स्कूल ने प्रबंधन ने देवी मंदिर के जमीन पर किया अतिक्रमण, मना करने पर देते हैं धमकी,पुजारी पुलिस पर भी लगाए गंभीर आरोप

Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

स्कूल ने प्रबंधन ने देवी मंदिर के जमीन पर किया अतिक्रमण, मना करने पर देते हैं धमकी,पुजारी पुलिस पर भी लगाए गंभीर आरोप



स्कूल ने प्रबंधन ने देवी मंदिर के जमीन पर किया अतिक्रमण, मना करने पर देते हैं धमकी,पुजारी पुलिस पर भी लगाए गंभीर आरोप



प्रसिद्ध कुलदेवी देवी मन्दिर प्रांगण में स्कूल प्रबंधन का अतिक्रमण जारी।


 मझौली। जिला अंतर्गत उपखंड मझौली में लगातार राजस्व एवं वन भूमियों में भू माफियाओं का अतिक्रमण जारी है । जिसके प्रति शासन प्रशासन कोई गंभीरता दिखाता नजर नहीं आ रहा बल्कि शिकायतकर्ताओ पर लगाम लगाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं जिस का ताजा मामला मझौली नगर परिषद के प्रसिद्ध कुलदेवी मंदिर मडफहा महारानी से निकल कर आया है जहां  सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय प्रबंधन का कब्जा एवं अतिक्रमण जारी है प्रशासन इनके खिलाफ कार्यवाही करने के बजाए आवाज उठाने वालों पर ही शिकंजा कस रहा है बता दें कि उपखंड मझौली अंतर्गत नगर परिषद मझौली में सदियों पूर्व से मां मडफहा देवी मंदिर के नाम से विख्यात देवी मंदिर नगर परिषद के मुख्य बाजार के पूर्व में स्थित है  सभी जाति समुदाय के कुलदेवी माता के नाम से जानी जाती हैं जहां पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में भक्तगण पहुंच देवी की पूजा अर्चना किया करते हैं इसी मंदिर के ठीक बाजू में नाम मात्र की जमीन पर शिशु से लेकर 12वीं तक के सरस्वती शिशु मंदिर के नाम से विद्यालय संचालित है खबर है कि पूर्व से बने धर्मशाला में जो स्वर्गी प्रेमवती गुप्ता के नाम से मौजूद था 1995 से 1998 के बीच कब्जा कर विद्यालय  कब्जा कर शिशु से पश्चिमी तक का स्कूल संचालन किया था जो अब लगातार देवी मंदिर के भूमि जिसका खसरा नंबर 168 रकबा 0.41 हेक्टेयर है जहां लोग भंडारा किया करते थे अतिक्रमण जारी कर रखे हैं । मंदिर के पुजारी द्वारा आरोप लगाते हुए कहा गया कि मंदिर प्रांगण में निर्मित कुआं जिससे पानी निकाल कर देवी देवताओं को नहलाया जाता था उसमें कचरा डालकर नष्ट कर दिया गया। अब मंदिर  भूमि को अपने कब्जे में लेने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं अभी हाल ही में विद्यालय प्रबंधन द्वारा मंदिर भूमि पर पिलर तैयार कर बाउंड्री निर्माण कराया जा रहा है जबकि मेरे  द्वारा दिए गए आवेदन पत्र में तहसीलदार मझौली द्वारा सीमांकन ना होने तक काम बंद करने का लेख किया था। जिसे नगर परिषद में भी दिया गया है यहां भी दिखाया गया।लेकिन विद्यालय प्रबंधन इसे नजरअंदाज करते हुए काम चालू कर रखा है मना करने पर  गाली-गलौज करते हुए हंड्रेड डायल की पुलिस बुला दिया और पहुंच पकड़ एवं पैसे के बल पर मुझे प्रताड़ित कराया जा रहा है पुलिस द्वारा मुझे उठाकर बगैर जूते चप्पल के अचानक थाने ले जाया गया जहां से एसडीओपी मैडम के द्वारा मुझे छुड़वाया गया जब तक मैं मंदिर पहुंचता माता की मुकुट उड़ा दी गई है। विद्यालय प्रबंधन द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है मैं भी थाने में रिपोर्ट किया हूं लेकिन किसी तरह की कार्यवाही नहीं की गई। बल्कि 22 जुलाई को शाम 7 बजे पुनः पुलिस आई और हमी को धमकाने डराने लगी। विदित हो कि मझौली उपखंड में कई विद्यालय शासन के नियमों दरकिनार करते हुए संचालित हैं मिली जानकारी के अनुसार इस विद्यालय कि जो जानकारी दी गई है वह दूसरे स्थान दूसरे नंबर की भूमि पर संचालित है लेकिन वास्तविकता यह है कि नाम मात्र की जमीन में इतनी बड़ी विद्यालय संचालित है इतना ही नहीं संज्ञान में आया है कि ताला में संचालित विद्यालय भी पंचायत के सचिवालय में कब्जा कर संचालित किया गया है विद्यालय के इस कार्यप्रणाली को नजरअंदाज करना शासन प्रशासन पर सवालिया निशान लगा रहा हैअब देखना होगा जबकि विद्यालय प्रबंधन मंदिर की भूमि जो  लोगों के बैठने उठने के साथ भंडारा आयोजित करने का स्थान था उस पर विद्यालय प्रबंधन कब्जा जमा रखा है। खबर प्रकाशन के बाद शासन-प्रशासन क्या कुछ कार्यवाही कर पाता है।

पुजारी का बयान👇👇👇

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ