बघेली फिल्म की शूटिंग का हुआ आयोजन,फिल्म मातृभाषा के साथ बने व समाज को अच्छा संदेश मिले मूल उद्देश्य--अविनाश

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बघेली फिल्म की शूटिंग का हुआ आयोजन,फिल्म मातृभाषा के साथ बने व समाज को अच्छा संदेश मिले मूल उद्देश्य--अविनाश




बघेली फिल्म की शूटिंग का हुआ आयोजन,फिल्म मातृभाषा के साथ बने व समाज को अच्छा संदेश मिले मूल उद्देश्य--अविनाश 

मझौली /सीधी

 जिला ही नहीं अपितु पूरे विंध्य क्षेत्र में बघेली भाषा में फिल्म बनाने वाले चर्चित  कलाकार अविनाश तिवारी "अविनाश फिल्म्स"बैनर तले इन दिनों महिला सशक्तिकरण के लिए बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ के उद्देश्य को लेकर फिल्म की शूटिंग के लिए जनपद मझौली के ग्राम करमाई में अपनी टीम के साथ पहुंचे हैं जहां कई जगह की शूटिंग की गई है। मीडिया से रूबरू होते हुए श्री तिवारी ने कहा कि फिल्म कई भाषाओं में बनाई जा रही हैं इसलिए मेरे भी दिमाग में आया कि क्यों ना अपनी मातृभाषा में फिल्म बनाकर उसके लिए कुछ योगदान किया जाए जिससे बघेली भाषा का विस्तार भी हो और साथ में उद्देश परक फिल्म होने से समाज को एक अच्छा संदेश जाए इस सोच के साथ 5 वर्ष पूर्व छोटी छोटी फिल्मों के जरिए शुरुआत किया था लेकिन अगर सोशल मीडिया में आंकड़ा लगाया जाए तो हमारे फिल्म को देखने एवं पसंद करने वालों की संख्या करोड़ों में पहुंच चुकी है इसलिए लगा कि अपने अंचल से लोगों के वास्तविक जिंदगी को लेकर अपनी मातृभाषा में फिल्म बनाया जाए साथ ही उन्होंने अपने लोकप्रिय डायलॉग का शानदार प्रस्तुतीकरण दिया जिसके कारण उन्हें खास पहचान मिली।बनने वाली  फिल्म "सुखिया"के बारे में बताया है कि फिल्म महिला सशक्तिकरण एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को लेकर बनाई गई है जिसमें यह दिखाने का प्रयास किया गया है कि किस तरह आज भी ग्रामीण क्षेत्र में बेटियों को आगे बढ़ने में समाज की संकीर्ण मानसिकता होती है फिर भी विषम परिस्थितियां में बेटियां उच्च मुकाम हासिल करती हैं। इसमें बेटी के पिता की भूमिका में करमाई निवासी पूर्व सरपंच सुखदेव सिंह बघेल हैं जिनके आवास में ही पूरी टीम ठहर कर शूटिंग कर रही है। फिल्म की अदाकारा अन्नपूर्णा द्विवेदी ने बताया कि काम तो हमें मुंबई में भी मिलता है लेकिन जब अपनी मातृभाषा में रोल अदा करने के लिए ऑफर मिलता है तो उसे प्राथमिकता देती हूं और हमें अच्छा भी लगता है वहीं टीम के सीनियर शैलेंद्र तिवारी ने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी कि अश्लीलता से हटकर सामाजिक सरोकारों को लेकर फिल्म बनाया जाए जिसे सब परिवार बैठकर एक साथ देख सकें वहीं टीम के सदस्य चक्रेश सूर्या ने कहा कि बघेली भाषा पूरी समझ में नहीं आती है फिर भी बोलने में जो मिठास  और सहजता,सरलता बघेली भाषा में है वह आत्मीयता पैदा करती है और अच्छा भी लगता है। सुखदेव सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि निजी जिंदगी में भी मैं पिता की जिम्मेदारी निभा रहा हूं अब पर्दे की दुनिया में भी पिता की भूमिका में नजर आऊंगा जो मेरे लिए गर्व और खुशी की बात है। टीम के सदस्यों में गीतांजलि तिवारी, शोभित लौडेड,राकी  लौडेड, कृष्णा मिश्रा, विनीत पांडेय, नवीन तिवारी, अभिषेक तिवारी,रवि कांत शर्मा,अजय तिवारी,बृजेश शुक्ला, व्यंकट रमण सिंह,पूजा द्विवेदी आदि।

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