल्कि भागवत की मानों भी। सच्चा हिन्दू वही है जो कृष्ण की सुने और उसको माने , गीता की सुनो और उसकी मानों भी , माँ - बाप, गुरु की सुनो तो उनकी मानो भी तो आपके कर्म श्रेष्ठ होंगे और जब कर्म श्रेष्ठ होंगे तो आप को संसार की कोई भी वस्तु कभी दुखी नहीं कर पायेगी। और जब आप को संसार की किसी बात का फर्क पड़ना बंद हो जायेगा तो निश्चित ही आप वैराग्य की और अग्रसर हो जायेगे और तब ईश्वर को पाना सरल हो जायेगा। 
और आगे स्वामी जी ने बताया कि हैदराबाद मैं समता के प्रतीक श्री मत जगतगुरु रामानुजाचार्य जी की 216 फिट ऊंची अष्टधातु की मूर्ति का निर्माण हुआ है श्री रामानुज स्वामी जी का सहस्राब्दी समारोह उनके प्रति कृतज्ञता के रूप में स्वर्ण मूर्ति का निर्माण कर मनाया गया जहां पर 108 दिव्य देशों का का निर्माण हुआ जिसका अनावरण माननीय भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने किया एवं भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी स्वर्ण मूर्ति का लोकार्पण किया उस कार्यक्रम मैं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पूरे समारोह मैं प्रधान भूमिका निभा रहे थे इस पावन समारोह में भारत के विभिन्न प्रांत से पूज्य धर्माचार्य गण पधारे गृहमंत्री अमित शाह  एवं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक माननीय  मोहन भागवत  पधारे एवं परम पूज्य श्री स्वामी जी भी उस कार्यक्रम में गए थे जिसका उन्होंने वर्तमान में श्री रामानुज स्वामी जी का समता सिद्धांत की आवश्यकता है कथा के माध्यम से भक्तों को उपदेश दिया।कथा मे मुख्य यजमान के रुप मे शंकर प्रसाद द्विवेदी चक्रधर द्विवेदी विराजमान है जहां पर कथा श्रवण करने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है।

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