सौंर्य जागरण यात्रा पहुंची मझौली जगह-जगह हुआ स्वागत,तहसील प्रागण हनुमान मंदिर में सामूहिक रूप से किया गया स्वागत सम्मान

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सौंर्य जागरण यात्रा पहुंची मझौली जगह-जगह हुआ स्वागत,तहसील प्रागण हनुमान मंदिर में सामूहिक रूप से किया गया स्वागत सम्मान



सौंर्य जागरण यात्रा पहुंची मझौली जगह-जगह हुआ स्वागत,तहसील प्रागण हनुमान मंदिर में सामूहिक रूप से किया गया स्वागत सम्मान
 
 मझौली।10 सितंबर से प्रदेश के महाकौशल प्रांत मंडला जिले के वीर भूमि से विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल द्वारा संयुक्त रूप से निकल गई सौंर्य जागरण यात्रा सीधी जिले में प्रवेश किया। इस दौरान हिंदू संगठनों के सदस्यों एवं पदाधिकारी द्वारा स्वतंत्रता सेनानी एवं देश सेवा में अमर शहीद बलिदानियों के सौंर्य को नमन कर उनके परिजनों को बजरंग दल विश्व हिंदू परिषद का स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए सम्मानित किया गया। तथा यात्रा के उद्देश्य से अवगत कराया गया यह यात्रा जैसे सीधी जिले के मझौली ब्लाक पहुंची जगह-जगह कलस जला पुष्प वर्षा कर यात्रा का आत्मीय स्वागत सम्मान किया गया। वही क्षेत्र के हिंदू संगठनों एवं धर्म प्रेमियों द्वारा सामूहिक रूप से यात्रा का स्वागत सम्मान तहसील प्रांगण मझौली में बजरंगबली मंदिर स्थल पर किया गया जहां पर देवी रूपी कन्याओं द्वारा कलश जलाकर यात्रा का सरगर्मी के साथ स्वागत सम्मान किया गया वहीं हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए लोगों द्वारा रथ में विराजमान प्रभु श्री राम, लक्ष्मण माता सीता की आरती किया जाकर प्रसाद वितरण किया गया। तथा जय श्री राम जय हनुमान की नारे लगाए गए।यात्रा का नेतृत्व कर रहे हिंदू संगठन विश्व हिंदू परिषद व बंजरग दल के पदाधिकारी द्वारा अयोध्या में निर्माण हो रही प्रभु राम की मंदिर के लिए 5 सौ वर्षों से विभिन्न हिंदू संगठनों एवं लोगों द्वारा जो कुर्बानी दी गई हैं से अवगत कराते हुए उन अमर वीर बलिदानियों की जीवन गाथा का वर्णन कर देश के युवाओं को देश व समाज के लिए बलिदान और समर्पण के लिए प्रेरणा दी गई।
 साथ ही मीडिया को यात्रा के मूल उद्देश्य अवगत कराते हुए बताया कि यह यात्रा 10 सितंबर से प्रदेश की वीर भूमि मंडला जिले से प्रारंभ की गई है जिसका समापन 22 सितंबर को बलिदानी रानी दुर्गावती की नगरी जबलपुर में किया जाएगा। यात्रा का मूल उद्देश्य उन वीर सेनानियों एवं बलिदानियों जिन्होंने देश हुआ मंदिर निर्माण के लिए अपनी एवं अपने धन संपत्ति को कुर्बान किया है उनकी प्रतिमाओं को नमन करते हुए उनके परिजनों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया जा रहा है। अपने सम्मान की प्रभुता को बनाए रखने सब का दायित्व है कि देश और सम्मान के लिए अपने आपको कुर्बान कर दें। यात्रा के माध्यम से देश के युवाओं को बीर बलदानियों के जीवन गाथा से अवगत कराते हुए जन जागृत करना है।

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